सीताध्यक्ष

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सीताध्यक्ष मौर्य काल की शासन व्यवस्था में एक उच्च अधिकारी का पद था। राजा की निजी भूमि को सीताध्यक्ष नामक अधिकारी देखता था।

  • अर्थशास्त्र के 'अध्यक्ष प्रचार' अध्याय में 26 अध्यक्षों का उल्लेख है। ये विभिन्न विभागों के अध्यक्ष होते थे और मंत्रियों के निरीक्षण में काम करते थे। कतिपय अध्यक्ष इस प्रकार थे-
  1. कोषाध्यक्ष
  2. सीताध्यक्ष
  3. पण्याध्यक्ष
  4. मुद्राध्यक्ष
  5. पौतवाध्यक्ष
  6. बन्धनागाराध्यक्ष आदि।

इन अध्यक्षों के कार्य-विस्तार के अध्ययन से ज्ञात होता है कि राज्य देश के सामाजिक एवं आर्थिक जीवन और कार्यविधि पर पूरा नियंतत्र रखता था। शासन के कई विभागों के अध्यक्ष, मंडल की सहायता से कार्य करते थे जिनकी ओर मेगस्थनीज़ का ध्यान आकृष्ट हुआ था।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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