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− | *'''रफ़ीउद्दौला''' | + | *'''रफ़ीउद्दौला''' [[भारतीय इतिहास]] में प्रसिद्ध [[मुग़ल वंश]] का 11वाँ बादशाह था। वह [[जून]], 1719 से [[सितम्बर]], 1719 ई. (4 [[महीने]]) तक ही [[मुग़ल साम्राज्य]] का बादशाह रहा। |
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− | *गद्दी पर बैठने के बाद | + | *गद्दी पर बैठने के बाद रफ़ीउद्दौला ने 'शाहजहाँ शानी', 'शाहजहाँ द्वितीय' की उपाधियाँ धारण कीं। |
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11:05, 10 जुलाई 2016 का अवतरण
- रफ़ीउद्दौला भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध मुग़ल वंश का 11वाँ बादशाह था। वह जून, 1719 से सितम्बर, 1719 ई. (4 महीने) तक ही मुग़ल साम्राज्य का बादशाह रहा।
- रफ़ीउद्दाराजात की मृत्यु के बाद मुग़ल साम्राज्य में हस्तक्षेप की नीति अपनाने वाले सैय्यद बन्धुओं ने रफ़ीउद्दौला को दिल्ली में मुग़ल वंश की गद्दी पर बैठा दिया था।
- गद्दी पर बैठने के बाद रफ़ीउद्दौला ने 'शाहजहाँ शानी', 'शाहजहाँ द्वितीय' की उपाधियाँ धारण कीं।
- वह दूसरा सबसे कम समय तक शासन करने वाला मुग़ल सम्राट था।
- अपने भाई रफ़ीउद्दाराजात की भाँति रफ़ीउद्दौला भी सैयद बन्धुओं के हाथ की कठपुतली ही बना रहा। अल्प काल के समय में ही सैयद बन्धुओं ने उसे भी गद्दी से उतार दिया।
- जिस प्रकार रफ़ीउद्दाराजात की मृत्यु क्षय रोग के कारण हुई, उसी प्रकार इसकी मृत्यु भी पेचिश रोग के कारण हुई।
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