सुधर्मण

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सुधर्मण जैन तीर्थंकर महावीर स्वामी के प्रमुख ग्यारह अनुयायियों में से एक था।

  • महावीर स्वामी ने अपने जीवन काल में ही जैन संघ की स्थापना की थी।
  • इस संघ में उन्होंने अपने ग्यारह प्रमुख अनुयायी को शामिल किया था।
  • ये प्रमुख अनुयायी महावीर के गणधर कहे जाते थे।
  • महावीर के जीवनकाल में ही 10 गणधर की मृत्यु हो गई थी।
  • केवल एक गणधर 'सुधर्मण' ही जीवित रहा, जो जैन संघ का प्रथम मुखिया या अध्यक्ष बनाया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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