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'''लालधर त्रिपाठी''' का जन्म [[वर्ष]] [[1916]] ई. में [[गोरखपुर]], [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। ये विश्वविख्यात [[कवि]] [[रविन्द्रनाथ टैगोर]] के शिष्य थे। | '''लालधर त्रिपाठी''' का जन्म [[वर्ष]] [[1916]] ई. में [[गोरखपुर]], [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। ये विश्वविख्यात [[कवि]] [[रविन्द्रनाथ टैगोर]] के शिष्य थे। | ||
− | *त्रिपाठी जी ने अपने गुरु रविन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध रचना ' | + | *त्रिपाठी जी ने अपने गुरु रविन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध रचना '[[गीतांजलि]]' का [[हिन्दी]] में अनुवाद किया था, जिसकी भूमिका महाप्राण [[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला|निराला जी]] ने लिखी। [[1951]] में इसके दो संस्करण हुए। |
*'प्रिय प्रवास', 'दर्शन', 'दिनकर का काव्य', 'कामायनी का विवेचन', 'हिन्दी काव्य का विकास' तथा 'काव्यांग परिचय' आदि लालधर त्रिपाठी की प्रमुख कृतियाँ है। | *'प्रिय प्रवास', 'दर्शन', 'दिनकर का काव्य', 'कामायनी का विवेचन', 'हिन्दी काव्य का विकास' तथा 'काव्यांग परिचय' आदि लालधर त्रिपाठी की प्रमुख कृतियाँ है। | ||
*लालधर त्रिपाठी प्रचार-प्रसार और पुरस्कार-सम्मान आदि से हमेशा दूर रहे। | *लालधर त्रिपाठी प्रचार-प्रसार और पुरस्कार-सम्मान आदि से हमेशा दूर रहे। | ||
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13:35, 2 जून 2015 के समय का अवतरण
लालधर त्रिपाठी का जन्म वर्ष 1916 ई. में गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। ये विश्वविख्यात कवि रविन्द्रनाथ टैगोर के शिष्य थे।
- त्रिपाठी जी ने अपने गुरु रविन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध रचना 'गीतांजलि' का हिन्दी में अनुवाद किया था, जिसकी भूमिका महाप्राण निराला जी ने लिखी। 1951 में इसके दो संस्करण हुए।
- 'प्रिय प्रवास', 'दर्शन', 'दिनकर का काव्य', 'कामायनी का विवेचन', 'हिन्दी काव्य का विकास' तथा 'काव्यांग परिचय' आदि लालधर त्रिपाठी की प्रमुख कृतियाँ है।
- लालधर त्रिपाठी प्रचार-प्रसार और पुरस्कार-सम्मान आदि से हमेशा दूर रहे।
- इनका ‘अनजनेय’ नामक महाकाव्य काफ़ी चर्चित रहा था।।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ काशी के साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 22 जनवरी, 2014।
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