आरासण

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

आरासण आबू के निकट दिलवाड़ा मंदिरों की भांति ही यहाँ भी उच्चकोटि की शिल्पकला के उदाहरण-रूप कई जैन मंदिर स्थित हैं। इनकी पत्थर की नक़्क़ाशी सराहनीय है। इसका नाम कुंभारिय भी है। इस स्थान का तीर्थमाला चैत्यवंदन नामक जैन स्तोत्र में इस प्रकार उल्लेख है-

'कुंतिपल्लवहहारतारणगढे सोपारकारासणो।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 69-70| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख