कपोतक

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कपोतक (डव) एक पक्षी है, जो कबूतरों[1] का निकट संबंधी है। यह 'पँड़की', 'फाखता', 'पंडुक' और 'सिरोटी' के नाम से भी प्रसिद्ध है।[2] वैसे तो इसकी कई जातियाँ सारे संसार में फैली हुई हैं, परंतु उनमें से निम्नलिखित विशेष प्रसिद्ध हैं-

धवर

धवर[3] कद में सब कपोतकों से बड़ा और राख के रंग का होता है, जिसके गले में काला कंठा-सा रहता है।

काल्हक

काल्हक[4] धवर से कुछ छोटा और भूरे रंग का होता है। इसके ऊपरी भाग पर काले रंग की चित्तियाँ और चिह्न पड़े रहते हैं।

चितरोखा

चितरोखा[5] काल्हक से कुछ छोटा, परंतु सबसे सुंदर होता है। इसके अगले ऊपरी काले भाग में सफ़ेद रंग की बिंदियाँ और पिछले भूरे भाग में कत्थई चित्तियाँ पड़ी रहती हैं।

टूटरूँ

टूटरूँ[6] उपर्युक्त तीनों कपोतकों से छोटा होता है। इसका ऊपरी भाग भूरा और छाती से नीचे का भाग सफ़ेद रहता है। गले पर काली पट्टी रहती है, जिस पर सफ़ेद बिंदियाँ रहती हैं।

इँटकोहरी

इँटकोहरी[7] का रंग ईंट जैसा और कद सबसे छोटा होता है। पूँछ के नीचे का भाग सफ़ेद रंग का और गले में काला कंठा रहता है।

स्टॉक डव

यह धवर से कुछ छोटा होता है, परंतु रंग उससे कुछ गाढ़ा होता है। इसके गले में धवर की तरह कंठा नहीं रहता। इसकी मादा पेड़ों के कोटरों में अंडे देती है।

कॉलर्ड या बारबरी डव

यह उत्तरी अमरीका का प्रसिद्ध कपोतक है, जिसके शरीर का रंग चंदन के समान और गले में काला कंठा रहता है।

शैल कपोतक

शैल कपोतक[8] से हमारे पालतू कबूतर उत्पन्न किए गए हैं।

विपाली कपोतक (मोर्निग डव)

विपाली कपोतक[9] छोट कद का होता है।

स्वभाव तथा प्रकृति

कपोतक 12 इंच तक लंबे, भोले-भाले पक्षी होते हैं। इनकी प्रकृति, स्वभाव तथा अन्य बातें कपोतों से मिलती-जुलती हैं। कपोत की तरह ये भी अनाज और बीज आदि से अपना पेट भरते हैं और इन्हीं की भाँति इनका अंडा देने का समय भी वर्ष में दो बार आता है। तब मादा अपने मचाननुमा, तितरे-बितरे घोंसले में सफ़ेद रंग के दो अंडे देती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कोलंबिडी गण
  2. कपोतक (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 21 जुलाई, 2014।
  3. रिंग डव
  4. टर्टल डव
  5. स्पॉटेड डव
  6. ब्राउन डव
  7. रेड टर्टल डव
  8. रॉक डव
  9. मोर्निग डव

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