लामा (पशु)

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लामा

लामा दक्षिणी अमेरिका के एण्डीज पर्वतों के वनों में पाया जाने वाला जीव है। यह दिखने में ऊँट के ही समान होता है। 'लामा' की पूँछ बहुत छोटी होती है तथा इसका शरीर बालों से ढँका रहता है। इस जीव के लिए टेढ़े-मेढ़े चट्टानी या पहाड़ी इलाके बाधक नहीं होते। हर प्रकार की स्थिति में लामा बड़ी आसानी से चल-फिर सकते हैं।

रंग तथा आवास

ऊँट को रेगिस्तान का जहाज़ कहा जाता है, क्योंकि यह दूर-दूर तक बिछी रेत पर आसानी से चल व दौड़ सकता है, संसार में इसकी कुछ अनोखी प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं। लामा भी उन्हीं प्रजातियों में से एक है। लामा सफ़ेद और काले दोनों रंग में पाया जाता है। पहाड़ों और जंगलों में इनके झुंड के झुंड घूमा करते हैं। झुंड के कुछ लामा रखवाली भी करते हैं, जो चीख कर खतरे या संकट की सूचना अपने साथियों को तुरंत देते हैं।

प्रकार

लामा को मानव द्वारा पालतू भी बनाया जाता है। पालतू लामा पशुओं में नर लामा भार ढोने के काम आते हैं व मादा से दूध प्राप्त किया जाता है। लामा पशुओं की तीन प्रमुख नस्लें होती हैं-

  1. ग्वानको
  2. विक्यूना
  3. अल्पका
लामा

ग्वानको दक्षिण अफ़्रीका के दक्षिणी मैदानों में मिलता है। अल्पका, लामा की एक पालतू जाति है। इसका शरीर मुलायम रोओं से ढँका रहता है, जिससे रेशम तैयार किया जाता है। ग्वानको और अल्पका के अतिरिक्त लामाओं की जाति है- विक्यूना, जो एण्डीज पर्वत पर काफ़ी ऊँचाई पर पाया जाता है। ये वहाँ के मूल निवासियों के लिए बड़े महत्त्वपूर्ण रहे हैं और वे इसे राजसी 'लामा' मानते हैं।

उपयोग

मनुष्य द्वारा लामा का उपयोग कई प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है, किंतु मृत्यु को प्राप्त हो जाने के बाद भी लामा का शरीर कई प्रकार से उपयोग में आता है। इसकी खाल से जूते बनाये जाते हैं। बाल मजबूत रस्सी बनाने के काम आते हैं। इसकी चर्बी से मोमबत्तियाँ बनाई जाती हैं। सन 1953 में फ़्राँसिस्को पिजारो के सेनापतित्व में स्पेन के सैनिकों ने जब दक्षिणी अमेरिका के पेरू प्रदेश पर अधिकार कर लिया, तब ठिगने कद-काठी के बिना कूबड़ वाले ऊँटों को देखकर वे आश्चर्य में पड़ गए थे और तभी से 'लामा' संपूर्ण दुनिया में ‍चर्चित हो गए।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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