"केदार ताल उत्तरकाशी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(4 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*[[उत्तरकाशी]] का यह ताल समुद्र तल से 15000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है।  
+
[[चित्र:Kedartal.jpg|thumb|केदार ताल, [[उत्तरकाशी]]]]
 +
'''केदार ताल''' [[उत्तराखंड]] राज्य के [[उत्तरकाशी]] शहर में स्थित एक ताल है जो समुद्र तल से 15000 फीट की ऊँचाई पर है। इसके पास ही हैं प्रसिद्ध मृगुपंथ और थलयसागर पर्वत जो अपनी चोटियों के प्रतिबिंब से ताल की शोभा में चार चांद लगाते हैं। केदारताल से केदारगंगा निकलती है जो [[भागीरथी]] की एक सहायक नदी है। कहीं शांत और कहीं कलकल करती यह नदी विशाल पत्थरों और चट्टानों के बीच से अपना रास्ता बनाती है। अपने आप को पूर्ण रूपेण [[गंगा]] कहलाने के लिए [[गंगोत्री]] के समीप यह [[भागीरथी]] में मिल जाती है।
 +
 
 
*थाल्‍यासागर चोटी का इसमें स्‍पष्‍ट प्रतिबिंब नज़र आता है।  
 
*थाल्‍यासागर चोटी का इसमें स्‍पष्‍ट प्रतिबिंब नज़र आता है।  
 
*केदार ताल जाने के रास्‍ते में कोई सुविधा नहीं मिलती है।  
 
*केदार ताल जाने के रास्‍ते में कोई सुविधा नहीं मिलती है।  
 
*इसलिए यहाँ पूरी तैयारी के साथ जाना चाहिए।
 
*इसलिए यहाँ पूरी तैयारी के साथ जाना चाहिए।
{{प्रचार}}
+
*केदार ताल प्रकृति की कई अदभुत संरचनाओं से भरा पड़ा है।
 +
==मान्यता==
 +
कहा जाता है की समुद्र मंथन से निकले विष को पीने के बाद [[शिव|भगवान शिव]] ने अपने कंठ की भीषण ज्वाला को 'केदार ताल' का जल पीकर ही शांत किया था। गढ़वाली इसे में  ‘अछराओं का ताल’ भी कहते हैं।
 +
==कैसे जाएँ==
 +
[[ऋषिकेश]] या उससे पहले [[हरिद्वार]] तक [[उत्तर भारत]] के सभी प्रमुख शहरों से रेल व बस, दोनों से पहुंचा जा सकता है। निकट के शहरों से टैक्सी से भी जा सकते हैं। [[दिल्ली]] से ऋषिकेश का सफर लगभग छह घंटे का है। ऋषिकेश से [[उत्तरकाशी]] केवल सड़क द्वारा लगभग 8 से 9 घंटे में पहुंचा जा सकता है। उत्तरकाशी में कम से कम एक दिन ठहरना उचित रहता है। यहां सस्ते होटल उपलब्ध हैं। उत्तरकाशी से [[गंगोत्री]] की दूरी 99 किलोमीटर है। इस सफर में 5 से 6 घंटे लगते हैं। [[गंगोत्री]] में ठहरने के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम का होटल, साधुओं की धर्मशालाएं और अन्य छोटे होटल उपलब्ध हैं;
 +
 
 +
 
 
{{लेख प्रगति  
 
{{लेख प्रगति  
 
|आधार=
 
|आधार=
पंक्ति 11: पंक्ति 19:
 
|शोध=
 
|शोध=
 
}}
 
}}
 +
==विथिका==
 +
<gallery>
 +
चित्र:Kedartal-1.jpg|केदार ताल, [[उत्तरकाशी]]
 +
चित्र:Kedartal-2.jpg|केदार ताल, [[उत्तरकाशी]]
 +
चित्र:Kedartal-3.jpg|केदार ताल, [[उत्तरकाशी]]
 +
</gallery>
 +
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 +
{{उत्तराखंड की झीलें}}
 +
{{भारत की झीलें}}
 
{{उत्तराखंड के पर्यटन स्थल}}
 
{{उत्तराखंड के पर्यटन स्थल}}
 
+
[[Category:उत्तराखंड की झीलें]]
[[Category:उत्तराखंड]][[Category:उत्तराखंड_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:उत्तरकाशी के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]]__INDEX__
+
[[Category:उत्तराखंड]][[Category:उत्तराखंड_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:उत्तरकाशी के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]]
 +
[[Category:भारत की झीलें]]__INDEX__

11:37, 6 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

केदार ताल, उत्तरकाशी

केदार ताल उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी शहर में स्थित एक ताल है जो समुद्र तल से 15000 फीट की ऊँचाई पर है। इसके पास ही हैं प्रसिद्ध मृगुपंथ और थलयसागर पर्वत जो अपनी चोटियों के प्रतिबिंब से ताल की शोभा में चार चांद लगाते हैं। केदारताल से केदारगंगा निकलती है जो भागीरथी की एक सहायक नदी है। कहीं शांत और कहीं कलकल करती यह नदी विशाल पत्थरों और चट्टानों के बीच से अपना रास्ता बनाती है। अपने आप को पूर्ण रूपेण गंगा कहलाने के लिए गंगोत्री के समीप यह भागीरथी में मिल जाती है।

  • थाल्‍यासागर चोटी का इसमें स्‍पष्‍ट प्रतिबिंब नज़र आता है।
  • केदार ताल जाने के रास्‍ते में कोई सुविधा नहीं मिलती है।
  • इसलिए यहाँ पूरी तैयारी के साथ जाना चाहिए।
  • केदार ताल प्रकृति की कई अदभुत संरचनाओं से भरा पड़ा है।

मान्यता

कहा जाता है की समुद्र मंथन से निकले विष को पीने के बाद भगवान शिव ने अपने कंठ की भीषण ज्वाला को 'केदार ताल' का जल पीकर ही शांत किया था। गढ़वाली इसे में  ‘अछराओं का ताल’ भी कहते हैं।

कैसे जाएँ

ऋषिकेश या उससे पहले हरिद्वार तक उत्तर भारत के सभी प्रमुख शहरों से रेल व बस, दोनों से पहुंचा जा सकता है। निकट के शहरों से टैक्सी से भी जा सकते हैं। दिल्ली से ऋषिकेश का सफर लगभग छह घंटे का है। ऋषिकेश से उत्तरकाशी केवल सड़क द्वारा लगभग 8 से 9 घंटे में पहुंचा जा सकता है। उत्तरकाशी में कम से कम एक दिन ठहरना उचित रहता है। यहां सस्ते होटल उपलब्ध हैं। उत्तरकाशी से गंगोत्री की दूरी 99 किलोमीटर है। इस सफर में 5 से 6 घंटे लगते हैं। गंगोत्री में ठहरने के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम का होटल, साधुओं की धर्मशालाएं और अन्य छोटे होटल उपलब्ध हैं;


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

विथिका

संबंधित लेख