विहृल कुण्ड काम्यवन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Bharatkosh-logo.png पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं।

चरणपहाड़ी के पास ही विहृल कुण्ड और पञ्चसखा कुण्ड है। यहाँ पर कृष्ण की मुरली ध्वनि को सुनकर गोपियाँ प्रेम में विहृल हो गई थी। इसलिए वह स्थान विहृल कुण्ड के नाम से प्रसिद्ध हुआ। पञ्च सखा कुण्डों के नाम रग्ङीला, छबीला, जकीला, मतीला और दतीला कुण्ड हैं। ये सब अग्रावली ग्राम के पास विद्यमान हैं।

सम्बंधित लिंक