"प्रयोग:कविता बघेल 1": अवतरणों में अंतर
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{[[18 अप्रैल]] 1336 ई. में [[हरिहर प्रथम]] ने निम्नलिखित में से किसके राजप्रतिनिधि के रूप में राज्यसत्ता संभाली? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-224 | {[[18 अप्रैल]] 1336 ई. में [[हरिहर प्रथम]] ने निम्नलिखित में से किसके राजप्रतिनिधि के रूप में राज्यसत्ता संभाली? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-224 | ||
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- | -विहोबा | ||
+[[विरूपाक्ष|भगवान विरूपाक्ष]] | +[[विरूपाक्ष|भगवान विरूपाक्ष]] | ||
-[[माधव (कृष्ण)|माधव]] | -[[माधव (कृष्ण)|माधव]] | ||
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{निम्न में से कौन-सा शासक चेरवंशीय है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-883 | {निम्न में से कौन-सा शासक [[चेर वंश|चेरवंशीय]] है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-883 | ||
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+शेनगुट्टवन | +[[शेनगुट्टुवन |शेनगुट्टवन]] | ||
-इदनजोरियल | -इदनजोरियल | ||
-करिकाल | -[[करिकाल]] | ||
-एलारा | -एलारा | ||
{परमार राजा भोज के बारे में निम्नलिखित कौन-सा कथन लागू नहीं | {[[भोज परमार|परमार राजा भोज]] के बारे में निम्नलिखित कौन-सा कथन लागू नहीं होता है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1187 | ||
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-उसने इंद्ररथ कीर्तिवर्मन को हराया। | -उसने इंद्ररथ कीर्तिवर्मन को हराया। | ||
-उसने केदारेश्वर, रामेश्वर, सोमनाथ एवं सुंडार के मंदिरों का निर्माण करवाया। | -उसने केदारेश्वर, [[रामेश्वर]], [[सोमनाथ]] एवं सुंडार के मंदिरों का निर्माण करवाया। | ||
-उसने आदिवाराह की उपाधि धारण की। | -उसने आदिवाराह की उपाधि धारण की। | ||
+उसे कविराज की उपाधि मिली थी। | +उसे कविराज की उपाधि मिली थी। | ||
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{"सौंदरानंद" किसकी रचना है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1273 | {"सौंदरानंद" किसकी रचना है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1273 | ||
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+अश्वघोष | +[[अश्वघोष]] | ||
-बाणभट्ट | -[[बाणभट्ट]] | ||
-भवभूति | -[[भवभूति]] | ||
-भास | -[[भास]] | ||
{विजयनगर साम्राज्य में सुव्यवस्थित | {[[विजयनगर साम्राज्य]] में सुव्यवस्थित मंत्रिपरिषद का अस्तित्व था, वहां गृह विभाग का प्रधान क्या कहलाता था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-200 | ||
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- | -रायसम | ||
+मानेय प्रधानम | +मानेय प्रधानम | ||
-अहवन प्रधानम | -अहवन प्रधानम | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{निम्नलिखित में से किस विजयनगर शासक की मृत्यु | {निम्नलिखित में से किस [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] के शासक की [[मृत्यु]] गजपतियों के हाथों अपमान जनक पराजय के पश्चात हुई? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-263 | ||
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-विरूपाक्ष प्रथम | -[[विरूपाक्ष प्रथम]] | ||
+मल्लिकार्जुन | +[[मल्लिकार्जुन]] | ||
-विरूपाक्ष द्वितीय | -विरूपाक्ष द्वितीय | ||
-देवराय प्रथम | -[[देवराय प्रथम]] | ||
{किसने कहा था कि "स्थाई बंदोबस्त" एक दुखद भूल थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-131 | {किसने कहा था कि "स्थाई बंदोबस्त" एक दुखद भूल थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-131 | ||
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-जान शोर | -जान शोर | ||
-मार्शमैन | -मार्शमैन | ||
+होम्स | +होम्स | ||
-मुनरो | -मुनरो | ||
{इतिहास का पहला शासक जिसने शासन सम्बंधी कानून बनाए थे | {[[इतिहास]] का वह पहला शासक कौन है, जिसने शासन सम्बंधी कानून बनाए थे? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-268 | ||
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- | -सार्गन द्वितीय | ||
+हमूराबी | +हमूराबी | ||
-सेनाकरीब | -सेनाकरीब | ||
-असुरबनीपाल | -असुरबनीपाल | ||
{विजयनगर साम्राज्य की सामाजिक व्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन-सा कथन लागू नहीं होता हैं? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-184 | {[[विजयनगर साम्राज्य]] की सामाजिक व्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन-सा कथन लागू नहीं होता हैं? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-184 | ||
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-विजयनगर की सामाजिक व्यवस्था में दास प्रथा प्रचलित थी। | -[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] की सामाजिक व्यवस्था में दास प्रथा प्रचलित थी। | ||
-मंदिरों में देव पूजा के लिए देवदासियाँ रखी जाती थीं। | -मंदिरों में देव पूजा के लिए देवदासियाँ रखी जाती थीं। | ||
+विधवाओं का जीवन अत्यंत ही सुखमय था। | +विधवाओं का जीवन अत्यंत ही सुखमय था। | ||
-कुलीन परिवारों में कान्याओं का विवाह अल्पायु में कर दिया जाता था। | -[[कुलीन]] [[परिवार|परिवारों]] में कान्याओं का [[विवाह]] अल्पायु में कर दिया जाता था। | ||
{विजयनगर का सैन्य विभाग कंदाचार कहलाता था, (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-226 | {[[विजयनगर साम्राज्य]] का सैन्य विभाग कंदाचार कहलाता था, इसका प्रमुख कौन होता था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-226 | ||
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+दण्डनायक | +दण्डनायक | ||
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-नायक | -नायक | ||
{वह | {[[विजयनगर साम्राज्य]] का वह राजा कौन है, जिसने तुर्की वर्ग के कुशल तीरंदाजों को नियुक्त किया और अपने धनुर्धरों की युद्धक्षमता को बढ़ाया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-385 प्रश्न-289 | ||
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-बुक्का प्रथम | -[[बुक्का प्रथम]] | ||
+देवराय द्वितीय | +[[देवराय द्वितीय]] | ||
-कृष्णदेव राय | -[[कृष्णदेव राय]] | ||
-रामराय | -[[रामराय]] | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1189 | {निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1189 | ||
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-800 से 1200 के मध्य कन्नौज उत्तर भारत में राजनीतिक शक्ति | -800 से 1200 के मध्य [[कन्नौज]] [[उत्तर भारत]] में राजनीतिक शक्ति का केंद्र रहा। | ||
-राष्ट्रकूटों का शासन तीनों शक्तियों में सबसे लम्बा था। | -[[राष्ट्रकूट साम्राज्य|राष्ट्रकूटों]] का शासन तीनों शक्तियों में सबसे लम्बा था। | ||
-पाल वंश के अधीन पूर्वी भारत के बौद्धों का दक्षिणपूर्वी एशिया के बौद्धों से सम्बन्ध प्रगाढ़ हुए। | -[[पाल वंश]] के अधीन [[पूर्वी भारत]] के [[बौद्ध धर्म|बौद्धों]] का दक्षिणपूर्वी एशिया के बौद्धों से सम्बन्ध प्रगाढ़ हुए। | ||
+उपर्युक्त सभी | +उपर्युक्त सभी | ||
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{संगम युग के क्लासिकल ग्रन्थों की तिथि थी | {[[संगम युग]] के क्लासिकल ग्रन्थों की तिथि क्या थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-884 | ||
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-600 बी.सी.-300 बी.सी. | -600 बी.सी.-300 बी.सी. | ||
-300 बी.सी.-100 ए.डी. | -300 बी.सी.-100 ए.डी. | ||
-200 बी.सी.- 200 ए. | -200 बी.सी.- 200 ए.डी | ||
+100 बी.सी.- 100 ए.डी. | +100 बी.सी.- 100 ए.डी. | ||
{निम्नलिखित में किस | {निम्नलिखित में से किस [[ग्रंथ]] में पति को यह अधिकार दिया गया है कि गलती करने पर अपनी पत्नी को वह पीट सके? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1188 | ||
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-विष्णु पुराण | -[[विष्णु पुराण]] | ||
-मनुस्मृति | -[[मनुस्मृति]] | ||
+मत्स्य पुराण | +[[मत्स्य पुराण]] | ||
-पराशर स्मृति | -पराशर स्मृति | ||
{सेन राजाओं की वंशावली से सही क्रम निम्नलिखित में से कौन-सा है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-253 प्रश्न-1264 | {[[सेन वंश|सेन]] राजाओं की वंशावली से सही क्रम निम्नलिखित में से कौन-सा है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-253 प्रश्न-1264 | ||
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+हेमंत, विजय, बल्लाल, | +हेमंत, [[विजय सेन|विजय]], [[बल्लाल सेन |बल्लाल]], [[लक्ष्मण सेन|लक्ष्मण]], विश्वरूप | ||
-विजय, बल्लाल, हेमंत, विश्वरूप, | -विजय, बल्लाल, हेमंत, विश्वरूप, लक्ष्मण | ||
-बल्लाल, विजय, हेमंत, | -[[बल्लाल सेन|बल्लाल]], [[विजय सेन |विजय]], हेमंत, [[लक्ष्मण सेन |लक्ष्मण]], विश्वरूप | ||
- | -लक्ष्मण, विश्वरूप, हेमंत, बल्लाल, विजय | ||
{ | {[[विजयनगर साम्राज्य]] में वित्त-विभाग क्या कहलाता था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-201 | ||
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-मानेयम | -मानेयम | ||
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-तलरम | -तलरम | ||
{विजयनगर के शासकों में से किसने विहोबा के प्रति अपनी भक्ति-भावना को प्रदर्शित किया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-264 | {[[विजयनगर साम्राज्य]] के शासकों में से किसने विहोबा के प्रति अपनी भक्ति-भावना को प्रदर्शित किया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-264 | ||
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-हरिहर प्रथम | -[[हरिहर प्रथम]] | ||
-बुक्का प्रथम | -[[बुक्का प्रथम]] | ||
+कृष्णदेव राय | +[[कृष्णदेव राय]] | ||
-विरूपाक्ष | -[[विरूपाक्ष]] | ||
{अकाल के कारण एवं उपाय पर विचार हेतु 1880 ई. में लिटन सरकार ने किसकी अध्यक्षता में आयोग गठित किया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-132 | {अकाल के कारण एवं उपाय पर विचार हेतु 1880 ई. में लिटन सरकार ने किसकी अध्यक्षता में आयोग गठित किया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-132 | ||
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-सर एंटरी मैकडोनल | -सर एंटरी मैकडोनल | ||
{प्राचीन विश्व के इतिहास का प्रथम सेनानायक, प्रथम विजेता | {प्राचीन विश्व के [[इतिहास]] का प्रथम सेनानायक, प्रथम विजेता तथा प्रथम साम्राज्य निर्माता कौन था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-265 | ||
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-आमेनहोतप चतुर्थ | -आमेनहोतप चतुर्थ | ||
- | -थुतमकं प्रथम | ||
+ | +थुतमकं तृतीय | ||
-स्नेफू | -स्नेफू | ||
{विजयनगर | {[[विजयनगर साम्राज्य]] वह सम्राट कौन था, जिसने [[तेलुगु साहित्य|तेलुगू]] और [[संस्कृत साहित्य]] में सर्वाधिक योगदान दिया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-186 | ||
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-देवराय प्रथम | -[[देवराय प्रथम]] | ||
-देवराय तृतीय | -देवराय तृतीय | ||
+कृष्णदेव राय | +[[कृष्णदेव राय]] | ||
-रामराय | -[[रामराय]] | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सी मद विजयनगर साम्राज्य से प्रभूत मात्रा में निर्यात की जाती थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-227 | {निम्नलिखित में से कौन-सी मद [[विजयनगर साम्राज्य]] से प्रभूत मात्रा में [[निर्यात]] की जाती थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-227 | ||
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+कालीमिर्च | +[[कालीमिर्च]] | ||
- | -[[कॉफी]] | ||
-तम्बाकू | -[[तम्बाकू]] | ||
-चाय | -[[चाय]] | ||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
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11:06, 10 मार्च 2017 का अवतरण
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