वाष्प दाब
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सभी द्रवों और ठोसों में अपनी अवस्था से गैस अवस्था और हर गैस की अपनी अवस्था से वापस मूल अवस्था (द्रव या ठोस अवस्था) में संधनित होने की प्रवृति होती है। किसी विशेष वस्तु के लिए, किसी दिए गये ताप पर एक नियत दाब होता है, जिस पर उस वस्तु की गैस अवस्था उसकी द्रव या ठोस अवस्था के साथ गतिज साम्यावस्था मे होती है, यह दाब उस वस्तु का उस ताप पर वाष्प दाब होता है।
साम्यावस्था वाष्प दाब, किसी द्रव की वाष्पीकरण की दर को इंगित करता है। यह कणों के किसी द्रव (या एक ठोस) से पलायन करने की प्रवृत्ति से संबंधित है। सामान्य तापमान पर एक उच्च वाष्प दाब वाले पदार्थ को अक्सर वाष्पशील पदार्थ कहा जाता है।
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