"ज़िका विषाणु": अवतरणों में अंतर
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}} | }}'''ज़िका''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Zika virus'') एक ख़तरनाक [[विषाणु]] है। यह फ़्लैवीविरिडए विषाणु परिवार से है, जो [[दिन]] के समय सक्रिय रहते हैं। मानव में यह मामूली बीमारी के रूप में जाना जाता है, जिसे 'ज़िका बुखार', 'ज़िका' या 'ज़िका बीमारी' कहते हैं। सन [[1947]] के दशक से इस बीमारी का पता चला। यह [[अफ़्रीका]] से [[एशिया]] तक फैला हुआ है। यह [[2014]] में [[प्रशांत महासागर]] से फ्रेंच पॉलीनेशिया तक और उसके बाद [[2015]] में यह मैक्सिको, मध्य अमेरिका तक भी पहुँच गया। [[विश्व स्वास्थ्य संगठन]] ने [[भारत]] सहित उन सभी देशों को चेतावनी जारी की है, जहां एडीज मच्छरों के वाहक पाए जाते हैं और जो [[डेंगू]] व चिकुनगुनिया को जन्म देते हैं। एडीज ऐगिपटाए मच्छर ज़िका विषाणु को जन्म देते हैं, जो डेंगू और चिकुनगुनिया भी फैलाता है। दोनों ही बीमारियाँ भारत जैसे [[उष्ण कटिबंध|उष्ण कटिबंधीय देशों]] के लिए बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं। | ||
'''ज़िका''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Zika virus'') एक ख़तरनाक [[विषाणु]] है। यह | |||
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ज़िका विषाणु | ज़िका विषाणु फ़्लैवीविरिडए<ref>Flaviviridae</ref> [[विषाणु]] परिवार और फ्लैविविषाणु<ref>flavivirus</ref> जीन्स का एक सदस्य है। यह विषाणु [[दिन]] के समय सक्रिय ऐडीज मच्छरों द्वारा प्रेषित होता है। मनुष्यों में इस विषाणु को ज़िका बुखार, ज़िका या ज़िका रोग के रूप में जाना जाता है। ज़िका विषाणु सबसे पहले वैज्ञानिकों द्वारा युगांडा के ज़िका वन में [[अप्रैल]], [[1947]] में एक '''रीसस मकाक बंदर''' से पृथक किया गया था। इस बुखार को [[1952]] में ज़िका विषाणु के रूप में वर्णित किया गया। यह विषाणु मनुष्यों में [[1968]] में नाइज़ीरिया में पहली बार अलग किया गया थ। यह [[1950]] के दशक से ही [[अफ्रीका]] से [[एशिया]] तक एक संकीर्ण इक्वेटोरियल बेल्ट के भीतर फैलता है। [[वर्ष]] [[2007]] में पहली बार ज़िका विषाणु अफ्रीका और एशिया के बाहर माइक्रोनेशिया के याप द्वीप समूह में पाया गया। | ||
==प्रभावित क्षेत्र== | ==प्रभावित क्षेत्र== | ||
सन [[1951]] से [[1981]] के मध्य इस [[विषाणु]] का प्रकोप मध्य अफ्रीकी गणराज्य, [[मिस्र]], गैबॉन, सिएरा लियोन, तंजानिया, युगांडा से लेकर [[भारत]], इंडोनेशिया, [[मलेशिया]], फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम सहित [[एशिया]] के कुछ हिस्सों में पाया गया। वर्ष [[2014]] में यह विषाणु पूर्व की ओर [[प्रशांत महासागर]] के पार फ्रेंच पोलिनेशिया तक, उसके बाद ईस्टर द्वीप तक और [[2015]] में मैक्सिको, मध्य अमेरिका, कैरिबियन और दक्षिण अमेरिका, जहाँ ज़िका प्रकोप महामारी के स्तर तक पहुँच गया है। | सन [[1951]] से [[1981]] के मध्य इस [[विषाणु]] का प्रकोप मध्य अफ्रीकी गणराज्य, [[मिस्र]], गैबॉन, सिएरा लियोन, तंजानिया, युगांडा से लेकर [[भारत]], इंडोनेशिया, [[मलेशिया]], फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम सहित [[एशिया]] के कुछ हिस्सों में पाया गया। वर्ष [[2014]] में यह विषाणु पूर्व की ओर [[प्रशांत महासागर]] के पार फ्रेंच पोलिनेशिया तक, उसके बाद ईस्टर द्वीप तक और [[2015]] में मैक्सिको, मध्य अमेरिका, कैरिबियन और दक्षिण अमेरिका, जहाँ ज़िका प्रकोप महामारी के स्तर तक पहुँच गया है। | ||
====शिशुओं में जन्मदोष का कारण 'ज़िका'==== | ====शिशुओं में जन्मदोष का कारण 'ज़िका'==== | ||
[[विश्व स्वास्थ्य संगठन]] ने मच्छर जनित विषाणु ‘ज़िका’ के प्रसार को लेकर अंतरराष्ट्रीय आपात स्थिति घोषित कर दी है। गर्भवती महिलाओं को इस विषाणु के कारण सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। | [[विश्व स्वास्थ्य संगठन]] ने मच्छर जनित विषाणु ‘ज़िका’ के प्रसार को लेकर अंतरराष्ट्रीय आपात स्थिति घोषित कर दी है। गर्भवती महिलाओं को इस विषाणु के कारण सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। डब्ल्यू.एच.ओ. प्रमुख का कहना है कि जन्म दोष में तेज़ीसे बढ़ोतरी के लिए ज़िम्मेदार कहा जा रहा ‘ज़िका’ विषाणु भयावह ढंग से फैल रहा है। ज़िका जन्म दोष और माइक्रोसेफली जैसी मस्तिष्क संबंधी विकारों के लिए ज़िम्मेदार है। माइक्रोसेफली के कारण बच्चे असामान्य रूप से छोटे सिर के साथ पैदा होते हैं। | ||
==लक्षण और रोग== | ==लक्षण और रोग== | ||
[[चित्र:Zika-Virus-Infected-Babies-Chid.jpg|thumb|left|250px|जिका विषाणु से प्रभावित शिशु]] | [[चित्र:Zika-Virus-Infected-Babies-Chid.jpg|thumb|left|250px|जिका विषाणु से प्रभावित शिशु]] | ||
#ज़िका विषाणु से संक्रमण के आम लक्षण- हल्के सिरदर्द, लाल चकत्ते, बुखार, बेचैनी, | #ज़िका विषाणु से संक्रमण के आम लक्षण- हल्के सिरदर्द, लाल चकत्ते, बुखार, बेचैनी, कंजाक्टिवाइटिस और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। | ||
#यह विषाणु मुख्य रूप से बंदरों और इंसानों को प्रभावित करता है। | #यह विषाणु मुख्य रूप से बंदरों और इंसानों को प्रभावित करता है। | ||
#माइक्रोसेफली रोग के लिए भी यह विषाणु उत्तरदायी होता है। इस रोग से दिमाग का विकास नहीं हो पाता। | #माइक्रोसेफली रोग के लिए भी यह विषाणु उत्तरदायी होता है। इस रोग से दिमाग का विकास नहीं हो पाता। | ||
#संक्रमित वयस्कों में तंत्रिका संबंधी अवस्था, जैसे की गुल्लैन बार्रे<ref>Guillain-Barre</ref> सिंड्रोम के लिए भी यह विषाणु | #संक्रमित वयस्कों में तंत्रिका संबंधी अवस्था, जैसे की गुल्लैन बार्रे<ref>Guillain-Barre</ref> सिंड्रोम के लिए भी यह विषाणु ज़िम्मेदार होना पाया गया है। | ||
==हस्तांतरण== | ==हस्तांतरण== | ||
*ज़िका विषाणु, | *ज़िका विषाणु, ऐडीज एजिप्टी मच्छर जो की दिन के समय में सक्रिय होते हैं, से फैलता है। इसके अलावा यह वृक्षवासी मच्छरों<ref>जैसे कि Aapicoargenteus, Afurcifer, A hensilli, A luteocephalus और A vitattus</ref> से भी फैलता है। | ||
*यह विषाणु यौन संपर्क के माध्यम से मनुष्यों के बीच विस्थापित हो सकता है। यह नाल पार कर एक अजन्मे भ्रूण को प्रभावित कर सकता है। पहले से ही प्रसव के समय के निकट एक माँ ज़िका विषाणु उसके नवजात शिशु को पारित कर सकती है, लेकिन यह दुर्लभ है। | *यह विषाणु यौन संपर्क के माध्यम से मनुष्यों के बीच विस्थापित हो सकता है। यह नाल पार कर एक अजन्मे भ्रूण को प्रभावित कर सकता है। पहले से ही प्रसव के समय के निकट एक माँ ज़िका विषाणु उसके नवजात शिशु को पारित कर सकती है, लेकिन यह दुर्लभ है। | ||
==रोकथाम व उपचार== | ==रोकथाम व उपचार== | ||
इसके रोकथाम के लिए कोई टीका या दवा उपलब्ध नहीं है। इसका इलाज आराम करके, तरल पदार्थ खा कर और पेरासिटामोल की | इसके रोकथाम के लिए कोई टीका या दवा उपलब्ध नहीं है। इसका इलाज आराम करके, तरल पदार्थ खा कर और पेरासिटामोल की दवा ले कर किया जा सकता है। एस्पिरिन और अन्य गैर स्टेरायडल विरोधी भड़काऊ दवाओं का इस्तेमाल तभी होता है, जब [[डेंगू]] की संभावना से इन्कार कर दिया गया है, ऐसा रक्त स्राव के जोखिम को कम करने के लिए करते हैं। | ||
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08:19, 10 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
ज़िका विषाणु
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विवरण | 'ज़िका' एक ख़तरनाक विषाणु है। इसके संक्रमण से ऐसी बीमारी हो रही है, जिससे बच्चों में मस्तिष्क का विकास रुक जाता है और उनके मस्तिष्क का आकार भी सामान्य से छोटा हो जाता है। |
समुदाय | ग्रुप IV |
कुल | फ़्लैवीविरिडए |
वंश | पीत विषाणु |
जाति | ज़िका विषाणु |
अन्य जानकारी | सन 1951 से 1981 के मध्य तक ज़िका का प्रकोप मध्य अफ्रीकी गणराज्य, मिस्र, गैबॉन, सिएरा लियोन, तंजानिया, युगांडा से लेकर भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम सहित एशिया के कुछ हिस्सों में पाया गया था। |
ज़िका (अंग्रेज़ी: Zika virus) एक ख़तरनाक विषाणु है। यह फ़्लैवीविरिडए विषाणु परिवार से है, जो दिन के समय सक्रिय रहते हैं। मानव में यह मामूली बीमारी के रूप में जाना जाता है, जिसे 'ज़िका बुखार', 'ज़िका' या 'ज़िका बीमारी' कहते हैं। सन 1947 के दशक से इस बीमारी का पता चला। यह अफ़्रीका से एशिया तक फैला हुआ है। यह 2014 में प्रशांत महासागर से फ्रेंच पॉलीनेशिया तक और उसके बाद 2015 में यह मैक्सिको, मध्य अमेरिका तक भी पहुँच गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत सहित उन सभी देशों को चेतावनी जारी की है, जहां एडीज मच्छरों के वाहक पाए जाते हैं और जो डेंगू व चिकुनगुनिया को जन्म देते हैं। एडीज ऐगिपटाए मच्छर ज़िका विषाणु को जन्म देते हैं, जो डेंगू और चिकुनगुनिया भी फैलाता है। दोनों ही बीमारियाँ भारत जैसे उष्ण कटिबंधीय देशों के लिए बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं।
इतिहास
ज़िका विषाणु फ़्लैवीविरिडए[1] विषाणु परिवार और फ्लैविविषाणु[2] जीन्स का एक सदस्य है। यह विषाणु दिन के समय सक्रिय ऐडीज मच्छरों द्वारा प्रेषित होता है। मनुष्यों में इस विषाणु को ज़िका बुखार, ज़िका या ज़िका रोग के रूप में जाना जाता है। ज़िका विषाणु सबसे पहले वैज्ञानिकों द्वारा युगांडा के ज़िका वन में अप्रैल, 1947 में एक रीसस मकाक बंदर से पृथक किया गया था। इस बुखार को 1952 में ज़िका विषाणु के रूप में वर्णित किया गया। यह विषाणु मनुष्यों में 1968 में नाइज़ीरिया में पहली बार अलग किया गया थ। यह 1950 के दशक से ही अफ्रीका से एशिया तक एक संकीर्ण इक्वेटोरियल बेल्ट के भीतर फैलता है। वर्ष 2007 में पहली बार ज़िका विषाणु अफ्रीका और एशिया के बाहर माइक्रोनेशिया के याप द्वीप समूह में पाया गया।
प्रभावित क्षेत्र
सन 1951 से 1981 के मध्य इस विषाणु का प्रकोप मध्य अफ्रीकी गणराज्य, मिस्र, गैबॉन, सिएरा लियोन, तंजानिया, युगांडा से लेकर भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम सहित एशिया के कुछ हिस्सों में पाया गया। वर्ष 2014 में यह विषाणु पूर्व की ओर प्रशांत महासागर के पार फ्रेंच पोलिनेशिया तक, उसके बाद ईस्टर द्वीप तक और 2015 में मैक्सिको, मध्य अमेरिका, कैरिबियन और दक्षिण अमेरिका, जहाँ ज़िका प्रकोप महामारी के स्तर तक पहुँच गया है।
शिशुओं में जन्मदोष का कारण 'ज़िका'
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मच्छर जनित विषाणु ‘ज़िका’ के प्रसार को लेकर अंतरराष्ट्रीय आपात स्थिति घोषित कर दी है। गर्भवती महिलाओं को इस विषाणु के कारण सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। डब्ल्यू.एच.ओ. प्रमुख का कहना है कि जन्म दोष में तेज़ीसे बढ़ोतरी के लिए ज़िम्मेदार कहा जा रहा ‘ज़िका’ विषाणु भयावह ढंग से फैल रहा है। ज़िका जन्म दोष और माइक्रोसेफली जैसी मस्तिष्क संबंधी विकारों के लिए ज़िम्मेदार है। माइक्रोसेफली के कारण बच्चे असामान्य रूप से छोटे सिर के साथ पैदा होते हैं।
लक्षण और रोग

- ज़िका विषाणु से संक्रमण के आम लक्षण- हल्के सिरदर्द, लाल चकत्ते, बुखार, बेचैनी, कंजाक्टिवाइटिस और जोड़ों में दर्द शामिल हैं।
- यह विषाणु मुख्य रूप से बंदरों और इंसानों को प्रभावित करता है।
- माइक्रोसेफली रोग के लिए भी यह विषाणु उत्तरदायी होता है। इस रोग से दिमाग का विकास नहीं हो पाता।
- संक्रमित वयस्कों में तंत्रिका संबंधी अवस्था, जैसे की गुल्लैन बार्रे[3] सिंड्रोम के लिए भी यह विषाणु ज़िम्मेदार होना पाया गया है।
हस्तांतरण
- ज़िका विषाणु, ऐडीज एजिप्टी मच्छर जो की दिन के समय में सक्रिय होते हैं, से फैलता है। इसके अलावा यह वृक्षवासी मच्छरों[4] से भी फैलता है।
- यह विषाणु यौन संपर्क के माध्यम से मनुष्यों के बीच विस्थापित हो सकता है। यह नाल पार कर एक अजन्मे भ्रूण को प्रभावित कर सकता है। पहले से ही प्रसव के समय के निकट एक माँ ज़िका विषाणु उसके नवजात शिशु को पारित कर सकती है, लेकिन यह दुर्लभ है।
रोकथाम व उपचार
इसके रोकथाम के लिए कोई टीका या दवा उपलब्ध नहीं है। इसका इलाज आराम करके, तरल पदार्थ खा कर और पेरासिटामोल की दवा ले कर किया जा सकता है। एस्पिरिन और अन्य गैर स्टेरायडल विरोधी भड़काऊ दवाओं का इस्तेमाल तभी होता है, जब डेंगू की संभावना से इन्कार कर दिया गया है, ऐसा रक्त स्राव के जोखिम को कम करने के लिए करते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- भयावह ढंग से फैल रहा है 'ज़िका' विषाणु, भारत में भी बढ़ा खतरा
- क्या है जीका वायरस ? भारत सहित कई देशों के लिए जारी हुआ अलर्ट