मागधी भाषा

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मागधी मगध के आस-पास की मूल भाषा है।

  • सामान्यत: कुछ लोग मागधी का सम्बन्ध महाराष्ट्र से मानते हैं।
  • मागधी और लास्सन महाराष्ट्री को एक मानते थे।
  • इसकी अपनी कोई स्वतंत्र रचना नहीं है।
  • निम्न श्रेणी के पात्र जो संस्कृत नाटकों में होते हैं वो इसका प्रयोग करते हैं।
  • अश्वघोष को इसका प्राचीनतम रूप मानते हैं।
  • मागधी की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
  1. इसमें स्, ष् के स्थान पर 'श्' मिलता है (सप्य>शत, पुरुष>पुलिश)।
  2. इसमें 'र' का सर्वत्र 'ल' हो जाता है (राजा>लाजा)।
  3. प्रथमा एकवचन में संस्कृत -अ: के स्थान पर यहाँ -ए मिलता है (देव:>देवे, स:>शे)।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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