अमीर-ए-दाद शब्द का प्रयोग भारत के इतिहास में सल्तनत काल के दौरान अधिक होता था।
जिसका अर्थ होता था:
सुल्तान की राजधानी में अनुपस्थित होने पर यह दीवान-ए-मजलिस की अध्यक्षता करता था। इसे दादबक भी कहा जाता था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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