सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान
सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान
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विवरण | 'सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान' भारतीय उपमहाद्वीप का एक अग्रणी शोध संस्थान है। संस्थान जैव प्रौद्योगिकी के संस्थापित तथा उभरते हुए क्षेत्रों में समेकित शोध के लिए समर्पित है। |
देश | भारत |
स्थापना | 1984 |
उद्देश्य | मौलिक वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि अर्जित करना तथा उससे नई प्रौद्योगिकियों का विकास करना। |
संबंधित लेख | वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद |
अन्य जानकारी | 'सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान' 'वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद' की 38 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में से एक है और इसकी सबसे नवीनतम प्रयोगशाला है। |
सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान (इमटैक) भारतीय उपमहाद्वीप का एक अग्रणी शोध संस्थान है। अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप यह जैव प्रौद्योगिकी के संस्थापित तथा उभरते हुए क्षेत्रों में समेकित शोध के लिए समर्पित है। संस्थान का लक्ष्य मौलिक वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि अर्जित करना तथा उससे नई प्रौद्योगिकियों का विकास करना भी है। सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान के अनुसंधानविदों ने अपनी उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय, दोनों स्तरों पर ख़ास पहचान अर्जित की है।
स्थापना
वर्ष 1984 में स्थापित 'सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान' (इमटैक), वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की 38 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में से एक है और इसकी सबसे नवीनतम प्रयोगशाला है। जैव प्रौघोगिकी के क्षेत्र में अग्रणी के तौर पर स्थापित संस्थान लगभग 47 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें से प्रयोगशालाऍं 22 एकड़ क्षेत्र में और आवासीय परिसर 25 एकड़ क्षेत्र में है।
मुख्य भवन
संस्थान का निर्मित क्षेत्र, जो कि लगभग 3.60 लाख वर्ग फुट है, उसमें पॉंच मुख्य भवन हैं-
- मुख्य आर एंड डी ब्लॉक (2.00 लाख वर्ग फीट)
- किण्वन (फर्मेन्टेशन) ब्लॉक (0.50 लाख वर्ग फीट)
- पशु गृह (0.30 लाख वर्ग फीट)
- कार्यशाला, भंडारगृह एवं सर्विस क्षेत्र (0.50 लाख वर्ग फीट)
- जलपानगृह (0.10 लाख वर्ग फीट)
वैज्ञानिक
इस संस्थान की मुख्य परिसंपत्ति है 50 अत्यधिक अभिप्रेरित युवा वैज्ञानिकों का दल, जिसमें से दो तिहाई से अधिक के पास पीएचडी है और उनमें से अधिकतर के पास विश्व-विख्यात प्रयोगशालाओं में कई वर्षों का प्रशिक्षण है। 145 से अधिक उच्च प्रशिक्षित तकनीशियनों और स्नातकों द्वारा समर्थित ये वैज्ञानिक मौलिक एवं प्रयोगमूलक शोध में लगे हुए हैं।[1]
अधिदेश
- सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी के लिए एकीकृत शोध, विज्ञान और डिज़ाइन आधार प्रदान करना।
- अनुवांशिक अभियांत्रिक सहित प्रासंगिक जैवप्रौद्योगि के प्रतिस्थापित तथा नए उभरते क्षेत्रों में मूल तथा अनुप्रयुक्त शोध एवं विकास कार्यक्रम आरम्भ करना।
- वर्तमान में उपलब्ध तथा देश में प्रयोग की जा रही मौजूदा सूक्ष्मजीव प्रक्रियाओं का अनुकूलन।
- जीन पूल संसाधनों तथा सूक्ष्मजीव संवर्धों व अन्य कोशिकीय प्रजातियों के अनुवांशिक भंडारों को विकसित करना व उनका अनुरक्षण करना। यह केन्द्रों को संदर्भ केन्द्र के तौर पर सेवा प्रदान कर सकता है।
- जैव रसायन अभियांत्रिकी, माइक्रोसॉफ्ट प्रणालियों सहित उपकरण विकास एक कम्प्यूटर केन्द्र तथा प्रक्रिया पैरामीटरों के गणितीय माडलों के विकास के लिए सुविधाऍं स्थापित करना।
- प्रक्रिया उपकरणों तथा जैव रिएक्टरों के डिजाइन के लिए सुविधाऍं स्थापित करना।
- सूक्ष्मजीव विज्ञान, सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी तथा जैव रासायनिक अभियांत्रिकी में प्रशिक्षण प्रदान करना।
- शोध कार्यकर्ताओं तथा प्रौद्योगिकीविदों के लिए परीक्षण और पुनश्चर्या पाठ्यक्रम संचालित करना।
- संस्थान की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रलेखन और सूचना पुन:प्राप्ति और प्रसार सुविधाऍँ तथा एक डाटा बैंक स्थापित करना।
- औद्योगिक संयंत्रों के लिए डिजाइन और इंजीनियरिंग संकुलों का निर्माण करने की क्षमता विकसित।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 05 नवम्बर, 2013।
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