"नर्गिस": अवतरणों में अंतर
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नर्गिस (जन्म: [[1 जून]], | नर्गिस (जन्म: [[1 जून]] 1929, [[कलकत्ता]]; मृत्यु: [[3 मई]] 1981, [[मुम्बई]]) हिन्दी सिनेमा की महान अभिनेत्रियों में से एक है। नर्गिस का असली नाम '''फातिम रशीद''' था और नर्गिस मशहूर गायिका जद्दनबाई की पुत्री थीं। [[कला]] नर्गिस को विरासत में मिली थी और सिर्फ छह साल की उम्र में नर्गिस ने फ़िल्म '''तलाशे हक''' (1935) से अभिनय की शुरुआत कर दी थी। फ़िल्म [[मदर इंडिया]] में राधा की भूमिका के जरिए भारतीय नारी को एक नया और सशक्त रूप देने वाली नर्गिस हिंदी सिनेमा की महानतम अभिनेत्रियों में से एक थीं, जिन्होंने लगभग 2 दशक लंबे फ़िल्मी सफर में दर्ज़नों यादगार एवं संवदेनशील भूमिकाएँ की और अपने सहज अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया।<ref>{{cite web |url=http://www.khaskhabar.com/indian-women-strong-look-give-it-nargis-062010016961112171.html# |title=भारतीय नारी को सशक्त रूप देने वाली अभिनेत्री थीं नर्गिस |accessmonthday=[[27 सितम्बर]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल. |publisher=खास खबर |language=हिन्दी }}</ref> | ||
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1940 और 50 के दशक में उन्होंने कई फ़िल्मों में काम किया और 1957 में प्रदर्शित [[महबूब खान]] की फ़िल्म मदर इंडिया नर्गिस की सर्वाधिक चर्चित फ़िल्मों में रही। इस फ़िल्म को ऑस्कर के लिए नामित किया गया था। | 1940 और 50 के दशक में उन्होंने कई फ़िल्मों में काम किया और 1957 में प्रदर्शित [[महबूब खान]] की फ़िल्म मदर इंडिया नर्गिस की सर्वाधिक चर्चित फ़िल्मों में रही। इस फ़िल्म को ऑस्कर के लिए नामित किया गया था।<ref name="webdunia">{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/entertainment/film/article/0905/02/1090502117_1.htm |title=नर्गिस : महानतम अभिनेत्रियों में से एक |accessmonthday=[[27 सितम्बर]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल. |publisher=वेबदुनिया |language=हिन्दी }}</ref> | ||
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मदर इंडिया में राधा की भूमिका के लिए नर्गिस को फ़िल्म फेयर सहित कई पुरस्कार मिले। इसी फ़िल्म में शूटिंग के दौरान अभिनेता [[सुनील दत्त]] ने आग से उनकी जान बचाई थी और बाद में दोनों परिणय सूत्र में बँध गए। शादी के बाद नर्गिस ने अभिनय से नाता तोड़ लिया और लाजवंती, अदालत, यादें, रात और दिन जैसी कुछेक फ़िल्मों में ही अभिनय किया। | मदर इंडिया में राधा की भूमिका के लिए नर्गिस को फ़िल्म फेयर सहित कई पुरस्कार मिले। इसी फ़िल्म में शूटिंग के दौरान अभिनेता [[सुनील दत्त]] ने आग से उनकी जान बचाई थी और बाद में दोनों परिणय सूत्र में बँध गए। शादी के बाद नर्गिस ने अभिनय से नाता तोड़ लिया और लाजवंती, अदालत, यादें, रात और दिन जैसी कुछेक फ़िल्मों में ही अभिनय किया।<ref name="webdunia" /> | ||
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अभिनय से अलग होने के बाद नर्गिस सामाजिक कार्य में जुट गईं। नर्गिस ने पति सुनील दत्त के साथ अजंता आर्ट्स कल्चरल ट्रूप की स्थापना की। यह दल सीमाओं पर जाकर जवानों के मनोरंजन के लिए स्टेज शो करता था। इसके अलावा वे स्पास्टिक सोसाइटी से भी जुड़ी रहीं। | अभिनय से अलग होने के बाद नर्गिस सामाजिक कार्य में जुट गईं। नर्गिस ने पति सुनील दत्त के साथ अजंता आर्ट्स कल्चरल ट्रूप की स्थापना की। यह दल सीमाओं पर जाकर जवानों के मनोरंजन के लिए स्टेज शो करता था। इसके अलावा वे स्पास्टिक सोसाइटी से भी जुड़ी रहीं। | ||
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नर्गिस
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पूरा नाम | फातिम रशीद |
प्रसिद्ध नाम | नर्गिस |
जन्म | 1 जून 1929 |
जन्म भूमि | कलकत्ता, पश्चिम बंगाल |
मृत्यु | 3 मई 1981 |
मृत्यु स्थान | मुम्बई, महाराष्ट्र |
पति/पत्नी | सुनील दत्त |
संतान | संजय दत्त, नम्रता दत्त, प्रिया दत्त |
कर्म भूमि | मुम्बई |
कर्म-क्षेत्र | अभिनेत्री |
मुख्य फ़िल्में | मदर इंडिया, आवारा, श्री 420, बरसात, अंदाज, लाजवंती, जोगन परदेशी, रात और दिन |
पुरस्कार-उपाधि | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, कार्लोवी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, पद्मश्री, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री |
प्रसिद्धि | फ़िल्म मदर इंडिया में राधा की भूमिका |
नागरिकता | भारतीय |
अद्यतन | 12:22, 27 सितम्बर 2011 (IST)
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- नर्गिस / फातिम रशीद
नर्गिस (जन्म: 1 जून 1929, कलकत्ता; मृत्यु: 3 मई 1981, मुम्बई) हिन्दी सिनेमा की महान अभिनेत्रियों में से एक है। नर्गिस का असली नाम फातिम रशीद था और नर्गिस मशहूर गायिका जद्दनबाई की पुत्री थीं। कला नर्गिस को विरासत में मिली थी और सिर्फ छह साल की उम्र में नर्गिस ने फ़िल्म तलाशे हक (1935) से अभिनय की शुरुआत कर दी थी। फ़िल्म मदर इंडिया में राधा की भूमिका के जरिए भारतीय नारी को एक नया और सशक्त रूप देने वाली नर्गिस हिंदी सिनेमा की महानतम अभिनेत्रियों में से एक थीं, जिन्होंने लगभग 2 दशक लंबे फ़िल्मी सफर में दर्ज़नों यादगार एवं संवदेनशील भूमिकाएँ की और अपने सहज अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया।[1]
अभिनेताओं के साथ जोड़ी
नर्गिस ने मदर इंडिया के अलावा आवारा, श्री 420, बरसात, अंदाज, लाजवंती, जोगन परदेशी, रात और दिन सहित दर्ज़नों कामयाब फ़िल्मों में बेहतरीन अभिनय किया। राजकपूर के साथ उनकी जोड़ी विशेष रूप से सराही गई और दोनों की जोड़ी को हिंदी फ़िल्मों की सर्वकालीन सफल जोड़ियों में से गिना जाता है। सिनेप्रेमियों ने इस जोड़ी की फ़िल्मों को खूब पसंद किया। इस जोड़ी की हिट फ़िल्मों में आग, बरसात, आह, आवारा, श्री 420, चोरी-चोरी, जागते रहो शामिल हैं। उनकी कई फिल्मों में राजकपूर और दिलीप कुमार नायक थे।
मदर इंडिया में राधा की भूमिका
1940 और 50 के दशक में उन्होंने कई फ़िल्मों में काम किया और 1957 में प्रदर्शित महबूब खान की फ़िल्म मदर इंडिया नर्गिस की सर्वाधिक चर्चित फ़िल्मों में रही। इस फ़िल्म को ऑस्कर के लिए नामित किया गया था।[2]
विवाह
मदर इंडिया में राधा की भूमिका के लिए नर्गिस को फ़िल्म फेयर सहित कई पुरस्कार मिले। इसी फ़िल्म में शूटिंग के दौरान अभिनेता सुनील दत्त ने आग से उनकी जान बचाई थी और बाद में दोनों परिणय सूत्र में बँध गए। शादी के बाद नर्गिस ने अभिनय से नाता तोड़ लिया और लाजवंती, अदालत, यादें, रात और दिन जैसी कुछेक फ़िल्मों में ही अभिनय किया।[2]
सामाजिक कार्य
अभिनय से अलग होने के बाद नर्गिस सामाजिक कार्य में जुट गईं। नर्गिस ने पति सुनील दत्त के साथ अजंता आर्ट्स कल्चरल ट्रूप की स्थापना की। यह दल सीमाओं पर जाकर जवानों के मनोरंजन के लिए स्टेज शो करता था। इसके अलावा वे स्पास्टिक सोसाइटी से भी जुड़ी रहीं।
पुरस्कार
नर्गिस को पद्मश्री सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले। इनमें फ़िल्मफेयर पुरस्कार के अलावा फ़िल्म रात और दिन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनय का राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल है।
- 1957 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार, मदर इंडिया
- 1958 - कार्लोवी (अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव वरी) में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए पुरस्कार, मदर इंडिया
- 1958 - पद्मश्री - पहली फ़िल्म के लिए पुरस्कार
- 1968 - राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, रात और दिन
मृत्यु
बाद में नर्गिस को राज्यसभा के लिए भी नामित किया गया, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं। इसी कार्यकाल के दौरान वे गंभीर रूप से बीमार हो गईं और 3 मई 1981 को कैंसर के कारण उनकी मौत हो गई।
नर्गिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन
नर्गिस की याद में 1982 में नर्गिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की गई। इस प्रकार निधन के बाद भी नर्गिस लोगों के दिल में बसी हुई हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय नारी को सशक्त रूप देने वाली अभिनेत्री थीं नर्गिस (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल.) खास खबर। अभिगमन तिथि: 27 सितम्बर, 2011।
- ↑ 2.0 2.1 नर्गिस : महानतम अभिनेत्रियों में से एक (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल.) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 27 सितम्बर, 2011।
बाहरी कड़ियाँ
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