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तुंगभद्रा नदी दक्षिण [[भारत]] की प्रसिद्ध नदी है। यह पश्चिम घाट से निकलती है और [[रायपुर]] के निकट [[कृष्णा नदी]] में मिलती है। [[कर्नाटक]] (मैसूर) राज्य में स्थित [[तुंग पर्वत|तुंग]] और [[भद्र पर्वत|भद्र]] नामक दो पर्वतों से निस्सृत  दो श्रोतों से मिलकर तुंगभद्रा नदी की धारा बनती है। उद्गम का स्थान गंगामूल कहलाता है। तुंग और भद्र श्रृंगेरी, श्रृंगगिरी या वराहपर्वत के अंतर्गत हैं और ये ही तुंगभद्रा के नाम के कारण हैं।  
 
==ग्रन्थों में उल्लेख==
 
==ग्रन्थों में उल्लेख==

07:02, 3 जून 2010 का अवतरण

स्थापना

तुंगभद्रा नदी दक्षिण भारत की प्रसिद्ध नदी है। यह पश्चिम घाट से निकलती है और रायपुर के निकट कृष्णा नदी में मिलती है। कर्नाटक (मैसूर) राज्य में स्थित तुंग और भद्र नामक दो पर्वतों से निस्सृत दो श्रोतों से मिलकर तुंगभद्रा नदी की धारा बनती है। उद्गम का स्थान गंगामूल कहलाता है। तुंग और भद्र श्रृंगेरी, श्रृंगगिरी या वराहपर्वत के अंतर्गत हैं और ये ही तुंगभद्रा के नाम के कारण हैं।

ग्रन्थों में उल्लेख

श्रीमदभागवत्[1] में तुंगभद्रा का उल्लेख है '-चंद्रवसा ताम्रपर्णी अवटोदा कृतमाला वैहायसी कावेरी वेणी पयस्विनी शर्करावर्ता तुंगभद्रा कृष्णा-' महाभारत में सम्भवतः इसे तुंगवेणा कहा गया है। पद्म पुराण[2] में हरिहरपुर को तुंगभद्रा के तट पर स्थित बताया गया है। रामायण में तुंगभद्रा को पंपा के नाम जाना जाता था।

विवाद

इसका प्रसिद्ध दोआब दीर्घकाल तक विजयनगर के हिंदू राज्य व मुस्लिम बहमनी राज्य और उसके परवर्ती राज्यों के बीच विवाद का विषय रहा।

टीका टिप्पणी

  1. श्रीमदभागवत्, 5,19,18
  2. पद्म पुराण, 178,3

सम्बंधित लिंक