जी.एम.सी. बालायोगी
जी.एम.सी. बालायोगी
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पूरा नाम | गन्ती मोहन चन्द्र बालायोगी |
जन्म | 1 अक्तूबर, 1951 |
जन्म भूमि | पूर्वी गोदावरी ज़िला, आंध्र प्रदेश |
मृत्यु | 3 मार्च, 2002 |
मृत्यु स्थान | पश्चिम गोदावरी ज़िला, आंध्र प्रदेश |
मृत्यु कारण | हेलीकाप्टर दुर्घटना |
नागरिकता | भारतीय |
पार्टी | तेलुगु देशम पार्टी |
पद | लोकसभा अध्यक्ष |
कार्य काल | 24 मार्च, 1998 - 3 मार्च, 2002 |
शिक्षा | स्नातकोत्तर |
विद्यालय | आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम |
अद्यतन | 15:17, 21 सितम्बर 2012 (IST)
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गन्ती मोहन चन्द्र बालायोगी (अंग्रेज़ी: Ganti Mohana Chandra Balayogi, जन्म: 1 अक्तूबर, 1951 – मृत्यु: 3 मार्च, 2002) एक भारतीय अधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष थे। गन्ती मोहन चन्द्र बालायोगी को बारहवीं लोकसभा का अध्यक्ष निर्वाचित होने और सर्वसम्मति से तेरहवीं लोक सभा का अध्यक्ष पुनः निर्वाचित होने का सम्मान प्राप्त है। एक अध्यक्ष के रूप में उन्होंने न केवल इस उच्च पद की प्रतिष्ठा और गरिमा को बनाए रखने में बल्कि देश में संसदीय संस्थाओं को सुदृढ़ बनाने में भी एक महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
जीवन परिचय
बालायोगी का जन्म पूर्वी गोदावरी ज़िला, आंध्र प्रदेश के कोनासीमा क्षेत्र में गौरवमयी तथा विशाल गोदावरी नदी के किनारे बसे येदुरुलंका नामक एक छोटे से गांव के एक किसान परिवार से संबंधित श्री गन्निय्या तथा श्रीमती सत्यम्मा के यहाँ 1 अक्तूबर, 1951 को हुआ था। तीन भाई-बहनों में उनसे बड़ी एक बहन तथा एक छोटा भाई है। बालायोगी ने अपने गांव में विद्यालय नहीं होने के कारण गुत्तेनाडिवी गांव से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने काकीनाडा से स्नातक तथा आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम से स्नातकोत्तर एवं विधि की डिग्रियां प्राप्त कीं। बालायोगी ने अपने विधिक जीवन की शुरुआत श्री गोपालास्वामी शेट्टी के मार्गदर्शन में 1980 में काकीनाडा में अधिवक्ता के रूप में की। वर्ष 1985 में उनका चयन प्रथम श्रेणी के दण्डाधिकारी के रूप में हुआ। किन्तु उन्होंने सेवा से त्यागपत्र दे दिया तथा काकीनाडा में वकालत करने वापस लौट आए।
टीका टिप्पणी और संदर्भ