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*एक समय जब श्रीकृष्ण [[गाय|गऊओं]] को चरा रहे थे, तब गोचारण के समय उन्हें तीव्र प्यास लगी। उनके बड़े भ्राता बलराम ने [[जल]] लाकर उनको पिलाया। इसीलिए इस गाँव का नाम 'प्यासाई' अर्थात 'प्यास आई' पड़ा है।
*एक समय जब श्रीकृष्ण [[गाय|गऊओं]] को चरा रहे थे, तब गोचारण के समय उन्हें तीव्र प्यास लगी। उनके बड़े भ्राता बलराम ने [[जल]] लाकर उनको पिलाया। इसीलिए इस गाँव का नाम 'प्यासाई' अर्थात् 'प्यास आई' पड़ा है।
*यहाँ 'तृष्णा कुण्ड' और 'विशाखा कुण्ड' हैं। गाँव के पास ही उत्तर-पश्चिम में मनोहर कदम्ब खण्डी हैं।
*यहाँ 'तृष्णा कुण्ड' और 'विशाखा कुण्ड' हैं। गाँव के पास ही उत्तर-पश्चिम में मनोहर कदम्ब खण्डी हैं।
*पीसाई गाँव करेहला से डेढ़ मील उत्तर में स्थित है।
*पीसाई गाँव करेहला से डेढ़ मील उत्तर में स्थित है।


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07:50, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

पीसाई ब्रजमण्डल में स्थित एक गाँव है, जिसका सम्बंध भगवान श्रीकृष्ण तथा बलराम से है।

  • एक समय जब श्रीकृष्ण गऊओं को चरा रहे थे, तब गोचारण के समय उन्हें तीव्र प्यास लगी। उनके बड़े भ्राता बलराम ने जल लाकर उनको पिलाया। इसीलिए इस गाँव का नाम 'प्यासाई' अर्थात् 'प्यास आई' पड़ा है।
  • यहाँ 'तृष्णा कुण्ड' और 'विशाखा कुण्ड' हैं। गाँव के पास ही उत्तर-पश्चिम में मनोहर कदम्ब खण्डी हैं।
  • पीसाई गाँव करेहला से डेढ़ मील उत्तर में स्थित है।


इन्हें भी देखें: कोकिलावन, ब्रज एवं कृष्ण

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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