"जयपुर मन्दिर वृन्दावन": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
छो (1 अवतरण) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "॰" to ".") |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
*मूल मन्दिर में तीन द्वार हैं। | *मूल मन्दिर में तीन द्वार हैं। | ||
*उत्तरी प्रकोष्ठ में श्रीआनन्दबिहारी जी, बीच के प्रकोष्ठ में श्रीराधामाधव जी तथा दक्षिणी प्रकोष्ठ में श्रीनित्य गोपालजी, श्रीगिरिधारी जी, श्रीसनक-सनातन-सनन्दन-सनत कुमार और श्री[[नारद]]जी की मूर्तियाँ विराजमान हैं। | *उत्तरी प्रकोष्ठ में श्रीआनन्दबिहारी जी, बीच के प्रकोष्ठ में श्रीराधामाधव जी तथा दक्षिणी प्रकोष्ठ में श्रीनित्य गोपालजी, श्रीगिरिधारी जी, श्रीसनक-सनातन-सनन्दन-सनत कुमार और श्री[[नारद]]जी की मूर्तियाँ विराजमान हैं। | ||
*सन 1916 | *सन 1916 ई. में इस मन्दिर में विग्रहों की प्रतिष्ठा हुई थी। | ||
<br /><br /> | <br /><br /> | ||
==वीथिका जयपुर मन्दिर== | ==वीथिका जयपुर मन्दिर== |
08:52, 25 अगस्त 2010 का अवतरण

Jaipur Temple, Vrindavan
- जयपुर के महाराजा श्रीमाधोसिंह जी ने बहुत रुपये व्ययकर लगभग तीस वर्षो में इस भव्य मन्दिर का निर्माण किया था।
- मूल मन्दिर में तीन द्वार हैं।
- उत्तरी प्रकोष्ठ में श्रीआनन्दबिहारी जी, बीच के प्रकोष्ठ में श्रीराधामाधव जी तथा दक्षिणी प्रकोष्ठ में श्रीनित्य गोपालजी, श्रीगिरिधारी जी, श्रीसनक-सनातन-सनन्दन-सनत कुमार और श्रीनारदजी की मूर्तियाँ विराजमान हैं।
- सन 1916 ई. में इस मन्दिर में विग्रहों की प्रतिष्ठा हुई थी।
वीथिका जयपुर मन्दिर
-
जयपुर मन्दिर, वृन्दावन
Jaipur Temple, Vrindavan -
जयपुर मन्दिर, वृन्दावन
Jaipur Temple, Vrindavan -
जयपुर मन्दिर, वृन्दावन
Jaipur Temple, Vrindavan -
जयपुर मन्दिर, वृन्दावन
Jaipur Temple, Vrindavan -
जयपुर मन्दिर, वृन्दावन
Jaipur Temple, Vrindavan -
जयपुर मन्दिर, वृन्दावन
Jaipur Temple, Vrindavan -
जयपुर मन्दिर, वृन्दावन
Jaipur Temple, Vrindavan -
जयपुर मन्दिर, वृन्दावन
Jaipur Temple, Vrindavan