गोनर्द

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गोनर्द पाली ग्रंथ 'सुत्तनिपात' के अनुसार विदिशा तथा उज्जयिनी के मार्ग के बीच में स्थित एक नगर था। इस नगर को शुंग काल के उद्भट विद्वान् पंतजलि का जन्म स्थान माना जाता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 300 |

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