जेत्तुतर
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जेत्तुतर बौद्ध ग्रंथ 'अभिधानप्पदीपिका' में दी हुई बीस नगरों की सूचि में उल्लिखित एक स्थान था, जो श्री नं. ला. डे के मत में मध्यमिका या चित्तौड़ के निकट रहा होगा।
- इतिहासकार हेमचन्द्र रायचौधरी ने जेत्तुतर को 'शिविराष्ट्र' का नगर माना है।[1]
- जेत्तुतर का उल्लेख 'वेस्संतरजातक' में भी है।
- अलबेरूनी ने इसे 'जात्तरौर' कहा है और मेवाड़ की राजधानी बताया है।[2]
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