योगाचार दर्शन
योगाचार दर्शन(विज्ञानवाद)
परिभाषा
- जो 'बाह्यार्थ सर्वथा असत हैं और एकमात्र विज्ञान ही सत है'- ऐसा मानते हैं, वे विज्ञानवादी कहलाते हैं।
- ये दो प्रकार के होते हैं, यथा
- आगमानुयायी और
- युक्ति-अनुयायी।
- आर्य असङ्ग, वसुबन्धु आदि आगमानुयायी तथा आचार्य दिङ्नाग, धर्मकीर्ति आदि युक्ति-विज्ञानवादी हैं।
- विज्ञानवादियों का एक भिन्न प्रकार से भी द्विविध विभाजन किया जाता है, यथा-
- सत्याकार विज्ञानवादी एवं
- मिथ्याकार विज्ञानवादी।
- भोटदेशीय विद्वानों के मतानुसार आगमानुयायी और युक्ति-अनुयायी दोनों प्रकार के विज्ञानवादियों में सत्याकारवादी और मिथ्याकारवादी होते हैं।