"सालारजंग संग्रहालय" के अवतरणों में अंतर

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*ऐसा माना जाता है कि यहाँ विश्व का सबसे बड़ा निजी संग्रह है।  
 
*ऐसा माना जाता है कि यहाँ विश्व का सबसे बड़ा निजी संग्रह है।  
 
*सालारजंग संग्रहालय की 38 गैलरियों में 43 हज़ार से ज़्यादा कलाकृतियाँ, 9 हज़ार पांडुलिपियाँ और 47 हज़ार मुद्रित पुस्तकें हैं। संग्रहालय में रखे कलाकृतियाँ भी बेजोड़ हैं।  
 
*सालारजंग संग्रहालय की 38 गैलरियों में 43 हज़ार से ज़्यादा कलाकृतियाँ, 9 हज़ार पांडुलिपियाँ और 47 हज़ार मुद्रित पुस्तकें हैं। संग्रहालय में रखे कलाकृतियाँ भी बेजोड़ हैं।  
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11:31, 9 मई 2012 के समय का अवतरण

सालारजंग संग्रहालय
सालारजंग संग्रहालय, हैदराबाद
विवरण सालारजंग संग्रहालय एशिया का सबसे बड़ा और पुराना संग्रहालय है।
राज्य आंध्र प्रदेश
ज़िला हैदराबाद
स्थापना 16 दिसंबर, 1951
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 17.371426°; पूर्व- 78.480347°
मार्ग स्थिति सालारजंग संग्रहालय हैदराबाद से 2.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
प्रसिद्धि सालारजंग संग्रहालय का एक मुख्य आकर्षण 19वीं सदी की ब्रिटिश संगीतमय घड़ी है, जिसे इंग्लैंड से लाया गया है। इस घड़ी को देखने के लिए घड़ी के सामने बाकायदा बेंच और कुसिर्यों का इंतज़ाम किया गया है।
कैसे पहुँचें हवाई जहाज, रेल, बस, टैक्सी
हवाई अड्डा राजीव गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, बेगमपेट हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन सिंकदराबाद रेलवे स्टेशन, नामपल्ली रेलवे स्टेशन, काचीगुड़ा रेलवे स्टेशन
बस अड्डा महात्मा गाँधी (इम्लिबन) बस अड्डा
यातायात टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, साइकिल रिक्शा, बस आदि।
क्या देखें औरंगज़ेब की तलवार, राजा रवि वर्मा द्वारा बनाई गई तसवीरें, टीपू सुल्तान का वस्त्रागार, सोने और हीरे से बने टिफिन बॉक्स
कहाँ ठहरें होटल, अतिथि ग्रह, धर्मशाला
एस.टी.डी. कोड 040
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
संबंधित लेख चारमीनार, गोलकुंडा क़िला, हुसैन सागर झील, मक्का मस्जिद, रामोजी फ़िल्म सिटी


अन्य जानकारी सालारजंग संग्रहालय की 38 गैलरियों में 43 हज़ार से ज़्यादा कलाकृतियाँ, 9 हज़ार पांडुलिपियाँ और 47 हज़ार मुद्रित पुस्तकें हैं।
बाहरी कड़ियाँ सालारजंग संग्रहालय
अद्यतन‎

सालारजंग संग्रहालय एशिया का सबसे बड़ा और पुराना संग्रहालय है। यह भारत के हैदराबाद नगर में स्थित है।

  • ऐसा माना जाता है कि यहाँ विश्व का सबसे बड़ा निजी संग्रह है।
  • सालारजंग संग्रहालय की 38 गैलरियों में 43 हज़ार से ज़्यादा कलाकृतियाँ, 9 हज़ार पांडुलिपियाँ और 47 हज़ार मुद्रित पुस्तकें हैं। संग्रहालय में रखे कलाकृतियाँ भी बेजोड़ हैं।
  • इस संग्रहालय का एक मुख्य आकर्षण 19वीं सदी की ब्रिटिश संगीतमय घड़ी है, जिसे इंग्लैंड से लाया गया है। इस घड़ी को देखने के लिए घड़ी के सामने बाकायदा बेंच और कुसिर्यों का इंतज़ाम किया गया है।
  • इस संग्रहालय में नवाब तुरब अली ख़ान, जिन्हें सालारजंग प्रथम के नाम से जाना जाता था, उनके वंशजों द्वारा संग्रहित वस्तुएँ रखी गई हैं। तुरब ख़ान हैदराबाद के दीवान थे। सालारजंग में तृतीय उर्फ मीर यूसुफ़ अली ख़ान द्वारा संग्रहित बहुत सी वस्तुएँ भी रखी गई हैं। इनमें से कुछ 1876 में रोम से लाई गई कलाकृति, मार्क एडलाइन द्वारा 19 वीं शताब्दी में इटली में बनाई गई पेंटिंग, घड़ियाँ और मुग़लकालीन अस्त्र-शस्त्र हैं।
  • यह संग्रहालय शुक्रवार को छोड़कर सप्ताह में सभी दिन खुला रहता है।


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