दीवान-ए-बरीद पद दीवान-ए-रसालत विभाग के अंतर्गत आता था।
भारत के इतिहास में सल्तनत काल में 'बरीद-ए-मुमालिक' गुप्तचर विभाग का प्रधान अधिकारी होता था। इसके अधीन गुप्तचर, संदेशवाहक एवं डाक-चौकियाँ होती थीं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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