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राजेन्द्र आर्लेकर

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राजेन्द्र आर्लेकर
राजेन्द्र आर्लेकर
पूरा नाम राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर
जन्म 23 अप्रॅल, 1954
जन्म भूमि पणजी, गोवा
पति/पत्नी अनघा आर्लेकर
संतान दो
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय जनता पार्टी
पद राज्यपाल, हिमाचल प्रदेश- 13 जुलाई, 2021 से पदस्थ
अन्य जानकारी राजेन्द्र आर्लेकर गोवा औद्योगिक विकास निगम में अध्यक्ष के अतिरिक्त गोवा अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग वित्तीय विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे हैं।
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राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर (अंग्रेज़ी: Rajendra Vishwanath Arlekar, जन्म- 23 अप्रॅल, 1954, पणजी, गोवा) हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल हैं। वह गोवा की राजनीति का अहम चेहरा हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक सफर का आरंभ करने वाले राजेन्द्र आर्लेकर न केवल गोवा में विधायक रहे हैं अपितु उन्होंने मंत्री के रूप में भी सेवाएं दी हैं। वह गोवा भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे हैं।

परिचय

राज्यपाल नियुक्त होने से पहले राजेन्द्र आर्लेकर गोवा विधानसभा के अध्यक्ष थे। राजेन्द्र अर्लेकर का जन्म 23 अप्रैल, 1954 को गोवा के पणजी में हुआ था। बीकॉम तक शिक्षित राजेन्द्र आर्लेकर गोवा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अतिरिक्त संगठन में दो बार महासचिव, दक्षिण गोवा के पार्टी अध्यक्ष पद पर भी रहे। गोवा औद्योगिक विकास निगम में अध्यक्ष के अतिरिक्त गोवा अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग वित्तीय विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे। परिवार में उनकी पत्नी अनघा आर्लेकर और दो बच्चे हैं।[1]

गोवा विधानसभा को बनाया पेपरलेस

राजेन्द्र आर्लेकर गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। गोवा विधानसभा को पेपरलेस बनाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। हिमाचल प्रदेश में भी ई विधान लागू है यानी हिमाचल प्रदेश विधानसभा भी पेपरलेस है। दूसरा दिलचस्प तथ्य यह भी है कि राजेन्द्र आर्लेकर गोवा में पर्यावरण एवं वन मंत्री रह चुके हैं।

राज्यपाल

राजेन्द्र आर्लेकर को 13 जुलाई, 2021 को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।


हिमाचल प्रदेश में नौकरशाही, सेना, पुलिस सेवाओं और राजनीति से जुड़ी हस्तियां ही राज्यपाल रही हैं। राजेन्द्र आर्लेकर से पूर्व बंडारू दत्तात्रेय हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। वह अब हरियाणा के राज्यपाल होंगे। उनसे पूर्व आचार्य देवव्रत हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे जो अब गुजरात के राज्यपाल हैं। जहां आचार्य देवव्रत का आग्रह शून्य बजट प्राकृतिक खेती के लिए रहता था और वह सरकारी अधिकारियों से निरंतर संवादरत रहते थे, वहीं बंडारू दत्तात्रेय लेखन को समर्पित रहते थे और समाज के हर उस व्यक्ति तक प्रशस्ति पत्र पहुंचाते थे जो सकारात्मक कार्य कर रहा हो।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने हिमाचल के 28वें राज्यपाल के रूप में ली शपथ (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 27 अगस्त, 2021। सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "pp" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है

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