"प्रयोग:कविता बघेल 4": अवतरणों में अंतर
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-[[क्षारीय मृदा]] | -[[क्षारीय मृदा]] | ||
{'NDDB' कहाँ स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-71 | {'NDDB' (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड) कहाँ स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-71 | ||
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-[[नई दिल्ली]] | -[[नई दिल्ली]] | ||
-[[करनाल]] | -[[करनाल]] ([[हरियाणा]]) | ||
+आनन्द | +आनन्द ([[गुजरात]]) | ||
-इज्जतनगर | -इज्जतनगर ([[उत्तर प्रदेश]]) | ||
{[[फूलगोभी]] किस [[परिवार]] से सम्बंधित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-11 | {[[फूलगोभी]] किस [[परिवार]] से सम्बंधित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-11 | ||
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-लेपीडोप्टेरा | -लेपीडोप्टेरा | ||
-आईसोप्टेरी | -आईसोप्टेरी | ||
||डिप्टेरा -घरेलू मक्खी और मच्छर, कोलियोप्टर -भृंग, लेपीडोप्टेरा -कारब वर्ग, आईसोप्टेरा - | ||डिप्टेरा -घरेलू मक्खी और मच्छर, कोलियोप्टर -भृंग, लेपीडोप्टेरा -कारब वर्ग, आईसोप्टेरा -सफ़ेद मक्खी | ||
{पोस्टर शिक्षण सामग्री है | {पोस्टर शिक्षण सामग्री क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-17 | ||
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-प्रोजेक्टेड दृश्य सामग्री | -प्रोजेक्टेड दृश्य सामग्री | ||
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{पौधों को [[फॉस्फोरस]] की प्राप्यता सबसे अधिक प्रभावित होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-11 | {पौधों को [[फॉस्फोरस]] की प्राप्यता सबसे अधिक प्रभावित होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-11 | ||
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+मिट्टी के पी.एच. से | +[[मिट्टी]] के पी.एच. से | ||
-नमी की कमी से | -नमी की कमी से | ||
-तापमान से | -[[तापमान]] से | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||पौधों को [[फॉस्फोरस]] की प्राप्यता मुख्य रूप से निम्न कारकों से निर्धारित होती है- 1.मृदा की पी.एच. 2.विलेय आयरन ऐलुमिनियम तथा मैंगनीज, 3.[[आयरन]], [[ऐलुमिनियम]] तथा मैंगनीजयुक्त खनिजों की उपस्थिति, 4. प्राप्य [[कैल्सियम]] और कैल्सियमयुक्त खनिज कारक परस्पर सम्बंधित हैं, क्योंकि इनके प्रभाव अधिकतर मृदा पी.एच. पर निर्भर होते हैं। अत: मृदा विलयन में विभिन्न फॉस्फेट आयन्स की सांद्रता पी.एच. से सम्बंधित होती है। | ||पौधों को [[फॉस्फोरस]] की प्राप्यता मुख्य रूप से निम्न कारकों से निर्धारित होती है- 1.मृदा की पी.एच. 2.विलेय आयरन ऐलुमिनियम तथा मैंगनीज, 3.[[आयरन]], [[ऐलुमिनियम]] तथा मैंगनीजयुक्त खनिजों की उपस्थिति, 4. प्राप्य [[कैल्सियम]] और कैल्सियमयुक्त खनिज कारक परस्पर सम्बंधित हैं, क्योंकि इनके प्रभाव अधिकतर मृदा पी.एच. पर निर्भर होते हैं। अत: मृदा विलयन में विभिन्न फॉस्फेट आयन्स की सांद्रता पी.एच. से सम्बंधित होती है। | ||
{[[कृषि]] के क्षेत्र में [[नोबल पुरस्कार]] विजेता हैं | {[[कृषि]] के क्षेत्र में [[नोबल पुरस्कार]] विजेता कौन हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-12 | ||
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+डॉ. नॉरमन ई. बोरलॉग | +डॉ. नॉरमन ई. बोरलॉग | ||
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||शस्य योजना के अंदर एक-वर्षीय फ़सल चक्र के लिए एक खेत, दो-वर्षीय फ़सल चक्र के लिए दो खेत और चार-वर्षीय फ़सल चक्र के लिए चार खेतों की जरूरत होगी, क्योंकि फ़सल चक्र की हर फ़सल हर वर्ष लेनी होती है। चरी-बरसीम-[[धान]]-[[मटर]] दो वर्षीय फ़सल चक्र है, अत: इसके लिए दो खेतों की जरूरत होगी। | ||शस्य योजना के अंदर एक-वर्षीय फ़सल चक्र के लिए एक खेत, दो-वर्षीय फ़सल चक्र के लिए दो खेत और चार-वर्षीय फ़सल चक्र के लिए चार खेतों की जरूरत होगी, क्योंकि फ़सल चक्र की हर फ़सल हर [[वर्ष]] लेनी होती है। चरी-बरसीम-[[धान]]-[[मटर]] दो वर्षीय फ़सल चक्र है, अत: इसके लिए दो खेतों की जरूरत होगी। | ||
{2:1 ट्राइफॉर्मिक फैलने वाले सिलीकेट क्लेज की धनायन विनिमय क्षमता (CEC- Cation Exchange Capacity) होती है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-12 | {2:1 ट्राइफॉर्मिक फैलने वाले सिलीकेट क्लेज की धनायन विनिमय क्षमता (CEC- Cation Exchange Capacity) होती है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-12 | ||
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||2:1 ट्राइफॉर्मिक फैलने वाले सिलिटेड क्लेज की धनायन विनिमय क्षमता 20-40 meq/100g होती है। | ||2:1 ट्राइफॉर्मिक फैलने वाले सिलिटेड क्लेज की धनायन विनिमय क्षमता 20-40 meq/100g होती है। | ||
{'चीज' के जामन पाए जाते | {'चीज' के जामन में किस प्रकार के जीवाणु पाए जाते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-72 | ||
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-केवल [[लैक्टिक अम्ल]] पैदा करने वाले [[जीवाणु]] | -केवल [[लैक्टिक अम्ल]] पैदा करने वाले [[जीवाणु]] | ||
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{गाँठ गोभी के लिए किस प्रकार की [[मृदा]] अच्छी होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-12 | {गाँठ गोभी के लिए किस प्रकार की [[मृदा]] अच्छी होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-12 | ||
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+दोमट | +[[दोमट मिट्टी|दोमट]] | ||
-मटियार दोमट | -मटियार दोमट | ||
-चिकनी मटियार दोमट | -चिकनी मटियार दोमट | ||
-मटियार | -मटियार | ||
||गाँठ गोभी के लिए सबसे अधिक उपयुक्त दोमट मिट्टी होती है, जबकि [[आलू]] के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। | ||गाँठ गोभी के लिए सबसे अधिक उपयुक्त [[दोमट मिट्टी]] होती है, जबकि [[आलू]] के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। | ||
{[[भारत]] की लगभग 142 मिलियन हैक्टेयर भूमि आती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-82 | {[[भारत]] की लगभग 142 मिलियन हैक्टेयर भूमि आती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-82 | ||
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+वर्गीकी | +वर्गीकी | ||
-पारिस्थितिकीय | -पारिस्थितिकीय | ||
||आकारिकी -बाह्य आकार का अध्ययन, शारीरिकी -शरीर क्रिया विभाग, वर्गीकी -वर्गीकरण, पारिस्थितिकीय -कीटों के पारिस्थितिकीय का अध्ययन। | ||आकारिकी- बाह्य आकार का अध्ययन, शारीरिकी- शरीर क्रिया विभाग, वर्गीकी- वर्गीकरण, पारिस्थितिकीय- कीटों के पारिस्थितिकीय का अध्ययन। | ||
{परिणाम प्रदर्शन प्रसार, शिक्षा के किस सिद्धांत पर आधारित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-18 | {परिणाम प्रदर्शन प्रसार, शिक्षा के किस सिद्धांत पर आधारित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-18 | ||
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||प्रदर्शन का अर्थ करके दिखाने से होता है। करके एवं देखकर सीखना ही इसका मूलभूत सिद्धांत है अत: प्रदर्शन- 'देखकर विश्वास करो तथा करके सीखो' के सिद्धांत पर आधारित है। | ||प्रदर्शन का अर्थ करके दिखाने से होता है। करके एवं देखकर सीखना ही इसका मूलभूत सिद्धांत है अत: प्रदर्शन- 'देखकर विश्वास करो तथा करके सीखो' के सिद्धांत पर आधारित है। | ||
{अधिकतम '[[विटामिन सी]]' मिलता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-12 | {अधिकतम '[[विटामिन सी]]' किसमें मिलता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-12 | ||
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-[[सेब]] | -[[सेब]] | ||
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||'[[विटामिन सी]]' की सबसे अधिक मात्रा घटते क्रम में निम्न प्रकार हैं- [[आँवला]]>[[अमरुद]]>[[नींबू]]>[[सेब]] | ||'[[विटामिन सी]]' की सबसे अधिक मात्रा घटते क्रम में निम्न प्रकार हैं- [[आँवला]]>[[अमरुद]]>[[नींबू]]>[[सेब]] | ||
{'भूमि विकास बैंक' किसानों को ऋण उपलब्ध करता है | {'भूमि विकास बैंक' किसानों को ऋण कितनी अवधि के लिए उपलब्ध करता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-13 | ||
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-कम अवधि के लिए | -कम अवधि के लिए | ||
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||'भूमि विकास बैंक' का मुख्य उद्देश्य किसानों की भूमि पर विकास कार्यों जैसे- फार्म पर सिंचाई के लिए [[कुआँ|कुएँ]], नालियों एवं घर बनवाना, पम्पिंग सैट लगवाने, ट्रैक्टर, स्प्रेयर्स, कम्बाईन्स, डस्टर्स, थ्रेसर आदि मशीनों के क्रय के लिए दीर्घकालीन ऋण स्वीकृत करना है। भूमि विकास बैंक किसानों की पुराने ऋणों से मुक्ति दिलाते हैं। | ||'भूमि विकास बैंक' का मुख्य उद्देश्य किसानों की भूमि पर विकास कार्यों जैसे- फार्म पर सिंचाई के लिए [[कुआँ|कुएँ]], नालियों एवं घर बनवाना, पम्पिंग सैट लगवाने, ट्रैक्टर, स्प्रेयर्स, कम्बाईन्स, डस्टर्स, थ्रेसर आदि मशीनों के क्रय के लिए दीर्घकालीन ऋण स्वीकृत करना है। भूमि विकास बैंक किसानों की पुराने ऋणों से मुक्ति दिलाते हैं। | ||
{[[वर्षा]] के दिनों में [[बादल|बादलों]] की चमक और गरज से सम्बधित कौन सा कथन सही है | {[[वर्षा]] के दिनों में [[बादल|बादलों]] की चमक और गरज से सम्बधित कौन सा कथन सही है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-12 | ||
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-एक साथ प्रारम्भ होती है। | -एक साथ प्रारम्भ होती है। | ||
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||कुछ पौधों में तत्त्व-विशेष की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई दे जाती है, जिन्हें देखकर ऐसा बोध होता है कि इनमें तत्त्वों की कमी है, ऐसे ही पौधों को सूचक पौधे कहते हैं। | ||कुछ पौधों में तत्त्व-विशेष की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई दे जाती है, जिन्हें देखकर ऐसा बोध होता है कि इनमें तत्त्वों की कमी है, ऐसे ही पौधों को सूचक पौधे कहते हैं। | ||
{[[मृदा]], जिसमें उपलब्ध P<sub>2</sub>O<sub>5</sub> की मात्रा 20 | {[[मृदा]], जिसमें उपलब्ध P<sub>2</sub>O<sub>5</sub> की मात्रा 20 किग्रा/हैक्टेयर से कम हो, उसे किस श्रेणी में रखते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-14 | ||
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+निम्न श्रेणी | +निम्न श्रेणी | ||
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-उच्च श्रेणी | -उच्च श्रेणी | ||
-अति-उच्च श्रेणी | -अति-उच्च श्रेणी | ||
||ऐसी मृदा, जिसमें P<sub>2</sub>O<sub>5</sub> की मात्रा 20 किग्रा/हैक्टेयर से कम होती है, उसे निम्न श्रेणी में रखते हैं। | ||ऐसी [[मृदा]], जिसमें P<sub>2</sub>O<sub>5</sub> की मात्रा 20 किग्रा/हैक्टेयर से कम होती है, उसे निम्न श्रेणी में रखते हैं। | ||
{' | {'आउट ब्रीडिंग' (Out-breeding) समागम (Mating) है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-73 | ||
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-दो विभिन्न नस्लों का | -दो विभिन्न नस्लों का | ||
-दो विभिन्न नस्लों के असम्बंधित पशुओं का | -दो विभिन्न नस्लों के असम्बंधित पशुओं का | ||
+एक ही नस्ल के दो असम्बंधित पशुओं का | +एक ही नस्ल के दो असम्बंधित पशुओं का | ||
-एक ही नस्ल के दो | -एक ही नस्ल के दो सम्बंधित पशुओं का | ||
||एक समान नस्ल वाले दो असम्बंधित पशुओं का आउट ब्रीडिंग समागम (Mating) होता है। | ||एक समान नस्ल वाले दो असम्बंधित पशुओं का आउट ब्रीडिंग समागम (Mating) होता है। | ||
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-दोमट बलुअर | -दोमट बलुअर | ||
+बलुई दोमट | +बलुई दोमट | ||
-दोमट | -[[दोमट मिट्टी|दोमट]] | ||
-मटियार | -मटियार | ||
||[[लहसुन]] की खेती के लिए सबसे अधिक उपयुक्त बलुई दोमट मिट्टी होती है। मटियार मिट्टी में इसकी खेती करने से इसकी पैदावार कम होती है। | ||[[लहसुन]] की खेती के लिए सबसे अधिक उपयुक्त बलुई दोमट मिट्टी होती है। मटियार मिट्टी में इसकी खेती करने से इसकी पैदावार कम होती है। | ||
{भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय [[1875]] | {भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय [[1875]] में कहाँ स्थापित किया गया था? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-83 | ||
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-[[नई दिल्ली]] | -[[नई दिल्ली]] | ||
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-लूइस पाश्चर | -लूइस पाश्चर | ||
+एंटनी वान ल्यूनेवहॉक | +एंटनी वान ल्यूनेवहॉक | ||
- | -रॉबर्ट कोच | ||
-जॉन टिंडल | -जॉन टिंडल | ||
||सबसे पहले सूक्ष्म जीव की खोज एण्टनी वान ल्यूवेन्हॉक ने की थी। | ||सबसे पहले सूक्ष्म जीव की खोज एण्टनी वान ल्यूवेन्हॉक ने की थी। | ||
{[[भारत]] में सबसे महत्त्वपूर्ण और सर्वाधिक क्षेत्र किस [[मृदा]] का है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-13 | {[[भारत]] में सबसे महत्त्वपूर्ण और सर्वाधिक क्षेत्र किस [[मृदा]] का है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-13 | ||
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||दाना हेतु ज्वार का प्रति हेक्टेयर बीज दर 12-15 कि.ग्रा. है। जबकि चारे की फ़सल के लिए बीज दर 30-35 कि.ग्रा. है। | ||दाना हेतु ज्वार का प्रति हेक्टेयर बीज दर 12-15 कि.ग्रा. है। जबकि चारे की फ़सल के लिए बीज दर 30-35 कि.ग्रा. है। | ||
{[[सर्दी|जाड़े]] में बोए जाने वाले '[[गेहूँ]]' | {[[सर्दी|जाड़े]] में बोए जाने वाले '[[गेहूँ]]' के लिए उपयुक्त [[मिट्टी|मृदा]] तापक्रम कितना होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-13 | ||
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-5-3 °C | -5-3 °C | ||
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+नॉन-प्रोटीन नाइट्रोजन | +नॉन-प्रोटीन नाइट्रोजन | ||
{[[अमरुद]] लगाने की औसत दूरी | {[[अमरुद]] लगाने की औसत दूरी कितनी होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-14 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-5 मी. x 5 मी. | -5 मी. x 5 मी. | ||
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-10 मी. x 10 मी. | -10 मी. x 10 मी. | ||
-8 मी. x 8 मी. | -8 मी. x 8 मी. | ||
||अमरुद= 6 मी. x 6 मी., [[अनार]] व अंजीर= 5 मी. x 5 मी., [[आम]]= 10 मी. x 10 मी., [[आँवला]]= 8 मी. x 8 मी. | ||[[अमरुद]]= 6 मी. x 6 मी., [[अनार]] व अंजीर= 5 मी. x 5 मी., [[आम]]= 10 मी. x 10 मी., [[आँवला]]= 8 मी. x 8 मी. | ||
{ठण्डी परत पर छोटी-सी बूँद के रूप में नमी का संघनित होना कहलाता है | {ठण्डी परत पर छोटी-सी बूँद के रूप में नमी का संघनित होना क्या कहलाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-84 | ||
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-हेल | -हेल | ||
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-पी.एच. (pH) | -पी.एच. (pH) | ||
+पी.एफ. (pF) | +पी.एफ. (pF) | ||
- | -क्यूसेक (Quceck) | ||
-ई.सी.सी. (ECC) | -ई.सी.सी. (ECC) | ||
{[[अरहर]] के 200 कि.ग्रा. बीज उपचारित करने के लिए एक लीटर पानी, थाइराम 75% तथा डब्ल्यू.पी.डी. के कितने ग्राम की आवश्यकता पड़ती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-16 | {[[अरहर]] के 200 कि.ग्रा. बीज उपचारित करने के लिए एक लीटर पानी, थाइराम 75% तथा डब्ल्यू.पी.डी. के कितने ग्राम की आवश्यकता पड़ती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-16 | ||
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+[[अक्टूबर]] | +[[अक्टूबर]] | ||
-[[नवम्बर]] | -[[नवम्बर]] | ||
||[[शरद ऋतु|शरदकालीन]] [[गन्ना|गन्ने]] की बुआई [[अक्टूबर]] में की जाती है। इस गन्ने की कटाई भी अगले वर्ष लगभग अक्टूबर के | ||[[शरद ऋतु|शरदकालीन]] [[गन्ना|गन्ने]] की बुआई [[अक्टूबर]] में की जाती है। इस गन्ने की कटाई भी अगले वर्ष लगभग अक्टूबर के आख़िरी सप्ताह में की जाती है। | ||
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-पत्ती की मध्य शिरा के अंदर | -पत्ती की मध्य शिरा के अंदर | ||
-पत्ती के किनारे के ऊतकों के अंदर | -पत्ती के किनारे के ऊतकों के अंदर | ||
||मादा-मैंगो | ||मादा-मैंगो लीफ़ हॉपर्स पत्ती की निचली सतह पर अपने अण्डे देती है। यह कीट [[आम]] के पौधों को बहुत नुक़सान पहुँचाता है। यह कीट अपने साथ स्टाइकेट सीट छोड़ता है, जिससे उसके ऊपर [[कवक]] का विकास हो जाता है। | ||
{स्वच्छ [[दुग्ध]] उत्पादन हेतु किस प्रकार का दुहाई-बर्तन (Milking pail) सर्वोपरि होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-75 | {स्वच्छ [[दुग्ध]] उत्पादन हेतु किस प्रकार का दुहाई-बर्तन (Milking pail) सर्वोपरि होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-75 | ||
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{कौन-सी [[मृदा]] किस्म अधिकतम क्षेत्र क्षमता रखती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-15 | {कौन-सी [[मृदा]] किस्म अधिकतम क्षेत्र क्षमता रखती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-15 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-दोमट | -[[दोमट मिट्टी|दोमट]] | ||
-चिकनी दोमट | -चिकनी दोमट | ||
-मटियार दोमट | -मटियार दोमट | ||
+मटियार | +मटियार | ||
||(1)दोमट - 18.1%, (2)चिकनी दोमट - 19.6%, (3)मटियार दोमट - 21.5%, (4)मटियार- 22.6% | ||(1)[[दोमट मिट्टी|दोमट]] - 18.1%, (2)चिकनी दोमट - 19.6%, (3)मटियार दोमट - 21.5%, (4)मटियार- 22.6% | ||
{[[भारत]] में कितने कृषि जलवायु क्षेत्र पाये जाते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-85 | {[[भारत]] में कितने कृषि जलवायु क्षेत्र पाये जाते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-85 | ||
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||भारत में 15 कृषि जलवायु क्षेत्र पाये जाते हैं, जो इस प्रकार से हैं- 1.पूर्वी हिमालय क्षेत्र 2.पश्चिमी हिमालय क्षेत्र 3.[[गंगा]] के पार का मैदानी क्षेत्र 4.मध्यवर्ती पठारी एवं पहाड़ी क्षेत्र 5.ऊपरी गंगा का मैदानी क्षेत्र 6.निचली गंगा मैदान क्षेत्र 7.पूर्वी पठारी और पहाड़ी क्षेत्र 8.मध्यवर्ती गंगा का मैदानी क्षेत्र 9.पूर्वी तटीय मैदान 10.[[गुजरात]] के मैदान तथा पहाड़ी क्षेत्र 11.पश्चिमी पठारी एवं पहाड़ी क्षेत्र 12.द्वीप समूह क्षेत्र 13.दक्षिणी पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्र 14.पश्चिमी शुष्क क्षेत्र 15.पश्चिमी तटीय मैदानी पठारी क्षेत्र। | ||[[भारत]] में 15 कृषि जलवायु क्षेत्र पाये जाते हैं, जो इस प्रकार से हैं- 1.पूर्वी हिमालय क्षेत्र 2.पश्चिमी हिमालय क्षेत्र 3.[[गंगा]] के पार का मैदानी क्षेत्र 4.मध्यवर्ती पठारी एवं पहाड़ी क्षेत्र 5.ऊपरी गंगा का मैदानी क्षेत्र 6.निचली गंगा मैदान क्षेत्र 7.पूर्वी पठारी और पहाड़ी क्षेत्र 8.मध्यवर्ती गंगा का मैदानी क्षेत्र 9.पूर्वी तटीय मैदान 10.[[गुजरात]] के मैदान तथा पहाड़ी क्षेत्र 11.पश्चिमी पठारी एवं पहाड़ी क्षेत्र 12.द्वीप समूह क्षेत्र 13.दक्षिणी पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्र 14.पश्चिमी शुष्क क्षेत्र 15.पश्चिमी तटीय मैदानी पठारी क्षेत्र। | ||
{कौन-सा रसायन विपरीत लिंग के कीट को आकर्षित करता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-15 | {कौन-सा रसायन विपरीत लिंग के कीट को आकर्षित करता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-15 | ||
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-एले क्रॉपिंग पद्धति | -एले क्रॉपिंग पद्धति | ||
+एग्रोफॉरेस्ट्रीय पद्धति | +एग्रोफॉरेस्ट्रीय पद्धति | ||
||'एग्रोफॉरेस्ट्रीय पद्धति आश्रय देने वाली भूमि प्रबंध की वह पद्धति है, जो भूमि की उपज को बढ़ाती है, सस्यों को वन-पौधों तथा पशुओं को साथ-साथ या | ||'एग्रोफॉरेस्ट्रीय पद्धति आश्रय देने वाली भूमि प्रबंध की वह पद्धति है, जो भूमि की उपज को बढ़ाती है, सस्यों को वन-पौधों तथा पशुओं को साथ-साथ या तदनन्तर, भूमि के उसी भाग पर मिलती है और स्थानीय आबादी की कृषि क्रियाओं के साथ सही प्रबंधन रीति लागू करती है। | ||
{छिड़काव सिंचाई विधि की डिज़ाइन पौधों के किस भाग को [[पानी]] देने के लिए प्रयुक्त होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-12 | {छिड़काव सिंचाई विधि की डिज़ाइन पौधों के किस भाग को [[पानी]] देने के लिए प्रयुक्त होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-12 | ||
पंक्ति 420: | पंक्ति 408: | ||
-सम्पूर्ण पौधे के लिए | -सम्पूर्ण पौधे के लिए | ||
||पानी को बौछार या फुहारें के रूप में पौधों के ऊपर डाला जाता है, इसे छिड़काव सिंचाई विधि कहते हैं। | ||पानी को बौछार या फुहारें के रूप में पौधों के ऊपर डाला जाता है, इसे छिड़काव सिंचाई विधि कहते हैं। | ||
{निम्नांकित में से कौन एक 'सिगरेट बीटल' है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-16 | {निम्नांकित में से कौन एक 'सिगरेट बीटल' है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-16 |
12:09, 22 अप्रैल 2017 का अवतरण
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