"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Poet-Kalidasa.jpg|right|90px|कालिदास]]चौथी शताब्दी के उत्तरार्द्ध एवं पाँचवी शताब्दी के पूर्वार्द्ध में [[कालिदास]] द्वारा रचित '[[मालविकाग्निमित्रम्]]' [[संस्कृत]] ग्रंथ से [[पुष्यमित्र शुंग]] एवं उसके पुत्र [[अग्निमित्र]] के समय के राजनीतिक घटनाचक्र तथा [[शुंग वंश|शुंग]] एवं [[यवन]] संघर्ष का उल्लेख मिलता है। 'मालविकाग्निमित्रम्' श्रृंगार रस प्रधान पाँच अंकों का [[नाटक]] है। यह महाकवि कालिदास की प्रथम नाट्य कृति है; इसलिए इसमें वह लालित्य, माधुर्य एवं भावगाम्भीर्य दृष्टिगोचर नहीं होता, जो '[[विक्रमोर्वशीय]]' अथवा '[[अभिज्ञानशाकुन्तलम]]' में है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मालविकाग्निमित्रम्]] | ||[[चित्र:Poet-Kalidasa.jpg|right|90px|कालिदास]]चौथी शताब्दी के उत्तरार्द्ध एवं पाँचवी शताब्दी के पूर्वार्द्ध में [[कालिदास]] द्वारा रचित '[[मालविकाग्निमित्रम्]]' [[संस्कृत]] ग्रंथ से [[पुष्यमित्र शुंग]] एवं उसके पुत्र [[अग्निमित्र]] के समय के राजनीतिक घटनाचक्र तथा [[शुंग वंश|शुंग]] एवं [[यवन]] संघर्ष का उल्लेख मिलता है। 'मालविकाग्निमित्रम्' श्रृंगार रस प्रधान पाँच अंकों का [[नाटक]] है। यह महाकवि कालिदास की प्रथम नाट्य कृति है; इसलिए इसमें वह लालित्य, माधुर्य एवं भावगाम्भीर्य दृष्टिगोचर नहीं होता, जो '[[विक्रमोर्वशीय]]' अथवा '[[अभिज्ञानशाकुन्तलम]]' में है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मालविकाग्निमित्रम्]] | ||
{निम्नलिखित में से किसे 'द गोल्डन सिटी ऑफ़ 1000 टेंपल' कहा जाता है? | {निम्नलिखित में से किसे 'द गोल्डन सिटी ऑफ़ 1000 टेंपल' कहा जाता है? | ||
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+[[कांचीपुरम]] | +[[कांचीपुरम]] |
11:33, 13 मार्च 2013 का अवतरण
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