मुखपृष्ठ
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
| ||||||||
आज का दिन - 22 अप्रैल 2025 (भारतीय समयानुसार)![]()
यदि दिनांक सूचना सही नहीं दिख रही हो तो कॅश मेमोरी समाप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें
एक आलेख![]() संसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें
एक पर्यटन स्थल![]() डल झील का प्रमुख आकर्षण केन्द्र तैरते हुए बग़ीचे हैं। पौराणिक मुग़ल किलों में यहाँ की संस्कृति तथा इतिहास के दर्शन होते हैं। डल झील के पास ही मुग़लों के सुंदर एवं प्रसिद्ध पुष्प वाटिका से डल झील की आकृति और उभरकर सामने आती है। कश्मीर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय झील के तट पर स्थित है। शिकारे के माध्यम से सैलानी नेहरू पार्क, कानुटुर खाना, चारचीनारी, कुछ द्वीप जो यहाँ पर स्थित हैं, उन्हें देख सकते हैं। श्रद्घालुओं के लिए हज़रतबल तीर्थस्थल के दर्शन करे बिना उनकी यात्रा अधूरी रह जाती है। शिकारे के माध्यम से श्रद्धालु इस तीर्थस्थल के दर्शन कर सकते हैं। दुनिया भर में यह झील विशेष रूप से शिकारों या हाऊस बोट के लिए जानी जाती है। डल झील के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता अधिक संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ... और पढ़ें
| ||||||||
|
![]() |
भारतकोश हलचल
अक्षय तृतीया 30 अप्रॅल) • परशुराम जयन्ती 29 अप्रॅल) • अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस 29 अप्रॅल) • विश्व पशु चिकित्सा दिवस 26 अप्रॅल) • चेरनोबिल दिवस 26 अप्रॅल) • विश्व बौद्धिक सम्पदा दिवस 26 अप्रॅल) • विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रॅल) • राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रॅल) • वरूथिनी एकादशी 24 अप्रॅल) • विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस 23 अप्रॅल) • पृथ्वी दिवस 22 अप्रॅल) • सिविल सेवा दिवस 21 अप्रॅल) • विश्व यकृत दिवस 19 अप्रॅल) • विश्व विरासत दिवस 18 अप्रॅल) • गुड फ़्राइडे 18 अप्रॅल) • विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस 17 अप्रॅल) • अग्निशमन दिवस 14 अप्रॅल) • अम्बेडकर जयन्ती 14 अप्रॅल) • जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड स्मृति दिवस 13 अप्रॅल) • वैशाखी 13 अप्रॅल) • चैत्र पूर्णिमा (12 अप्रॅल) • पौर्णमासी व्रत (12 अप्रॅल) • हनुमान जयन्ती (12 अप्रॅल) • अमहावीर जयन्ती (10 अप्रॅल) • प्रदोष व्रत (10 अप्रॅल) • कामदा एकादशी (8 अप्रॅल) • विश्व स्वास्थ्य दिवस (7 अप्रॅल) • रामनवमी (6 अप्रॅल) • समता दिवस (5 अप्रॅल)
जन्म
विट्ठल रामजी शिंदे (23 अप्रॅल) • पंडिता रमाबाई (23 अप्रॅल) • जी.पी. श्रीवास्तव (23 अप्रॅल) • धनंजय कीर (23 अप्रॅल) • कक्कानादन (23 अप्रॅल) • अन्नपूर्णा देवी (23 अप्रॅल) • ज्ञानेन्द्रनाथ मुखर्जी (23 अप्रॅल) • विल्फ़्रेड डिसूजा (23 अप्रॅल) • राजेन्द्र आर्लेकर (23 अप्रॅल) • जगन्नाथ कौशल (23 अप्रॅल) • बी. आर. चोपड़ा (22 अप्रॅल) • कानन देवी (22 अप्रॅल) • पी. चंद्रशेखर राव (22 अप्रॅल) • सर गंगा राम (22 अप्रॅल) • स्वामी सच्चिदानंद (22 अप्रॅल) • राधाबाई सुबारायन (22 अप्रॅल) • अम्मू स्वामीनाथन (22 अप्रॅल) • चेतन भगत (22 अप्रॅल) • मनोज मुकुंद नरवणे (22 अप्रॅल)
मृत्यु
बाबू कुंवर सिंह (23 अप्रॅल) • माधवराव सप्रे (23 अप्रॅल) • धीरेन्द्र वर्मा (23 अप्रॅल) • सत्यजित राय (23 अप्रॅल) • शमशाद बेगम (23 अप्रॅल) • उषा गांगुली (23 अप्रॅल) • मंगूराम (22 अप्रॅल) • जोगेशचंद्र चटर्जी (22 अप्रॅल) • महमूद अली ख़ाँ (22 अप्रॅल) • लालगुड़ी जयरमण (22 अप्रॅल) • श्रवण कुमार राठौर (22 अप्रॅल)
समाचार
एक व्यक्तित्व
महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें
पिछले लेख → | पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर | जे. आर. डी. टाटा | आर. के. लक्ष्मण |
चयनित चित्र
<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); </script>
वर्णमाला क्रमानुसार पन्ने की खोज कर सकते हैं
|