"चिंतामणी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''चिंतामणी''' का मंदिर महाराष्ट्र राज्य में [[पुणे ज़...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Chintamani-Theoor.jpg|thumb|200px|चिंतामणी गणेश जी की प्रतिमा]]
'''चिंतामणी''' का मंदिर [[महाराष्ट्र]] राज्य में [[पुणे ज़िला|पुणे ज़िले]] के हवेली तालुका में थेऊर नामक गाँव में है। भगवान [[गणेश]] का यह मंदिर महाराष्ट्र में उनके आठ पीठों में से एक है। थेऊर गाँव मुलमुथा नदी के किनारे स्थित है। यहाँ गणेश जी 'चिंतामणी' के नाम से प्रसिद्ध हैं, जिसका अर्थ है कि "यह गणेश सारी चिंताओं को हर लेते हैं और मन को शांति प्रदान करते हैं"।
'''चिंतामणी''' का मंदिर [[महाराष्ट्र]] राज्य में [[पुणे ज़िला|पुणे ज़िले]] के हवेली तालुका में थेऊर नामक गाँव में है। भगवान [[गणेश]] का यह मंदिर महाराष्ट्र में उनके आठ पीठों में से एक है। थेऊर गाँव मुलमुथा नदी के किनारे स्थित है। यहाँ गणेश जी 'चिंतामणी' के नाम से प्रसिद्ध हैं, जिसका अर्थ है कि "यह गणेश सारी चिंताओं को हर लेते हैं और मन को शांति प्रदान करते हैं"।
==स्थिति==
==स्थिति==
भगवान गणेश का यह मंदिर [[पुणे]]-[[सोलापुर]] महामार्ग पर पुणे से 22 किलोमीटर की दूरी पर थेऊर गाँव में स्थित है। इस प्रकार यह मंदिर पुणे के नजदीक स्थित है। यहाँ का वातावरण भी [[हृदय]] को आनंद से भर देता है। इस पवित्र भूमि पर आते ही मन की सारी परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। यह मंदिर एक ऐसा स्थान है, जहाँ चिंतामणि रत्न की प्राप्ति साकार रूप मे होती है।
भगवान गणेश का यह मंदिर [[पुणे]]-[[सोलापुर]] महामार्ग पर पुणे से 22 किलोमीटर की दूरी पर थेऊर गाँव में स्थित है। इस प्रकार यह मंदिर पुणे के नजदीक स्थित है। यहाँ का वातावरण भी [[हृदय]] को आनंद से भर देता है। इस पवित्र भूमि पर आते ही मन की सारी परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। यह मंदिर एक ऐसा स्थान है, जहाँ चिंतामणि रत्न की प्राप्ति साकार रूप मे होती है।
====मंदिर तथा मूर्ति====
====मंदिर तथा मूर्ति====
थेऊर गाँव तीन नदियों- मुला, मुठा और [[भीमा नदी|भीमा]] के संगम पर स्थित है। इस मंदिर के पीछे वाला तालाब 'कडंतीर्थ' कहलाता है। मंदिर के प्रवेश द्वार का मुख उत्तर की ओर है। इसका बाहरी कक्ष, जो लकड़ी का बना है, वह [[इतिहास]] में प्रसिद्ध [[मराठा]] [[पेशवा|पेशवाओं]] द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर के विषय में यह भी कहा जाता है की मुख्य मंदिर श्री मोरया गोसावी के परिवार के धरणीधर महाराज देव ने बनवाया था। [[माधवराव प्रथम|माधवराव पेशवा]] ने लकड़ी का बाहरी कक्ष मंदिर के निर्माण के लागभाग सौ साल बाद बनवाया था। चिंतामणी मंदिर में भगवान [[गणेश]] की जो मूर्ति स्थापित है, उसकी सूड़ बायीं ओर है और इसकी [[आँख|आँखों]] में [[हीरा|हीरे]] जड़े हैं। मूर्ति का मुँह पूरब की ओर है। कहा जाता है की गणेशजी को चिंतामणी नामक हीरा, संत कपिला के लिये, इस जगह पर मिला था। संत कपिला ने वह हीरा गणेशजी के गले में पहना दिया। इसलिये यहाँ गणेश का नाम 'चिंतामणी' पड़ा। यह सब घटनाक्रम एक कदम्ब वृक्ष के नीचे हुआ था, इसीलिए थेऊर गाँव पहले कडंब नगर के नाम से जाना जाता था। थेऊर के चिंतामणी पेशवा माधवराव प्रथम के कुल देवता थे।
थेऊर गाँव तीन नदियों- मुला, मुठा और [[भीमा नदी|भीमा]] के संगम पर स्थित है। इस मंदिर के पीछे वाला तालाब 'कडंतीर्थ' कहलाता है। मंदिर के प्रवेश द्वार का मुख उत्तर की ओर है। इसका बाहरी कक्ष, जो लकड़ी का बना है, वह [[इतिहास]] में प्रसिद्ध [[मराठा]] [[पेशवा|पेशवाओं]] द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर के विषय में यह भी कहा जाता है की मुख्य मंदिर श्री मोरया गोसावी के परिवार के धरणीधर महाराज देव ने बनवाया था। [[माधवराव प्रथम|माधवराव पेशवा]] ने लकड़ी का बाहरी कक्ष मंदिर के निर्माण के लागभाग सौ साल बाद बनवाया था। चिंतामणी मंदिर में भगवान [[गणेश]] की जो मूर्ति स्थापित है, उसकी सूड़ बायीं ओर है और इसकी [[आँख|आँखों]] में [[हीरा|हीरे]] जड़े हैं। मूर्ति का मुँह पूरब की ओर है। कहा जाता है की गणेशजी को चिंतामणी नामक हीरा, संत कपिला के लिये, इस जगह पर मिला था। संत कपिला ने वह हीरा गणेशजी के गले में पहना दिया। इसलिये यहाँ गणेश का नाम 'चिंतामणी' पड़ा। यह सब घटनाक्रम एक कदम्ब वृक्ष के नीचे हुआ था, इसीलिए थेऊर गाँव पहले कडंब नगर के नाम से जाना जाता था। थेऊर के चिंतामणी पेशवा माधवराव प्रथम के कुल देवता थे।<ref>{{cite web |url=http://hi.bappamorya.com/GaneshotsavSummary.aspx|title=गणेशोत्सव सार|accessmonthday=31 जनवरी|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
पंक्ति 9: पंक्ति 10:
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.myvishwa.com/public/PublicBlog/readblog/5104125604459846097 अष्टविनायक, चिंतामणि]
*[http://astrobix.com/hindudharm/post/shree-ashtavinayak-yatra-shri-siddhivinayak-siddhatek.aspx श्री अष्टविनायक]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{हिन्दू तीर्थ}}{{महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल}}
{{हिन्दू तीर्थ}}{{महाराष्ट्र_के_धार्मिक_स्थल}}{{महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल}}
[[Category:महाराष्ट्र]][[Category:हिन्दू तीर्थ]][[Category:महाराष्ट्र के धार्मिक स्थल]][[Category:हिन्दू धार्मिक स्थल]][[Category:महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:हिन्दू धर्म]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]]
[[Category:महाराष्ट्र]][[Category:हिन्दू तीर्थ]][[Category:महाराष्ट्र के धार्मिक स्थल]][[Category:हिन्दू धार्मिक स्थल]][[Category:महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:हिन्दू धर्म]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

11:08, 22 नवम्बर 2016 के समय का अवतरण

चिंतामणी गणेश जी की प्रतिमा

चिंतामणी का मंदिर महाराष्ट्र राज्य में पुणे ज़िले के हवेली तालुका में थेऊर नामक गाँव में है। भगवान गणेश का यह मंदिर महाराष्ट्र में उनके आठ पीठों में से एक है। थेऊर गाँव मुलमुथा नदी के किनारे स्थित है। यहाँ गणेश जी 'चिंतामणी' के नाम से प्रसिद्ध हैं, जिसका अर्थ है कि "यह गणेश सारी चिंताओं को हर लेते हैं और मन को शांति प्रदान करते हैं"।

स्थिति

भगवान गणेश का यह मंदिर पुणे-सोलापुर महामार्ग पर पुणे से 22 किलोमीटर की दूरी पर थेऊर गाँव में स्थित है। इस प्रकार यह मंदिर पुणे के नजदीक स्थित है। यहाँ का वातावरण भी हृदय को आनंद से भर देता है। इस पवित्र भूमि पर आते ही मन की सारी परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। यह मंदिर एक ऐसा स्थान है, जहाँ चिंतामणि रत्न की प्राप्ति साकार रूप मे होती है।

मंदिर तथा मूर्ति

थेऊर गाँव तीन नदियों- मुला, मुठा और भीमा के संगम पर स्थित है। इस मंदिर के पीछे वाला तालाब 'कडंतीर्थ' कहलाता है। मंदिर के प्रवेश द्वार का मुख उत्तर की ओर है। इसका बाहरी कक्ष, जो लकड़ी का बना है, वह इतिहास में प्रसिद्ध मराठा पेशवाओं द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर के विषय में यह भी कहा जाता है की मुख्य मंदिर श्री मोरया गोसावी के परिवार के धरणीधर महाराज देव ने बनवाया था। माधवराव पेशवा ने लकड़ी का बाहरी कक्ष मंदिर के निर्माण के लागभाग सौ साल बाद बनवाया था। चिंतामणी मंदिर में भगवान गणेश की जो मूर्ति स्थापित है, उसकी सूड़ बायीं ओर है और इसकी आँखों में हीरे जड़े हैं। मूर्ति का मुँह पूरब की ओर है। कहा जाता है की गणेशजी को चिंतामणी नामक हीरा, संत कपिला के लिये, इस जगह पर मिला था। संत कपिला ने वह हीरा गणेशजी के गले में पहना दिया। इसलिये यहाँ गणेश का नाम 'चिंतामणी' पड़ा। यह सब घटनाक्रम एक कदम्ब वृक्ष के नीचे हुआ था, इसीलिए थेऊर गाँव पहले कडंब नगर के नाम से जाना जाता था। थेऊर के चिंतामणी पेशवा माधवराव प्रथम के कुल देवता थे।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गणेशोत्सव सार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 31 जनवरी, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख