"प्रयोग:कविता सा.-1" के अवतरणों में अंतर
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-850-950 ई. | -850-950 ई. | ||
||प्रसिद्ध [[खजुराहो|खजुराहो मंदिर]] के निर्माण की अवधि 100 वर्ष (950-1050 ई.) रहा। | ||प्रसिद्ध [[खजुराहो|खजुराहो मंदिर]] के निर्माण की अवधि 100 वर्ष (950-1050 ई.) रहा। | ||
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{[[कबीरदास]] ने 'निर्वाण' कहाँ प्राप्त किया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-226,प्रश्न-305 | {[[कबीरदास]] ने 'निर्वाण' कहाँ प्राप्त किया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-226,प्रश्न-305 | ||
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+लोक गायिका | +लोक गायिका | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
− | ||तीजन बाई एक पण्डवानी गायीका हैं पण्डवानी गायन जो [[छत्तीसगढ़]] की एक पारंपरिक प्रदर्शन कला है। इसमें '[[महाभारत]]' की कहानियाँ एक गीत के रूप में गायी जाती हैं। | + | ||[[तीजन बाई]] एक पण्डवानी गायीका हैं पण्डवानी गायन जो [[छत्तीसगढ़]] की एक पारंपरिक प्रदर्शन कला है। इसमें '[[महाभारत]]' की कहानियाँ एक गीत के रूप में गायी जाती हैं। |
{विख्यात 'महेश मूर्ति' रॉक-कट मूर्ति कहाँ हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-25,प्रश्न-24 | {विख्यात 'महेश मूर्ति' रॉक-कट मूर्ति कहाँ हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-25,प्रश्न-24 | ||
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||विख्यात 'महेश मूर्ति' रॉक-कट मूर्ति एलीफैंटा में है। 8वीं शताब्दी में राष्ट्रकूट राजाओं ने एलीफैंटा गुफ़ा में तीन शीर्ष वाले महेश मूर्ति के मंदिर का निर्माण करवाया था। | ||विख्यात 'महेश मूर्ति' रॉक-कट मूर्ति एलीफैंटा में है। 8वीं शताब्दी में राष्ट्रकूट राजाओं ने एलीफैंटा गुफ़ा में तीन शीर्ष वाले महेश मूर्ति के मंदिर का निर्माण करवाया था। | ||
− | {जोगीमारा के चित्र कहाँ बने हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-28,प्रश्न-9 | + | {[[जोगीमारा]] के चित्र कहाँ बने हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-28,प्रश्न-9 |
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-छत पर | -छत पर | ||
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+सफेद पृष्ठभूमि पर | +सफेद पृष्ठभूमि पर | ||
-पीली पृष्ठभूमि पर | -पीली पृष्ठभूमि पर | ||
− | ||जोगीमारा के प्रत्येक चित्र सफेद पृष्ठभूमि पर एक लाल रूपरेखा के साथ बने हैं। | + | ||[[जोगीमारा]] के प्रत्येक चित्र सफेद पृष्ठभूमि पर एक लाल रूपरेखा के साथ बने हैं। |
− | {'जोगीमारा' किसलिए प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-28,प्रश्न-10 | + | {'[[जोगीमारा]]' किसलिए प्रसिद्ध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-28,प्रश्न-10 |
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-मूर्तियों के लिए | -मूर्तियों के लिए | ||
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-योगियों की समाधि के लिए | -योगियों की समाधि के लिए | ||
-इनमें से किसी के लिए नहीं | -इनमें से किसी के लिए नहीं | ||
− | ||जोगीमारा भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ के भित्तिचित्रों में पशु-पक्षी, स्त्री-पुरुष, मकान, तालाब, पुष्प आदि का अंकन किया गया है। | + | ||[[जोगीमारा]] भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ के भित्तिचित्रों में पशु-पक्षी, स्त्री-पुरुष, मकान, तालाब, पुष्प आदि का अंकन किया गया है। |
{पाल चित्रकला किस प्रदेश की हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-10 | {पाल चित्रकला किस प्रदेश की हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-10 | ||
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− | -नेपाल की | + | -[[नेपाल]] की |
− | -उड़ीसा की | + | -[[उड़ीसा]] की |
− | -बिहार की | + | -[[बिहार]] की |
− | +बंगाल की | + | +[[बंगाल]] की |
− | ||पाल चित्रकला बंगाल, बिहार और नेपाल में लिखी गई है, लेकिन यह मुख्य रूप से बंगाल से ही बिहार एबं नेपाल में पहुंची है। अत: पाल चित्रकला बंगाल प्रदेश से ही संबंधित है। | + | ||पाल चित्रकला बंगाल, बिहार और नेपाल में लिखी गई है, लेकिन यह मुख्य रूप से [[बंगाल]] से ही [[बिहार]] एबं [[नेपाल]] में पहुंची है। अत: पाल चित्रकला बंगाल प्रदेश से ही संबंधित है। |
{परली आँख किस शैली के चित्रों की विशेषता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-45,प्रश्न-36 | {परली आँख किस शैली के चित्रों की विशेषता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-45,प्रश्न-36 | ||
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− | -मुगल | + | -[[मुगल कालीन चित्रकला|मुगल]] |
− | -पहाड़ी | + | -[[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी]] |
− | +अपभ्रंश | + | +[[अपभ्रंश चित्रकला|अपभ्रंश]] |
− | -राजस्थानी | + | -[[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी]] |
− | ||'परली आँख' अपभ्रंश शैली या जैन शैली की मुख्य विशेषताओं में से एक है, क्योंकि इस चित्र में चेहरे का पूरा हिस्सा न होने के बावजूद भी दूसरी आँख को पूरा चित्रित किया गया है। | + | ||'परली आँख' [[अपभ्रंश चित्रकला|अपभ्रंश शैली]] या जैन शैली की मुख्य विशेषताओं में से एक है, क्योंकि इस चित्र में चेहरे का पूरा हिस्सा न होने के बावजूद भी दूसरी आँख को पूरा चित्रित किया गया है। |
{किस मुगल सम्राट ने महान संगीतज्ञ हरिदास से भेंट की थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-54 | {किस मुगल सम्राट ने महान संगीतज्ञ हरिदास से भेंट की थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-54 | ||
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− | +अकबर | + | +[[अकबर]] |
− | -जहाँगीर | + | -[[जहाँगीर]] |
− | -शाहजहाँ | + | -[[शाहजहाँ]] |
− | -बाबर | + | -[[बाबर]] |
− | ||अकबर ने अपने दरबार के महान संगीतज्ञ तानसेन के प्रारंभिक शिक्षक हरिदास से भेंट की थी। | + | ||[[अकबर]] ने अपने दरबार के महान संगीतज्ञ तानसेन के प्रारंभिक शिक्षक हरिदास से भेंट की थी। |
+ | |||
+ | {'लाल पुष्प' किस मुगल कलाकार का चित्रहै?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-52 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -गोवर्धन | ||
+ | -अबुल हसन | ||
+ | -किशन दास | ||
+ | +उस्ताद मंसूर | ||
+ | ||पुष्पों की चित्रकारी में मंसूर को महारत हासिल थी। 'लाल पुष्पों की बहार' का चित्र उसके सर्वोत्तम चित्रों में से एक है। | ||
+ | |||
+ | {मुगल चित्रकार का क्या नाम था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-64,प्रश्न-57 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +बसावन | ||
+ | -मौलाराम | ||
+ | -राजा रवि वर्मा | ||
+ | -अमृता शेरगिल | ||
+ | ||बसावन मुगल कालिन विशिष्ट चित्रकार था। बसावन अकबर कालिन चित्रकारों में सर्वश्रेष्ठ था क्योंकि वह चित्रकला की सभी शैलियों का पारखी था। | ||
+ | |||
+ | {राम किंकर का सबसे प्रसिद्ध कार्य कौना सा है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-48 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -न्युडफेम्ड | ||
+ | -पहाड़ी परिवार | ||
+ | +संथाल परिवार | ||
+ | -राजस्थानी परिवार | ||
+ | ||राम किंकर बैज की प्रसिद्ध कृति संथाल परिवार है, जो खुरदुरी सतह वाली अनेक मानव आकृतियों तथा दृढ़ गतियों वाली उनकी एक समूह कृति है। | ||
+ | |||
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+ | {भारतीय रिजर्व बैंक, नई दिल्ली स्थित यक्ष-यक्षिणी स्थापत्य किसके द्वारा निर्मित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-84,प्रश्न-53 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -जी.के. म्हात्रे | ||
+ | -हिरण्यमय रायचौधरी | ||
+ | -सोमनाथ होर | ||
+ | +राम किंकर बैज | ||
+ | ||भारतीय रिजर्व बैंक, नई दिल्ली स्थित यक्ष-यक्षिणी की मूर्तियाँ राम किंकर बैज द्वारा निर्मित की गई हैं। | ||
12:13, 18 फ़रवरी 2018 का अवतरण
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