तिलोदकी एक पौराणिक नदी का नाम है। इसके और सरयू नदी के संगम पर ही सम्मेद तीर्थ स्थित है।[1]
- यहाँ स्नान करने से 10 अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है।
- तिलोदकी नदी का जल काले तिल के समान काले रंग का है। इसीलिए इसका नाम 'तिलोदकी' पड़ा है।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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