"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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{वायुमण्डल में ओजोन परत का क्या कार्य है?(पृ.सं.- 662 | {[[वायुमण्डल]] में ओजोन परत का क्या कार्य है?(पृ.सं.- 662 | ||
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-[[प्रदूषण]] उत्पन्न करती है। | -[[प्रदूषण]] उत्पन्न करती है। | ||
-[[वायुमण्डल]] में [[ऑक्सीजन]] उत्पन्न करती है। | -[[वायुमण्डल]] में [[ऑक्सीजन]] उत्पन्न करती है। | ||
||'वायुमण्डल' [[पृथ्वी]] को चारों ओर से सैकड़ो कि.मी. की मोटाई में लपेटने वाले गैसीय आवरण को कहते हैं। [[वायुमण्डल]] विभिन्न गैसों का मिश्रण है, जो पृथ्वी को चारो ओर से घेरे हुए है। निचले स्तरों में वायुमण्डल का संघटन अपेक्षाकृत एक समान रहता है। वायुमण्डल में 'ओजोन परत' की पृथ्वी और उस पर रहने वाले जीवों के लिए बड़ी ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। यह परत [[सूर्य]] से आने वाली उच्च आवृत्ति की पराबैंगनी प्रकाश की 93-99% मात्रा अवशोषित कर लेती है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिये हानिकारक है। ओजोन परत की खोज [[1913]] में [[फ़्राँस]] के भौतिकविद फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वायुमण्डल]] | |||
{ | {निम्नलिखित में से किसमें सर्वाधिक लवणता पाई जाती है?पृ.सं. 705 | ||
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- | -कैस्पियन सागर | ||
- | -[[भूमध्य सागर]] | ||
- | -[[लाल सागर]] | ||
+ | +[[मृत सागर]] | ||
||[[चित्र:Dead-Sea-1.jpg|right|100px|मृत सागर]]'मृत सागर' अपने उच्च घनत्व के लिए जाना जाता है। इस [[सागर]] में तैराकों का डूबना लगभग असम्भव है। आम पानी की तुलना में [[मृत सागर]] के पानी में 20 गुना ज़्यादा [[ब्रोमिन]], 50 गुना ज़्यादा [[मैग्नीशियम]] तथा 10 गुना ज़्यादा [[आयोडिन]] उपस्थित रहता है। इस सागर के भौतिक गुणों का वर्णन स्वयं [[अरस्तु]] ने भी किया है। मृत सागर सदा से ही विदेशी सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। 65 किलोमीटर लम्बा और 18 किलोमीटर चौड़ा यह सागर अपने उच्च घनत्व के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि इस [[सागर]] में किसी का भी डूबना असम्भव है। मृत सागर में मुख्यत: जॉर्डन नदी और अन्य छोटी नदियाँ आकर गिरती हैं। हालाँकि इसमें कोई [[मछली]] जिंदा नहीं रह सकती, लेकिन इसमें [[बैक्टीरिया]] की 11 जातियाँ पाई जाती हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मृत सागर]] | |||
{निम्नलिखित में से कौन सा [[द्वीप]] प्रवाल द्वीप है? | {निम्नलिखित में से कौन-सा [[द्वीप]] प्रवाल द्वीप है? | ||
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-तसमानिया | -तसमानिया | ||
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-[[मालदीव]] | -[[मालदीव]] | ||
-[[रामेश्वरम]] | -[[रामेश्वरम]] | ||
||[[चित्र:Agatti-Island-Lakshadweep-2.jpg|right|100px|अगत्ती द्वीप समूह, लक्षद्वीप]]'लक्षद्वीप' [[भारत]] के दक्षिण-पश्चिम किनारे पर स्थित हैं। यह भारत का एकमात्र मूँगा द्वीप हैं। यहाँ के निवासी [[केरल]] के निवासियों से बहुत मिलते-जुलते हैं। यह [[द्वीप]] पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। सन [[1973]] में 'लक्कादीव', 'मिनीकाय' और 'अमीनदीवी' द्वीप समूहों का नाम '[[लक्षद्वीप]]' कर दिया गया था। लक्षद्वीप प्रवाल द्वीपों का एक समूह है, जिसमें 12 प्रवाल द्वीप, तीन प्रवाल भित्ति और जलमग्न बालू के तट शामिल हैं। यहाँ के कुल 27 द्वीपों में से 11 में आबादी है। यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य और शानदार समुद्र तट किसी को भी आकर्षित कर सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लक्षद्वीप]] | |||
{निम्नलिखित में से किस राज्य में "[[चिपको आंदोलन]]" आरम्भ किया गया था? | {निम्नलिखित में से किस राज्य में "[[चिपको आंदोलन]]" आरम्भ किया गया था? | ||
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-[[मध्य प्रदेश]] | -[[मध्य प्रदेश]] | ||
-[[झारखण्ड]] | -[[झारखण्ड]] | ||
+[[ | +[[उत्तराखण्ड]] | ||
-[[राजस्थान]] | -[[राजस्थान]] | ||
||[[चित्र:Chipko-Movement.jpg|right|80px|चिपको आंदोलन]]'चिपको आंदोलन' पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए किया गया एक महत्त्वपूर्ण आन्दोलन था। आन्दोलन के अंतर्गत [[26 मार्च]], [[1974]] ई. को [[उत्तराखण्ड]], जो पहले [[उत्तर प्रदेश]] का एक भाग था, के वनों में शांत और अहिंसक विरोध प्रदर्शन किया गया। उस साल जब उत्तराखंड के रैंणी गाँव के जंगल के लगभग ढाई हज़ार पेड़ों को काटने की नीलामी हुई, तो गौरा देवी नामक महिला ने अन्य महिलाओं के साथ इस नीलामी का विरोध किया। इसके बावजूद सरकार और ठेकेदार के निर्णय में कोई बदलाव नहीं आया। जब ठेकेदार के आदमियों ने पेड़ काटने की कोशिश की तो महिलाओं ने पेड़ों से चिपक कर उन्हें ललकारा कि पहले हमें काटो फ़िर इन पेड़ों को भी काट लेना। अंतत: ठेकेदार को जाना पड़ा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तराखण्ड]] | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सा 'टैगा जीवोम' है? | {निम्नलिखित में से कौन-सा 'टैगा जीवोम' है? |
07:29, 24 मार्च 2013 का अवतरण
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