"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Ram-Jhula-Bridge.jpg|right|100px|राम झूला, ऋषिकेश, उत्तराखंड]]'उत्तराखंड' [[भारत]] के उत्तर में स्थित एक राज्य है। वर्ष [[2000]] और [[2006]] के बीच यह [[उत्तरांचल]] के नाम से जाना जाता था। [[9 नवम्बर]], 2000 को [[उत्तराखंड]] भारत गणराज्य के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। प्राचीन धर्मग्रंथों में उत्तराखंड का उल्लेख 'केदारखंड', 'मानसखंड' और 'हिमवंत' के रूप में मिलता है। लोककथा के अनुसार [[पांडव]] यहाँ पर आए थे और विश्व के सबसे बड़े [[महाकाव्य|महाकाव्यों]] [[महाभारत]] व [[रामायण]] की रचना भी यहीं पर हुई थी। प्राचीन काल में यहाँ मानव निवास के प्रमाण मिलने के बावजूद इस इलाक़े के इतिहास के बारे में बहुत कम जानकारी मिलती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तराखंड]] | ||[[चित्र:Ram-Jhula-Bridge.jpg|right|100px|राम झूला, ऋषिकेश, उत्तराखंड]]'उत्तराखंड' [[भारत]] के उत्तर में स्थित एक राज्य है। वर्ष [[2000]] और [[2006]] के बीच यह [[उत्तरांचल]] के नाम से जाना जाता था। [[9 नवम्बर]], 2000 को [[उत्तराखंड]] भारत गणराज्य के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। प्राचीन धर्मग्रंथों में उत्तराखंड का उल्लेख 'केदारखंड', 'मानसखंड' और 'हिमवंत' के रूप में मिलता है। लोककथा के अनुसार [[पांडव]] यहाँ पर आए थे और विश्व के सबसे बड़े [[महाकाव्य|महाकाव्यों]] [[महाभारत]] व [[रामायण]] की रचना भी यहीं पर हुई थी। प्राचीन काल में यहाँ मानव निवास के प्रमाण मिलने के बावजूद इस इलाक़े के इतिहास के बारे में बहुत कम जानकारी मिलती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तराखंड]] | ||
{निम्नलिखित विद्रोहों में से किसको [[बंकिमचंद्र चटर्जी]] ने अपने उपन्यास '[[ | {निम्नलिखित विद्रोहों में से किसको [[बंकिमचंद्र चटर्जी]] ने अपने उपन्यास '[[आनन्दमठ]]' में उल्लेख करके प्रसिद्ध किया? (पृ.सं. 30 | ||
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-[[भील विद्रोह]] | -[[भील विद्रोह]] | ||
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-विष्णुपुर तथा वीरभूम विद्रोह | -विष्णुपुर तथा वीरभूम विद्रोह | ||
+[[संन्यासी विद्रोह]] | +[[संन्यासी विद्रोह]] | ||
||'संन्यासी विद्रोह' [[भारत]] की आज़ादी के लिए [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] में [[अंग्रेज़]] सरकार के विरुद्ध किया गया एक प्रबल विद्रोह था। बंगाल में अंग्रेज़ी हुकूमत के क़ायम होने पर ज़मींदार, कृषक, शिल्पकार सभी की स्थिति बहुत बदतर हो गई थी। इसके अतिरिक्त बंगाल का 1770 ई. का भयानक [[अकाल]] तथा अंग्रेज़ी सरकार द्वारा इसके प्रति बरती गई उदासीनता इस विद्रोह का प्रमुख कारण थी। 'संन्यासी विद्रोह' की स्पष्ट जानकारी [[बंकिमचन्द्र चटर्जी]] के [[उपन्यास]] '[[आनन्दमठ]]' में मिलती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आनन्दमठ]] | |||
{वर्ष [[1946]] में बनी अंतरिम सरकार में [[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] के पास कौन-सा विभाग था? (पृ.सं. 31 | {वर्ष [[1946]] में बनी अंतरिम सरकार में [[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] के पास कौन-सा विभाग था? (पृ.सं. 31 | ||
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+खाद्य तथा कृषि | +खाद्य तथा कृषि | ||
-[[वित्त मंत्रालय|वित्त विभाग]] | -[[वित्त मंत्रालय|वित्त विभाग]] | ||
||[[चित्र:Dr.Rajendra-Prasad.jpg|right|100px|डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]][[भारत]] के प्रथम [[राष्ट्रपति]] [[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के धनी और विद्वान थे। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद 'इंडियन नेशनल कांग्रेस' के एक से अधिक बार अध्यक्ष रहे थे। सन [[1934]] में [[बम्बई]] में हुए 'इंडियन नेशनल कांग्रेस' के अधिवेशन की अध्यक्षता उन्होंने की थी। [[1946]] में [[जवाहर लाल नेहरू]] के नेतृत्व में बारह मंत्रियों के साथ एक अंतरिम सरकार बनी थी। इसमें राजेन्द्र प्रसाद 'कृषि और खाद्य मंत्री' नियुक्त हुए। यह काम उन्हें पसन्द था और वह तुरन्त काम में जुट गये। देश में इस समय खाद्य पदार्थों की बहुत कमी थी और उन्होंने खाद्य पदार्थों का उत्पादन बढ़ाने के लिये योजना भी बनाई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] | |||
{[[भगत सिंह]] एवं [[बटुकेश्वर दत्त]] ने 'असेम्बली बमकांड' की घटना को कब अंजाम दिया?(भारतकोश) | {[[भगत सिंह]] एवं [[बटुकेश्वर दत्त]] ने 'असेम्बली बमकांड' की घटना को कब अंजाम दिया?(भारतकोश) | ||
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-[[13 अप्रैल]], [[1919]] | -[[13 अप्रैल]], [[1919]] | ||
-[[7 अप्रैल]], [[1905]] | -[[7 अप्रैल]], [[1905]] | ||
||[[चित्र:Bhagat-Singh.gif|right|100px|भगत सिंह]]भगत सिंह [[भारत]] के अमर शहीद क्रांतिकारियों में गिने जाते हैं। [[अंग्रेज़]] सरकार [[दिल्ली]] की असेंबली में 'पब्लिक सेफ्टी बिल' और 'ट्रेड डिस्प्यूट्स बिल' लाने की तैयारी में थी। ये बहुत ही दमनकारी क़ानून थे और अंग्रेज़ सरकार इन्हें पास करने का फैसला कर चुकी थी। क्रांतिकारियों द्वारा [[8 अप्रैल]], [[1929]] का दिन असेंबली में बम फेंकने के लिए तय हुआ और इस कार्य के लिए [[भगत सिंह]] एवं [[बटुकेश्वर दत्त]] निश्चित हुए। यह भी तय हुआ कि जब [[वायसराय]] 'पब्लिक सेफ्टी बिल' को क़ानून बनाने के लिए प्रस्तुत करे, ठीक उसी समय धमाका किया जाए और ऐसा ही किया भी गया। जैसे ही बिल संबंधी घोषणा की गई तभी भगत सिंह ने बम फेंका।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भगत सिंह]] एवं [[बटुकेश्वर दत्त]] | |||
{निम्नलिखित में से कौन '[[जलियाँवाला बाग़|जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड]]' के लिए ज़िम्मेदार था?(भारतकोश) | {निम्नलिखित में से कौन '[[जलियाँवाला बाग़|जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड]]' के लिए ज़िम्मेदार था?(भारतकोश) |
10:18, 13 मार्च 2013 का अवतरण
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