शोण नदी

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शोण नदी वर्तमान सोन नदी, जो पटना (बिहार) के निकट गंगा में मिलती है। यह नदी नर्मदा के उद्गम से चार-पांच मील दूर गोंडवाना पर्वत श्रेणी (शोणभद्र) से निकलती है और प्रायः 600 मील का मार्ग तय करके गंगा में गिर जाती है। इस नदी को 'महाशोणा' तथा 'हिरण्यवाह' भी कहा गया है।[1]

'कौशिकीं निम्नगां शोणां बाहुदामथ चंद्रमाम्।'

'तस्याः स रक्षार्थमनल्पयोधमादिश्य पियं सचिवं कुमारः, प्रत्यग्रहीत्याथिववाहिनीं तां भागीरथींशोणइवोत्तरंगः।'[4]

अर्थात् "अज इंदुमती की रक्षार्थ अपने पिता के सचिव को नियुक्त करके उसी प्रकार अपने (प्रतिद्वंदी) राजाओं की सेना पर टूट पड़ा, जिस प्रकार गंगा पर उत्ताल तरंगों वाला शोण।"[1]

'गंडकीञ्च महाशोणां सदानीरां तथैव च।'[6]

'सिंधुरंधः शोणश्च नदौ महानदी।'

  • 'शोण' शब्द का अर्थ 'गहरा लाल रंग' है, जो इस नदी के जल का विशेषण हो सकता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 911 |
  2. प्रथम उच्छ्वास
  3. भीष्मपर्व 9, 29
  4. रघुवंश 7, 36
  5. शोण का एक नाम
  6. महाभारत, सभापर्व 20, 27

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