साहित्य अकादमी
साहित्य अकादमी
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उद्देश्य | प्रकाशन, अनुवाद, गोष्ठियां, कार्यशालाएं आयोजित करके भारतीय साहित्य के विकास को बढ़ाना |
स्थापना | 12 मार्च, 1954 |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
संबंधित लेख | साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी |
पत्रिकाएँ | इंडियन लिटरेचर, समकालीन भारतीय साहित्य, संस्कृत प्रतिभा |
अन्य जानकारी | साहित्य अकादमी लेखकों को चुनकर सर्वोच्च सम्मान अपनी 'मानद उपाधि' देती है। यह सम्मान अमर साहित्यकारों के लिए सुरक्षित है तथा एक बार में 21 लोगों को दिया जाता है। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
साहित्य अकादमी विभिन्न भाषाओं की कृतियों की राष्ट्रीय अकादमी है। इसका उद्देश्य प्रकाशन, अनुवाद, गोष्ठियां, कार्यशालाएं आयोजित करके भारतीय साहित्य के विकास को बढ़ाना है। इसके अंतर्गत देश भर में सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम और साहित्य सम्मेलन भी आयोजित किए जाते हैं। भारतीय साहित्य का विकास करने तथा उसके स्तर को ऊंचा करने के लिए, सभी भारतीय भाषाओं में साहित्य को परिपोषित करने तथा उनमें समंवय स्थापित करके देश में सांस्कृतिक एकता स्थापित करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने 1954 में साहित्य अकादमी की स्थापना की। इस अकादमी के क्षेत्रीय कार्यालय बम्बई, बेंगळूरू, कलकत्ता तथा चेन्नई में स्थित है।
स्थापना
साहित्य अकादमी की स्थापना 12 मार्च, 1954 में स्वायत्त संस्था के रूप में की गई थी और इसके लिए धन की व्यवस्था भारत सरकार का संस्कृति विभाग करता है। अकादमी का समिति के रूप में पंजीकरण 1956 में हुआ था। साहित्य अकादमी ने 24 भाषाओं को मान्यता दे रखी है। प्रत्येक भाषा के लिए सलाहकार बोर्ड है जो संबद्ध भाषा के कामकाज और प्रकाशन के बारे में सलाह देता है। अकादमी के चार क्षेत्रीय बोर्ड हैं जो उत्तर, पश्चिम, पूर्व और दक्षिण की भाषाओं के बीच तालमेल और परस्पर आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देते हैं। साहित्य अकादमी का मुख्यालय नई दिल्ली में है तथा कोलकाता, मुम्बई, बैंगलूर और चेन्नई में भी इसके कार्यालय हैं। अकादमी के बैंगलूर और कोलकाता में दो अनुवाद केन्द्र भी हैं। मौखिक और जनजातीय साहित्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शिलांग में अकादमी का परियोजना कार्यालय स्थित है तथा दिल्ली में भारतीय साहित्य का अभिलेखागार है। नई दिल्ली में ही अकादमी का अनूठा बहुभाषीय पुस्तकालय भी है। जिसके क्षेत्रीय कार्यालय बैंगलूर और कोलकाता में हैं। इनमें 25 से ज़्यादा भाषाओं की क़रीब डेढ़ लाख पुस्तकों का संग्रह है।
उद्देश्य
साहित्य अकादमी लेखकों को चुनकर सर्वोच्च सम्मान अपनी 'मानद उपाधि' देती है। यह सम्मान अमर साहित्यकारों के लिए सुरक्षित है तथा एक बार में 21 लोगों को दिया जाता है। अकादमी 850 लेखकों और 283 अनुवादकों को साहित्य तथा अनुवाद के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित कर चुकी है और 21 भाषा सम्मान दिए जा चुके हैं। जिनका उद्देश्य क्षेत्रीय भाषाऔं को प्रोत्साहन देना है। साथ ही भारतीय साहित्य में महत्त्वपूर्ण योगदान करने वाले विदेशी विद्वानों को मानद उपाधि प्रदान की गई है। साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी के विद्वान साहित्यकारों को दिया जा चुका है।
कार्य पद्धति
साहित्य अकादमी 24 भाषाओं में पुस्तकें प्रकाशित करती है। जिनमें पुरस्कृत कृतियों का अनुवाद, भारतीय साहित्य के महान् लेखकों के मोनोग्राफ, साहित्य का इतिहास, अनुवाद में महान् भारतीय और विदेशी रचनाएं, उपन्यास, कविता और गद्य, आत्मकथाएं, अनुवादकों का रजिस्टर, भारतीय लेखकों के बारे में जानकारी (कौन, क्या है) भारतीय साहित्य की राष्ट्रीय संदर्भ सूची और भारतीय साहित्य का विश्वकोष शामिल है।
कार्य
साहित्य अकादमी के प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं-
- साहित्यिक रचनाओं का एक भारतीय भाषा से दूसरी भारतीय भाषाओं में तथा गैर- भारतीय भाषाओं से अनुवाद करना।
- साहित्यों के इतिहास तथा आलोचाना सम्बन्धी रचानाओं का प्रकाशन करना।
- ग्रंथ सूचियों तथा आत्माकथाओं जैसी सन्दर्भ पुस्तकों तथा देवनागरी एवं अन्य भारतीय लिपियों में पुस्तकों का प्रकाशन करना।
- जनसामान्य में साहित्य के अध्ययन को लोकप्रिय बनाना।
मान्य भाषाएँ
भारत के संविधान में परिगणित 22 भाषाओं के अतिरिक्त साहित्य अकादमी अंग्रेज़ी और राजस्थानी को ऐसी भाषाओं के रूप में मान्यता प्रदान कर चुकी है, जिसमें उसका कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा सकता है। इन 24 भारतीय भाषाओं में साहित्यिक कार्यक्रम लागू करने के लिए जो परामर्श मंडल गठित किए गए हैं।
प्रधान कार्यालय
साहित्य अकादमी का प्रधान कार्यालय अथवा मुख्यालय रवीन्द्र भवन, 35 फीरोजशाह मार्ग, नई दिल्ली 110001 में स्थित है। यह भव्य भवन रवीन्द्रनाथ ठाकुर की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में सन् 1961 में निर्मित हुआ था। इसमें तीनों राष्ट्रीय अकादेमियाँ- संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी और साहित्य अकादमी स्थित हैं। यह कार्यालय डोगरी, अंग्रेज़ी, हिन्दी, कश्मीरी, मैथिली, नेपाली, पंजाबी, राजस्थानी, संस्कृत, संथाली और उर्दू के प्रकाशनों तथा कार्यक्रमों की देखरेख करता है और इन भाषाओं के संदर्भ में क्षेत्रीय कार्यालय के रूप में कार्य करता है।
क्षेत्रीय कार्यालय
- कोलकाता कार्यालय
यह क्षेत्रीय कार्यालय असमिया, बांग्ला , बोडो, मणिपुरी और उड़िया में अकादमी के प्रकाशन और कार्यक्रमों की देखरेख करता है। इसके अतिरिक्त अंग्रेज़ी और तिब्बती भाषा की कुछ पुस्तकें भी यहाँ से प्रकाशित होती हैं। यह अन्य उत्तर-पूर्वी भाषाओं में भी कार्यक्रमों का संयोजन करता है। यहाँ पर एक बड़ा पुस्तकालय भी है।
- बेंगलूरू कार्यालय
यह क्षेत्रीय कार्यालय अंग्रेज़ी की कुछ पुस्तकों के अतिरिक्त कन्नड़, मलयाळम्, तमिळ और तेलुगु में अकादमी के प्रकाशन और कार्यक्रमों की देखरेख करता है। यह कार्यालय सेंट्रल कॉलेज परिसर में स्थित है। यहाँ पर एक बड़ा पुस्तकालय भी है।
- चेन्नई कार्यालय
सन् 2000 में स्थापित यह कार्यालय बेंगलूरु कार्यालय के कुछ कामों की देखरेख करता है।
- मुंबई कार्यालय
इसकी स्थापना सन् 1972 में हुई। यह कार्यालय हिन्दी और अंग्रेज़ी के कुछ प्रकाशनों सहित गुजराती, कोंकणी, मराठी और सिन्धी में अकादमी के प्रकाशनों और कार्यक्रमों की देखरेख करता है।[1]
पुस्तकालय
साहित्य अकादमी का पुस्तकालय भारत के प्रमुख बहुभाषिक पुस्तकालयों में से एक है, यहाँ पर अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त चौबीस भाषाओं में विविध साहित्यिक और संबद्ध विषयों की पुस्तकें उपलब्ध हैं। यह पुस्तकालय समालोचनात्मक पुस्तकों, अनूदित कृतियों, संदर्भ ग्रंथों तथा शब्दकोशों के समृद्ध संग्रह के लिए जाना जाता है।
प्रकाशन
अभी तक अकादमी इन विभिन्न श्रेणियों में कुल 4000 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित कर चुकी है। अकादमी की तीन पत्रिकाएं हैं-अंग्रेज़ी में द्विमासिक 'इंडियन लिटरेचर', हिन्दी द्विमासिक 'समकालीन भारतीय साहित्य' और संस्कृत छमाही पत्रिका 'संस्कृत प्रतिभा'। अकादमी द्वारा दो पुस्तक मालाओं - 'भारत की विभित्र भाषाओं के साहित्य का इतिहास' तथा 'भारतीय साहित्य के निर्माता' का भी प्रकाशन प्रारम्भ किया गया है। इसमें प्राचीन काल से लेकर वर्तमान समय तक के देश भर के श्रेष्ठ रचनाकारों का संक्षिप्त जीवन - परिचय और साहित्य का मूल्यांकन प्रस्तुत करने की योजना है। अकादमी हर वर्ष औसतन 250 से 300 पुस्तकें प्रकाशित करती है। इसकी कई विशेष परियोजनाएं भी हैं। जैसे - प्राचीन भारतीय साहित्य, मध्यकालीन भारतीय साहित्य, और आधुनिक भारतीय साहित्य और पांच सहस्राब्दियों के दस सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ। अकादमी ने 'भारतीय काव्यशास्त्र का विश्वकोश' तैयार करने की नई परियोजना भी शुरू की है, जिसमें अकादमी 22 मान्यताप्राप्त भाषाओं के 1000 से भी अधिक लेखकों की सहायता से भारतीय साहित्य का एक विस्तृत विश्वकोष तैयार कर रही है।
पुरस्कार
- अकादमी साहित्य के इतिहास एवं सौंदर्यशास्त्र जैसे विभिन्न विषयों पर हर वर्ष अनेक क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन करती है। साथ ही नियमित रूप से अनुवाद कार्यशालाएं भी लगाई जाती हैं।
- अकादमी हर वर्ष, सामान्यत: फ़रवरी के महीने में, सप्ताह भर का साहित्योत्सव आयोजित करती है। जिसमें पुरस्कार वितरण समारोह, संवत्सर भाषण माला और राष्ट्रीय संगोष्ठी शामिल रहती है।
- अकादमी द्वारा श्रेष्ठ महिला साहित्य सर्जकों को चुनकर उन्हें फैलोशिप प्रदान की जाती है तथा प्रतिवर्ष अंग्रेज़ी सहित 23 भाषाओं के सर्वश्रेष्ठ लेखकों को 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित करती है।
- अकादमी ने स्वर्ण जयंती समारोहों के अंतर्गत 2004-05 में 'सूर साहित्य' विषय से कार्यक्रमों की नई श्रृंखला भी आरंभ की है।
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टीका-टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ साहित्य अकादेमी की स्थापना (हिंदी) साहित्य अकादमी (आधिकारिक वेबसाइट)। अभिगमन तिथि: 23 दिसम्बर, 2013।
बाहरी कड़ियाँ
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