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'''शहरयार''' [[मुग़ल]] सम्राट [[जहाँगीर]] का सबसे छोटा पुत्र था। उसने [[नूरजहाँ]] की, उसके प्रथम पति [[शेर अफ़ग़ान]] से उत्पन्न पुत्री से [[विवाह]] किया था। इसी कारण नूरजहाँ ने 1627 ई. में जहाँगीर की मृत्यु के उपरांत उसे ही [[दिल्ली]] के सिंहासन पर बैठाना चाहा था। | '''शहरयार''' [[मुग़ल]] सम्राट [[जहाँगीर]] का सबसे छोटा पुत्र था। उसने [[नूरजहाँ]] की, उसके प्रथम पति [[शेर अफ़ग़ान]] से उत्पन्न पुत्री से [[विवाह]] किया था। इसी कारण नूरजहाँ ने 1627 ई. में जहाँगीर की मृत्यु के उपरांत उसे ही [[दिल्ली]] के सिंहासन पर बैठाना चाहा था। | ||
*जहाँगीर की मृत्यु के | *जहाँगीर की मृत्यु के पश्चात् शहरयार को ही [[लाहौर]] में बादशाह घोषित कर दिया गया था। | ||
*शहरयार बादशाह बनने की काबिलियत नहीं रखता था, उसमें व्यक्तिगत प्रतिभा एवं योग्यता का अभाव था। | *शहरयार बादशाह बनने की काबिलियत नहीं रखता था, उसमें व्यक्तिगत प्रतिभा एवं योग्यता का अभाव था। |
07:33, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
शहरयार मुग़ल सम्राट जहाँगीर का सबसे छोटा पुत्र था। उसने नूरजहाँ की, उसके प्रथम पति शेर अफ़ग़ान से उत्पन्न पुत्री से विवाह किया था। इसी कारण नूरजहाँ ने 1627 ई. में जहाँगीर की मृत्यु के उपरांत उसे ही दिल्ली के सिंहासन पर बैठाना चाहा था।
- जहाँगीर की मृत्यु के पश्चात् शहरयार को ही लाहौर में बादशाह घोषित कर दिया गया था।
- शहरयार बादशाह बनने की काबिलियत नहीं रखता था, उसमें व्यक्तिगत प्रतिभा एवं योग्यता का अभाव था।
- शाहजहाँ के श्वसुर आसफ़ ख़ाँ ने शहरयार को शीघ्र ही पराजित करके बन्दी बना लिया और शाहजहाँ के मार्ग का काँटा सदा के लिए दूर कर देने के विचार से उसे अन्धा कर दिया।
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