"श्री साक्षी गोपाल का मन्दिर वृन्दावन": अवतरणों में अंतर
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*[[गोविन्द देव मन्दिर वृन्दावन|श्री गोविन्द मन्दिर]] के पश्चिम में साक्षीगोपाल मन्दिर का भग्नावशेष अवशिष्ट है। | |||
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*श्री चैतन्यचरितामृत में छोटे-बड़े विप्र के प्रसंग में भक्तवत्सल श्री गोपाल जी का अद्भुत चरित्र वर्णन है। | *श्री चैतन्यचरितामृत में छोटे-बड़े विप्र के प्रसंग में भक्तवत्सल श्री गोपाल जी का अद्भुत चरित्र वर्णन है। | ||
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एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- साक्षी गोपाल मंदिर (बहुविकल्पी) |
- श्री गोविन्द मन्दिर के पश्चिम में साक्षीगोपाल मन्दिर का भग्नावशेष अवशिष्ट है।
- प्राचीन गोपाल जी साक्षी देने के लिए विद्यानगर चले गये थे।
- श्री चैतन्यचरितामृत में छोटे-बड़े विप्र के प्रसंग में भक्तवत्सल श्री गोपाल जी का अद्भुत चरित्र वर्णन है।
- वहाँ पर पधारकर श्री गोपाल जी ने जनसमाज में यह साक्षी दी थी कि 'बड़े विप्र ने छोटे विप्र की सेवा से प्रसन्न होकर उससे अपनी बेटी का विवाह करने का वचन दिया था। मैं इसका साक्षी हूँ।'
- कालान्तर में यह विग्रह श्री जगन्नाथ पुरी में पधारे तथा वहाँ से बारह मील दूर सत्यवादीपुर में अब विराजमान हैं।
- अब सत्यवादीपुर का नाम साक्षीगोपाल ही प्रसिद्ध है।
- तभी से वृन्दावन में साक्षीगोपाल का मन्दिर सूनी अवस्था में पड़ा है तथा अब उसका भग्नावशेष ही अवशिष्ट है।