"ब्रह्मचारी ठाकुर बाड़ी वृन्दावन": अवतरणों में अंतर
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*उन्होंने अपने गुरु श्रीगिरिधारीदास ब्रह्मचारी जी को सेवा का भार अर्पण कर दिया था। | *उन्होंने अपने गुरु श्रीगिरिधारीदास ब्रह्मचारी जी को सेवा का भार अर्पण कर दिया था। | ||
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16:25, 14 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
- ग्वालियर के महाराज जिया जी सिंधिया ने 1860 ई. में इस भव्य मन्दिर का निर्माण किया था।
- उन्होंने अपने गुरु श्रीगिरिधारीदास ब्रह्मचारी जी को सेवा का भार अर्पण कर दिया था।
- इस मन्दिर में श्रीराधागोपाल, हंसगोपाल तथा नित्यगोपाल-तीन विग्रह पृथक्-पृथक् प्रकोष्ठों में विराजमान हैं।
- पत्थरों से निर्मित यह भव्य मन्दिर दर्शन योग्य है।
- यह मन्दिर लालाबाबू मन्दिर के पास ही है।