आज का दिन - 7 जून 2025
राष्ट्रीय शाके 1947, 17 गते 24, ज्येष्ठ , शनिवार
विक्रम सम्वत् 2082, ज्येष्ठ , शुक्ल पक्ष , द्वादशी , शनिवार , चित्रा
इस्लामी हिजरी 1446, 10, ज़िलहिज्ज , हफ़्ता, सिमाक
ईद उल ज़ुहा , महेश भूपति (जन्म) , ख़्वाजा अहमद अब्बास (जन्म) , सुमित अंतिल (जन्म) , बी. डी. जत्ती (मृत्यु) , नटराज रामकृष्ण (मृत्यु)
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विशेष आलेख
वाराणसी
वाराणसी के विभिन्न दृश्य
एक पर्यटन स्थल
खजुराहो
खजुराहो मंदिर
भारत में, ताजमहल के बाद, सबसे ज़्यादा देखे और घूमे जाने वाले पर्यटन स्थलों में खजुराहो का नाम आता है।
खजुराहो के मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना हैं। खजुराहो का प्राचीन नाम खर्जुरवाहक है।
खजुराहो में ख़ूबसूरत मंदिरो में की गई कलाकारी इतनी सजीव है कि कई बार मूर्तियाँ ख़ुद बोलती हुई मालूम होती हैं।
खजुराहो, महोबा से 54 किलोमीटर दक्षिण में, छतरपुर से 45 किलोमीटर पूर्व और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर पश्चिम मध्य प्रदेश में स्थित है। .... और पढ़ें
जीवन अविकल कर्म है, न बुझने वाली पिपासा है। जीवन हलचल है, परिवर्तन है; और हलचल तथा परिवर्तन में सुख और शान्ति का कोई स्थान नहीं। -भगवती चरण वर्मा (चित्रलेखा, पृ. 24)
सत्य, आस्था और लगन जीवन-सिद्धि के मूल हैं। -अमृतलाल नागर (अमृत और विष, पृ. 437) .... और पढ़ें
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
भारत कोश हलचल
समाचार
एक व्यक्तित्व
सरोजिनी नायडू
सरोजिनी नायडू सुप्रसिद्ध कवयित्री और भारत के राष्ट्रीय नेताओं में से एक थीं।
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फ़रवरी , सन 1879 को हैदराबाद में हुआ था। श्री अघोरनाथ चट्टोपाध्याय और वरदासुन्दरी की आठ संतानों में वह सबसे बड़ी थीं।
सरोजिनी नायडू बहुभाषाविद थीं । वह क्षेत्रानुसार अपना भाषण अंग्रेज़ी , हिन्दी , बांग्ला या गुजराती भाषा में देती थीं।
13 वर्ष की आयु में सरोजिनी नायडू ने 1300 पदों की 'झील की रानी' नामक लंबी कविता और लगभग 2000 पंक्तियों का एक विस्तृत नाटक लिखकर अंग्रेज़ी भाषा पर अपना अधिकार सिद्ध कर दिया था।
सरोजिनी नायडू को विशेषत: 'भारत कोकिला', 'राष्ट्रीय नेता' और 'नारी मुक्ति आन्दोलन की समर्थक' के रूप में सदैव याद किया जाता रहेगा।
2 मार्च सन 1949 को मृत्यु के समय सरोजिनी नायडू उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद पर थीं। .... और पढ़ें