"प्रयोग:कविता बघेल 4": अवतरणों में अंतर
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+डॉ. नॉरमन ई. बोरलॉग | +डॉ. नॉरमन ई. बोरलॉग | ||
-[[हरगोविंद | -[[हरगोविंद खुराना]] | ||
-डॉ. रोजर्स | -डॉ. रोजर्स | ||
-[[एम. एस. स्वामीनाथन]] | -[[एम. एस. स्वामीनाथन]] | ||
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-अधिक न गरज और न ही चमक होती है। | -अधिक न गरज और न ही चमक होती है। | ||
||[[वर्षा]] के दिनों में पहले [[बादल]] चमकने शुरू होते हैं, उसके बाद उनकी गरज शुरू होती है। | ||[[वर्षा]] के दिनों में पहले [[बादल]] चमकने शुरू होते हैं, उसके बाद उनकी गरज शुरू होती है। | ||
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+गोभी | +गोभी | ||
-प्याज | -प्याज | ||
||कुछ पौधों में तत्त्व-विशेष की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई दे जाती | ||कुछ पौधों में तत्त्व-विशेष की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई दे जाती है, जिन्हें देखकर ऐसा बोध होता है कि इनमें तत्त्वों की कमी है, ऐसे ही पौधों को सूचक पौधे कहते हैं। | ||
{[[मृदा]], जिसमें उपलब्ध P<sub>2</sub>O<sub>5</sub> की मात्रा 20 Kg/hectere से कम हो, उसे रखते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-14 | {[[मृदा]], जिसमें उपलब्ध P<sub>2</sub>O<sub>5</sub> की मात्रा 20 Kg/hectere से कम हो, उसे रखते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-14 | ||
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||ऐसी मृदा, जिसमें P<sub>2</sub>O<sub>5</sub> की मात्रा 20 किग्रा/हैक्टेयर से कम होती है, उसे निम्न श्रेणी में रखते हैं। | ||ऐसी मृदा, जिसमें P<sub>2</sub>O<sub>5</sub> की मात्रा 20 किग्रा/हैक्टेयर से कम होती है, उसे निम्न श्रेणी में रखते हैं। | ||
{'आउड ब्रीडिंग' (Out- | {'आउड ब्रीडिंग' (Out-breeding) समागम (Mating) है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-73 | ||
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-दो विभिन्न नस्लों का | -दो विभिन्न नस्लों का | ||
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+[[पुणे]] | +[[पुणे]] | ||
-[[कलकत्ता]] | -[[कलकत्ता]] | ||
||भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय [[पुणे]] में स्थित है, जो | ||भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय [[पुणे]] में स्थित है, जो सन् [[1875]] में स्थापित किया गया था। | ||
{सर्वप्रथम | {सर्वप्रथम सूक्ष्म जीव की खोज किसने की थी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं 82, प्रश्न-22 | ||
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-लूइस पाश्चर | -लूइस पाश्चर | ||
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-राबर्ट कोच | -राबर्ट कोच | ||
-जॉन टिंडल | -जॉन टिंडल | ||
||सबसे पहले | ||सबसे पहले सूक्ष्म जीव की खोज एण्टनी वान ल्यूवेन्हॉक ने की थी। | ||
{समूह बनता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-19 | {समूह बनता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-19 | ||
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-एक व्यक्ति से | -एक व्यक्ति से | ||
-सैकड़ों व्यक्तियों से | -सैकड़ों व्यक्तियों से | ||
- | -हज़ारों व्यक्तियों से | ||
||दो या दो से अधिक लोगों को 'समूह' कहते हैं। 'समूह' के लिए मनुष्यों की अधिकतम संख्या बीस होती है। | ||दो या दो से अधिक लोगों को 'समूह' कहते हैं। 'समूह' के लिए मनुष्यों की अधिकतम संख्या बीस होती है। | ||
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-[[लैटेराइट मिट्टी|लैटेराइट मृदा]] | -[[लैटेराइट मिट्टी|लैटेराइट मृदा]] | ||
+[[जलोढ़ मिट्टी|जलोढ़ मृदा]] | +[[जलोढ़ मिट्टी|जलोढ़ मृदा]] | ||
-[[लाल मिट्टी|लाल मृदा]] | -[[लाल मिट्टी|लाल मृदा]] | ||
-[[काली मिट्टी|काली मृदा]] | -[[काली मिट्टी|काली मृदा]] | ||
||[[भारत]] में [[जलोढ़ मिट्टी|जलोढ़ (एल्यूवियल) मृदा]] सर्वाधिक क्षेत्र में पायी जाती | ||[[भारत]] में [[जलोढ़ मिट्टी|जलोढ़ (एल्यूवियल) मृदा]] सर्वाधिक क्षेत्र में पायी जाती है। | ||
{ | {किस प्रकार की [[मृदा]] में जुताई द्वारा भी सुधार किया जा सकता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-14 | ||
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-अम्लीय मृदा | -अम्लीय मृदा | ||
-[[क्षारीय मृदा]] | -[[क्षारीय मृदा]] | ||
+लवणीय मृदा | +लवणीय मृदा | ||
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-[[मुम्बई]] | -[[मुम्बई]] | ||
-[[कोलकाता]] | -[[कोलकाता]] | ||
||[[भारत]] | ||[[भारत|भारत देश]] में प्रतिदिन मौसम का पूर्वानुमान [[पुणे]] से प्राप्त होता है। | ||
{दाना हेतु [[ज्वार]] का प्रति हेक्टेयर बीज दर क्या | {दाना हेतु [[ज्वार]] का प्रति हेक्टेयर बीज दर क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-10 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+12 | +12 कि.ग्रा. | ||
-16 | -16 कि.ग्रा. | ||
-22 | -22 कि.ग्रा. | ||
-20 | -20 कि.ग्रा. | ||
||दाना हेतु ज्वार का प्रति हेक्टेयर बीज दर 12-15 | ||दाना हेतु ज्वार का प्रति हेक्टेयर बीज दर 12-15 कि.ग्रा. है। जबकि चारे की फ़सल के लिए बीज दर 30-35 कि.ग्रा. है। | ||
{[[सर्दी|जाड़े]] में बोए जाने वाले '[[गेहूँ]]' के लिए उपयुक्त मृदा तापक्रम कितना होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-13 | {[[सर्दी|जाड़े]] में बोए जाने वाले '[[गेहूँ]]' (Winter Wheat) के लिए उपयुक्त [[मिट्टी|मृदा]] तापक्रम कितना होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-13 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-5- | -5-3 °C | ||
+15- | +15-27 °C | ||
-12- | -12-20 °C | ||
-35- | -35-40 °C | ||
||सर्दी के मौसम में बोई जाने वाली [[गेहूँ]] की फ़सल के लिए उपयुक्त तापक्रम 15- | ||सर्दी के मौसम में बोई जाने वाली [[गेहूँ]] की फ़सल के लिए उपयुक्त तापक्रम 15-27 °C होना चाहिए। | ||
{खाद्य पदार्थों में [[यूरिया]] का वर्गीकरण किस रूप में किया जा सकता | {खाद्य पदार्थों में [[यूरिया]] का वर्गीकरण किस रूप में किया जा सकता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-74 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-उच्च ऊर्जा दाना | -उच्च ऊर्जा दाना | ||
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-असली [[प्रोटीन]] का स्त्रोत | -असली [[प्रोटीन]] का स्त्रोत | ||
+नॉन-प्रोटीन नाइट्रोजन | +नॉन-प्रोटीन नाइट्रोजन | ||
{ | {[[अमरुद]] लगाने की औसत दूरी कितननी होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-14 | ||
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-5 मी x 5 मी | -5 मी. x 5 मी. | ||
+6 मी x 6 मी | +6 मी. x 6 मी. | ||
-10 मी x 10 मी | -10 मी. x 10 मी. | ||
-8 मी x 8 मी | -8 मी. x 8 मी. | ||
|| | ||अमरुद= 6 मी. x 6 मी., [[अनार]] व अंजीर= 5 मी. x 5 मी., [[आम]]= 10 मी. x 10 मी., [[आँवला]]= 8 मी. x 8 मी. | ||
{ठण्डी परत पर छोटी-सी बूँद के रूप में नमी का संघनित होना कहलाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-84 | {ठण्डी परत पर छोटी-सी बूँद के रूप में नमी का संघनित होना कहलाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-84 | ||
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+सूँडी | +सूँडी | ||
-वयस्क | -वयस्क | ||
- | -कृमिकोष | ||
- | -उपरोक्त सभी | ||
||पोटैटो ट्यूलर मोथ का सामान्य नाम [[आलू]] की सूँडी है। यह लिपिडोप्टेरा के ग्लेचिडी कुल में आता है। यह कीट आलू, [[टमाटर]], [[बैंगन]] तथा [[तम्बाकू]] को क्षति पहुँचाता है। इस कीट की सूँडी क्षति की अवस्था है। | ||पोटैटो ट्यूलर मोथ का सामान्य नाम [[आलू]] की सूँडी है। यह लिपिडोप्टेरा के ग्लेचिडी कुल में आता है। यह कीट आलू, [[टमाटर]], [[बैंगन]] तथा [[तम्बाकू]] को क्षति पहुँचाता है। इस कीट की सूँडी क्षति की अवस्था है। | ||
{[[परिवार]] है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-20 | {[[परिवार]] क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-20 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-विशिष्ट प्रयोजनान्तर्गत बना समूह | -विशिष्ट प्रयोजनान्तर्गत बना समूह | ||
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-द्वितीयक समूह | -द्वितीयक समूह | ||
-औपचारिक समूह | -औपचारिक समूह | ||
{मृदा नमी माप की इकाई है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-14 | {[[मृदा]] नमी माप की इकाई क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-14 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-पी.एच. | -पी.एच. (pH) | ||
+पी.एफ. | +पी.एफ. (pF) | ||
-क्यू.से. | -क्यू.से. (Quceck) | ||
-ई.सी.सी. | -ई.सी.सी. (ECC) | ||
||पी.एफ-पी.एफ value मृदा नमी माप की इकाई है। | ||पी.एफ- पी.एफ value मृदा नमी माप की इकाई है। P-Poten 2 जिसका अर्थ होता है 10 पर घात। F का मतलब Force से है। pF मृत नमी का ऋणात्मक दाब का आंकिक मान अर्थात जल-कॉलम का सेमी से ऊँचाई का आधार 10 पर Logritum है। | ||
{[[अरहर]] के 200 | {[[अरहर]] के 200 कि.ग्रा. बीज उपचारित करने के लिए एक लीटर पानी, थाइराम 75% तथा डब्ल्यू.पी.डी. के कितने ग्राम की आवश्यकता पड़ती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-16 | ||
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+150 | +150 | ||
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-[[नवम्बर]] | -[[नवम्बर]] | ||
||[[शरद ऋतु|शरदकालीन]] [[गन्ना|गन्ने]] की बुआई [[अक्टूबर]] में की जाती है। इस गन्ने की कटाई भी अगले वर्ष लगभग अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में की जाती है। | ||[[शरद ऋतु|शरदकालीन]] [[गन्ना|गन्ने]] की बुआई [[अक्टूबर]] में की जाती है। इस गन्ने की कटाई भी अगले वर्ष लगभग अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में की जाती है। | ||
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||ऊँची-नीची व ढलुआ और रेगिस्तानी क्षेत्रों में 'छिड़काव' सिंचाई की उपयुक्त विधि है। | ||ऊँची-नीची व ढलुआ और रेगिस्तानी क्षेत्रों में 'छिड़काव' सिंचाई की उपयुक्त विधि है। | ||
{'मादा मैंगो-हॉपर्स' ( | {'मादा मैंगो-हॉपर्स' (Female Mango-hoppers) अपने अण्डे कहाँ देती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-15 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-पत्ती की ऊपरी सतह पर | -पत्ती की ऊपरी सतह पर | ||
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-पत्ती की मध्य शिरा के अंदर | -पत्ती की मध्य शिरा के अंदर | ||
-पत्ती के किनारे के ऊतकों के अंदर | -पत्ती के किनारे के ऊतकों के अंदर | ||
||मादा-मैंगो लीफ हॉपर्स पत्ती की निचली सतह पर अपने अण्डे देती है। यह कीट [[आम]] के पौधों को बहुत नुकसान पहुँचाता है। यह कीट अपने साथ स्टाइकेट सीट छोड़ता है, जिससे उसके ऊपर [[कवक]] का | ||मादा-मैंगो लीफ हॉपर्स पत्ती की निचली सतह पर अपने अण्डे देती है। यह कीट [[आम]] के पौधों को बहुत नुकसान पहुँचाता है। यह कीट अपने साथ स्टाइकेट सीट छोड़ता है, जिससे उसके ऊपर [[कवक]] का विकास हो जाता है। | ||
{स्वच्छ [[दुग्ध]] उत्पादन हेतु किस प्रकार का दुहाई-बर्तन सर्वोपरि होता है | {स्वच्छ [[दुग्ध]] उत्पादन हेतु किस प्रकार का दुहाई-बर्तन (Milking pail) सर्वोपरि होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-75 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[मिट्टी]] का बर्तन | -[[मिट्टी]] का बर्तन | ||
+डोम्ड बकैट | +डोम्ड बकैट (Domed Bucket) | ||
-साधारण टीन की बाल्टी | -साधारण टीन की बाल्टी | ||
-प्लास्टिक की बाल्टी | -प्लास्टिक की बाल्टी | ||
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-मटियार दोमट | -मटियार दोमट | ||
+मटियार | +मटियार | ||
||(1) | ||(1)दोमट - 18.1%, (2)चिकनी दोमट - 19.6%, (3)मटियार दोमट - 21.5%, (4)मटियार- 22.6% | ||
{[[भारत]] में कितने कृषि जलवायु क्षेत्र पाये जाते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-85 | {[[भारत]] में कितने कृषि जलवायु क्षेत्र पाये जाते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-85 | ||
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+15 | +15 | ||
-20 | -20 | ||
||भारत में 15 कृषि जलवायु क्षेत्र पाये जाते हैं, जो इस प्रकार से हैं- 1.पूर्वी हिमालय क्षेत्र 2.पश्चिमी हिमालय क्षेत्र 3.गंगा के पार का मैदानी क्षेत्र 4.मध्यवर्ती पठारी एवं पहाड़ी क्षेत्र 5.ऊपरी गंगा का मैदानी क्षेत्र 6.निचली गंगा मैदान क्षेत्र 7.पूर्वी पठारी और पहाड़ी क्षेत्र 8.मध्यवर्ती गंगा का मैदानी क्षेत्र 9.पूर्वी तटीय मैदान 10.[[गुजरात]] के मैदान तथा पहाड़ी क्षेत्र 11.पश्चिमी पठारी एवं | ||भारत में 15 कृषि जलवायु क्षेत्र पाये जाते हैं, जो इस प्रकार से हैं- 1.पूर्वी हिमालय क्षेत्र 2.पश्चिमी हिमालय क्षेत्र 3.[[गंगा]] के पार का मैदानी क्षेत्र 4.मध्यवर्ती पठारी एवं पहाड़ी क्षेत्र 5.ऊपरी गंगा का मैदानी क्षेत्र 6.निचली गंगा मैदान क्षेत्र 7.पूर्वी पठारी और पहाड़ी क्षेत्र 8.मध्यवर्ती गंगा का मैदानी क्षेत्र 9.पूर्वी तटीय मैदान 10.[[गुजरात]] के मैदान तथा पहाड़ी क्षेत्र 11.पश्चिमी पठारी एवं पहाड़ी क्षेत्र 12.द्वीप समूह क्षेत्र 13.दक्षिणी पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्र 14.पश्चिमी शुष्क क्षेत्र 15.पश्चिमी तटीय मैदानी पठारी क्षेत्र। | ||
{कौन-सा रसायन विपरीत लिंग के कीट को आकर्षित करता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-15 | {कौन-सा रसायन विपरीत लिंग के कीट को आकर्षित करता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-15 | ||
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-एलोमोन्स | -एलोमोन्स | ||
-केरोमोन्स | -केरोमोन्स | ||
|| | ||फेरोमोन्स नामक रसायन विपरीत लिंग के कीट को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह रसायन जंतुओं के बाह्य भागों से निकलता है। इसे दूक्तों हॉर्मेन्स भी कहते हैं। | ||
{[[वायु]] का वेग मापने हेतु किस उपकरण का उपयोग किया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-21 | {[[वायु]] का वेग मापने हेतु किस उपकरण का उपयोग किया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-21 | ||
पंक्ति 399: | पंक्ति 386: | ||
||[[वायु]] की शक्ति एवं वेग को अनीमोमीटर नामक उपकरण द्वारा मापा जाता है। | ||[[वायु]] की शक्ति एवं वेग को अनीमोमीटर नामक उपकरण द्वारा मापा जाता है। | ||
{[[फूलगोभी]] का 'व्हिपटेल' रोग निम्न में से किस एक की कमी के कारण | {[[फूलगोभी]] का 'व्हिपटेल' रोग निम्न में से किस एक की कमी के कारण होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-15 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[लोहा]] | -[[लोहा]] | ||
-[[क्लोरीन]] | -[[क्लोरीन]] | ||
-[[सोडियम]] | -[[सोडियम]] | ||
+ | +[[मोलिब्डेनम]] | ||
||[[फूलगोभी]] में 'व्हिपटेल' रोग | ||[[फूलगोभी]] में 'व्हिपटेल' रोग [[मोलिब्डेनम]] की कमी से होने लगता है। इसमें पत्ती पर्ण पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाती तथा सँकरी पत्ती की संरचना बन जाती है। | ||
{[[गेहूँ]] की सोनालिका किस्म निम्नलिखित में से किस रोग की रोगरोधी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-17 | {[[गेहूँ]] की सोनालिका किस्म निम्नलिखित में से किस रोग की रोगरोधी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-17 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+भूरा अथवा पत्ती कीट | +भूरा अथवा पत्ती कीट | ||
-पीला अथवा धारीदार कीट | -पीला अथवा धारीदार कीट | ||
-रतुआ रोग | -रतुआ रोग | ||
-कला अथवा तना कीट | -कला अथवा तना कीट | ||
||सोनालिका, प्रताप, मालविक, सुजाता मालवीय-55 आदि [[गेहूँ]] की किस्में भूरी गेरूई अथवा भूरा पत्ती कीट के लिए रोग रोधी है। | ||सोनालिका, प्रताप, मालविक, सुजाता मालवीय-55 आदि [[गेहूँ]] की किस्में भूरी गेरूई अथवा भूरा पत्ती कीट के लिए रोग रोधी है। | ||
{भूमि प्रबंध प्रणाली जिसमें [[कृषि]] एवं वनीय फ़सलें संयुक्त रूप में एक ही भू-भाग पर उगायी जाती हैं, कहलाती हैं (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-15 | {भूमि प्रबंध प्रणाली जिसमें [[कृषि]] एवं वनीय फ़सलें संयुक्त रूप में एक ही भू-भाग पर उगायी जाती हैं, क्या कहलाती हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-15 | ||
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-संरक्षित खेती पद्धति | -संरक्षित खेती पद्धति | ||
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-एले क्रॉपिंग पद्धति | -एले क्रॉपिंग पद्धति | ||
+एग्रोफॉरेस्ट्रीय पद्धति | +एग्रोफॉरेस्ट्रीय पद्धति | ||
||'एग्रोफॉरेस्ट्रीय पद्धति आश्रय देने वाली भूमि प्रबंध की वह पद्धति है, जो भूमि की उपज को बढ़ाती है, सस्यों को वन-पौधों तथा पशुओं को साथ-साथ या तदानन्तर, भूमि के उसी भाग पर मिलती है | ||'एग्रोफॉरेस्ट्रीय पद्धति आश्रय देने वाली भूमि प्रबंध की वह पद्धति है, जो भूमि की उपज को बढ़ाती है, सस्यों को वन-पौधों तथा पशुओं को साथ-साथ या तदानन्तर, भूमि के उसी भाग पर मिलती है और स्थानीय आबादी की कृषि क्रियाओं के साथ सही प्रबंधन रीति लागू करती है। | ||
{छिड़काव सिंचाई | {छिड़काव सिंचाई विधि की डिज़ाइन पौधों के किस भाग को [[पानी]] देने के लिए प्रयुक्त होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-12 | ||
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-पौधों के जड़-क्षेत्र को [[पानी]] देने के लिए | -पौधों के जड़-क्षेत्र को [[पानी]] देने के लिए | ||
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{अयन (Udder) से प्राप्त [[दूध]] के किस भाग में [[जीवाणु|जीवाणुओं]] की संख्या सबसे अधिक होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-76 | {अयन (Udder) से प्राप्त [[दूध]] के किस भाग में [[जीवाणु|जीवाणुओं]] की संख्या सबसे अधिक होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-76 | ||
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-अग्रिम दूध (Fore milk | -अग्रिम दूध (Fore milk) | ||
-मध्य दूध (Mid milk) | -मध्य दूध (Mid milk) | ||
+चुटकी दूध (Stripping milk) | +चुटकी दूध (Stripping milk) | ||
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{[[उत्तर प्रदेश]] में सर्वप्रिय [[गेहूँ]] की प्रजाति का नाम है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-16 | {[[उत्तर प्रदेश]] में सर्वप्रिय [[गेहूँ]] की प्रजाति का नाम है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-16 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+पी. | +पी. बी. डब्ल्यू.-343 | ||
-यू.पी. 2338 | -यू. पी.- 2338 | ||
-के- 7903 | -के- 7903 | ||
-के- 9107 | -के- 9107 | ||
||[[उत्तर प्रदेश]] की सबसे अधिक लोकप्रिय प्रजाति पी. | ||[[उत्तर प्रदेश]] की सबसे अधिक लोकप्रिय प्रजाति पी. बी. डब्ल्यू-343 है। के-9903 तथा के के-7107 खेती किस्म है। | ||
{डिस्क हल में सामान्ययता टिल्क कोण होता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-86 | {डिस्क हल में सामान्ययता टिल्क कोण होता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-86 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -10° | ||
- | -15° | ||
- | -20° | ||
+ | +45° | ||
{निम्न में कौन सा खाद 'किसान खाद' कहलाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-16 | {निम्न में कौन-सा खाद 'किसान खाद' कहलाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-16 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-अमोनियम सल्फेट | -अमोनियम सल्फेट | ||
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+कैल्सियम अमोनियम नाइट्रेट | +कैल्सियम अमोनियम नाइट्रेट | ||
-उपर्युक्त में कोई नहीं | -उपर्युक्त में कोई नहीं | ||
||कैल्सियम अमोनिया नाइट्रोजन को किसान खाद कहते हैं। इस खाद को हर प्रकार की भूमि प्रयोग कर सकते हैं, क्योंकि यह उदासीन होता है। इसमें [[नाइट्रोजन]] की मात्रा लगभग 25% तक होती है। | ||कैल्सियम अमोनिया नाइट्रोजन को किसान खाद कहते हैं। इस खाद को हर प्रकार की भूमि में प्रयोग कर सकते हैं, क्योंकि यह उदासीन होता है। इसमें [[नाइट्रोजन]] की मात्रा लगभग 25% तक होती है। | ||
{अंतर्राष्ट्रीय बीज परीक्षण संस्था की स्थापना कब हुई थी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-22 | {अंतर्राष्ट्रीय बीज परीक्षण संस्था की स्थापना कब हुई थी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-22 | ||
पंक्ति 490: | पंक्ति 475: | ||
||'अर्का नवनीत' [[बैंगन]] की गोल आकार के फल वाली किस्म है। | ||'अर्का नवनीत' [[बैंगन]] की गोल आकार के फल वाली किस्म है। | ||
{लाख में रेजिन का अंश होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-18 | {लाख में रेजिन का कितना अंश होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-18 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-28% | -28% | ||
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-सुरक्षित भूमि | -सुरक्षित भूमि | ||
+एरेबुल भूमि | +एरेबुल भूमि | ||
||आर्थिक और व्यावहारिक दोनों | ||आर्थिक और व्यावहारिक दोनों ही आधारों पर सफल उत्पादन वाली भूमि 'एरेबुल भूमि' कहलाती हैं। | ||
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||[[धान]] की फ़सल के लिए पानी की अधिक आवश्यकता होती है इसलिए इसमें पानी भरा रहना लाभप्रद है जबकि [[बाजरा]], [[मक्का]], [[चाय]] की फ़सल के लिए यह ध्यान रखना आवश्यक है इसमें पानी एक घंटे से ज्यादा न भरा रहें। | ||[[धान]] की फ़सल के लिए पानी की अधिक आवश्यकता होती है इसलिए इसमें पानी भरा रहना लाभप्रद है जबकि [[बाजरा]], [[मक्का]], [[चाय]] की फ़सल के लिए यह ध्यान रखना आवश्यक है इसमें पानी एक घंटे से ज्यादा न भरा रहें। | ||
{'इपीरीकैनिआ मिलैनोल्यूका' किसका परजीवी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-17 | {'इपीरीकैनिआ मिलैनोल्यूका' (Epiricania melanoleuca) किसका परजीवी (Parasitoid) है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-17 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-मकड़ी | -मकड़ी (Mites) | ||
-दीमक | -दीमक (Termite) | ||
+पायरिल्ला | +पायरिल्ला (Pyrilla) | ||
-कॉकरोच | -कॉकरोच (Cockroach) | ||
||'इपीरीकैनिआ मिलैनोल्यूका' पायरिल्ला का परजीवी कहलाता है। | ||'इपीरीकैनिआ मिलैनोल्यूका' पायरिल्ला का परजीवी कहलाता है। | ||
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||[[गाय]] में आदर्श शुष्क काल (Dry Period) दो महीने (60 दिन) का होता है। | ||[[गाय]] में आदर्श शुष्क काल (Dry Period) दो महीने (60 दिन) का होता है। | ||
{के.पी.जी.- 59 (उदय) प्रजाति किसकी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-17 | {के. पी. जी.- 59 (उदय) प्रजाति किसकी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-17 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-मटर | -मटर | ||
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-मसूर | -मसूर | ||
+[[चना]] | +[[चना]] | ||
||के.पी.जी.-59 (उदय) प्रजाति [[चना]] की है, जो एक पछेती प्रजाति है। [[नवम्बर]] के आखिरी सप्ताह से [[दिसम्बर]] के पहले सप्ताह तक इसकी बुआई कर | ||के.पी.जी.-59 (उदय) प्रजाति [[चना]] की है, जो एक पछेती प्रजाति है। [[नवम्बर]] के आखिरी सप्ताह से [[दिसम्बर]] के पहले सप्ताह तक इसकी बुआई कर सकते हैं। | ||
{पडलिंग का काम है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-87 | {पडलिंग का काम है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-87 | ||
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-P, MO, CO | -P, MO, CO | ||
+उपरोक्त सभी | +उपरोक्त सभी | ||
||[[नाइट्रोजन]] स्थिरीकरण में [[फॉस्फोरस]], [[सल्फर]], | ||[[नाइट्रोजन]] स्थिरीकरण में [[फॉस्फोरस]], [[सल्फर]], [[मोलिब्डेनम]], [[कोबाल्ट]] आदि तत्त्व भाग लेते हैं। | ||
{इनमें कौन-सा फारमर्स सीड है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-23 | {इनमें कौन-सा फारमर्स सीड है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-23 | ||
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-मधुमक्खी पालन | -मधुमक्खी पालन | ||
+रेशम कीट पालन | +रेशम कीट पालन | ||
-लाख उद्योग | -लाख उद्योग | ||
-मछली पालन | -मछली पालन | ||
||रेशम कीट पालन को 'सेरीकल्चर', मधुमक्खी पालन को 'एपीकल्चर' एवं मछली पालन को' 'पीसीकल्चर' कहते हैं। | ||रेशम कीट पालन को 'सेरीकल्चर', मधुमक्खी पालन को 'एपीकल्चर' एवं मछली पालन को' 'पीसीकल्चर' कहते हैं। | ||
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-पोटैशियम उर्वरक | -पोटैशियम उर्वरक | ||
+उपरोक्त सभी | +उपरोक्त सभी | ||
||[[भारत]] अभी भी नाइट्रोजनी उर्वरकों की अपनी खपत का 80% व फॉस्फेटी | ||[[भारत]] अभी भी नाइट्रोजनी उर्वरकों की अपनी खपत का 80% व फॉस्फेटी उर्वरकों की खपत का 70% ही उत्पादन कर पाता है। पोटाशी उर्वरक के लिए भारत पूरी तरह आयात पर निर्भर है। | ||
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+कल्टीवेटर | +कल्टीवेटर | ||
-समतल करने वाला पाटा | -समतल करने वाला पाटा | ||
||'कल्टीवेटर' | ||'कल्टीवेटर' सिंचाई सम्बंधी कार्य में प्रयोग नहीं किया जाता, यह जुताई के कार्य में प्रयोग होता है जबकि फावड़ा, खुर्पी, एवं समतल पाटा को सिंचाई कार्य में प्रयोग करते हैं। | ||
{'नेशनल प्लाण्ट प्रोटेक्शन ट्रैनिंग इन्स्टीट्यूट' (NPP-TI) स्थित है | {'नेशनल प्लाण्ट प्रोटेक्शन ट्रैनिंग इन्स्टीट्यूट' (NPP-TI) किस शहर में स्थित है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-18 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[बेंगलुरु]] | -[[बेंगलुरु]] | ||
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-[[चेन्नई]] | -[[चेन्नई]] | ||
-[[लखनऊ]] | -[[लखनऊ]] | ||
{'ऑपरेशन फ्लड' योजना सम्बंधित है | {'ऑपरेशन फ्लड' योजना किससे सम्बंधित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-78 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-कुक्कुट विकास | -कुक्कुट विकास | ||
+डेयरी विकास | +डेयरी विकास | ||
-भूमि संरक्षण | -भूमि संरक्षण | ||
-बाढ़ नियंत्रण | -बाढ़ नियंत्रण | ||
{मैदानी क्षेत्रों में राजमा की खेती की जाती है-(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-18 | {मैदानी क्षेत्रों में राजमा की खेती की जाती है-(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-18 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ | +ख़रीफ़ | ||
-रबी | -रबी | ||
- | -ज़ायद | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{[[भारत]] में सामुदायिक विकास कार्यक्रम कब प्रारम्भ हुआ था? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-88 | {[[भारत]] में सामुदायिक विकास कार्यक्रम कब प्रारम्भ हुआ था? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-88 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[2 अक्टूबर]], [[1950]] | -[[2 अक्टूबर]], [[1950]] | ||
+2 अक्टूबर,[[1952]] | +2 अक्टूबर,[[1952]] | ||
-2अक्टूबर, [[1951]] | -2अक्टूबर, [[1951]] | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||1.सामुदायिक विकास कार्यक्रम -[[2 अक्टूबर]], [[1952]], 2.[[योजना आयोग]] -2 अक्टूबर, [[1950]], 3.[[पंचवर्षीय योजना]] -2 अक्टूबर, [[1951]], 4.[[भूदान आंदोलन]] -2 अक्टूबर, [[1952]] | ||1.सामुदायिक विकास कार्यक्रम -[[2 अक्टूबर]], [[1952]], 2.[[योजना आयोग]] -2 अक्टूबर, [[1950]], 3.[[पंचवर्षीय योजना]] -2 अक्टूबर, [[1951]], 4.[[भूदान आंदोलन]] -2 अक्टूबर, [[1952]] | ||
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{नीचे दिये गये पोषक तत्त्वों में प्राथमिक पोषक तत्त्व नहीं है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-18 | {नीचे दिये गये पोषक तत्त्वों में प्राथमिक पोषक तत्त्व नहीं है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-18 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[नाइट्रोजन | -[[नाइट्रोजन]] | ||
+[[सल्फर | +[[सल्फर]] | ||
-[[पोटेशियम | -[[पोटेशियम]] | ||
-[[फास्फोरस | -[[फास्फोरस]] | ||
||प्राथमिक तत्त्व: 1.[[नाइट्रोजन]] 2.[[फास्फोरस]] 3.[[पोटेशियम|पोटाश]]। द्वितीयक तत्त्व: 1.[[कैल्सियम]], 2.[[मैग्नीशियम]] 3.[[सल्फर]]। | ||प्राथमिक तत्त्व: 1.[[नाइट्रोजन]] 2.[[फास्फोरस]] 3.[[पोटेशियम|पोटाश]]। द्वितीयक तत्त्व: 1.[[कैल्सियम]], 2.[[मैग्नीशियम]] 3.[[सल्फर]]। | ||
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-20-25% | -20-25% | ||
+इनमें से कोई नहीं | +इनमें से कोई नहीं | ||
||बीजों को उच्च | ||बीजों को उच्च प्रक्रिया और सुरक्षित संग्रहण के लिए अनुकूल नमी स्तर पर सुखाना चाहिए। अनुकूल नमी स्तर एक फ़सल की नसल से दूसरी फ़सल में बदलता रहता है। [[चावल|चावलों]] के उदाहरण में यह 13% तक, [[पत्तागोभी]] और [[तरबूज]] में 7% तक और [[मूली]] में यह 6% तक की भिन्नता रखता है। | ||
{'गोल्डन एकर' | {'गोल्डन एकर' किसकी प्रजाति है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-18 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[फूलगोभी]] | -[[फूलगोभी]] | ||
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-[[गाजर]] | -[[गाजर]] | ||
-प्याज | -प्याज | ||
{वैधानिक मानक के अनुसार [[माखन|मक्खन]] में कम-से-कम [[वसा]] का अंश होता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-20 | {वैधानिक मानक के अनुसार [[माखन|मक्खन]] में कम-से-कम [[वसा]] का अंश होता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-20 | ||
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-सहकारी उन्नत खेती | -सहकारी उन्नत खेती | ||
||सहकारी काश्तकारी खेती में भूमि का स्वामित्व सामूहिक होता है तथा खेती व्यक्तिगत स्तर पर करते हैं। | ||सहकारी काश्तकारी खेती में भूमि का स्वामित्व सामूहिक होता है तथा खेती व्यक्तिगत स्तर पर करते हैं। | ||
12:59, 18 जनवरी 2017 का अवतरण
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