- मथुरा देवी मन्दिर से होकर पूर्व की ओर जाने पर भगवान् श्रीपद्मनाभ का चौबेया पाड़ा में मन्दिर है।
- गर्भोदशायी भगवान् पद्मनाभ के नाभिस्थल से निकली हुई कमल डण्डी से नि:सृत पद्म के ऊपर लोक पितामह ब्रह्माजी का जन्म होता है और उन्हीं की कृपा से वे वैराज ब्रह्मजी स्थूल-ब्राह्माण्ड की सृष्टि करते हैं।