"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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||भवभूति लगभग 700 ई. पूर्व एक प्रसिद्ध भारतीय नाटककार और [[कवि]] थे, जिनके [[संस्कृत भाषा]] में लिखे गये [[नाटक]] अपने रहस्य और सजीव चरित्र चित्रण के लिखे विख्यात हैं। [[भवभूति]] द्वारा लिखे गये नाटक [[महाकवि कालिदास]] के श्रेष्ठ नाटकों की बराबरी करते हैं। भवभूति [[विदर्भ]] ([[महाराष्ट्र]] राज्य) के [[ब्राह्मण]] थे। वे [[कन्नौज]] (प्राचीन '[[कान्यकुब्ज]]', [[उत्तर प्रदेश]] राज्य) के राजा [[यशोवर्मन]] के दरबार में थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भवभूति]] | |||
{[[कौटिल्य]] के [[अर्थशास्त्र]] को खोज निकालने एवं उस पर प्रामाणिक प्रकाश डालने का श्रेय किस इतिहासकार को प्राप्त है? (पृ.सं. 173 | {[[कौटिल्य]] के [[अर्थशास्त्र]] को खोज निकालने एवं उस पर प्रामाणिक प्रकाश डालने का श्रेय किस इतिहासकार को प्राप्त है? (पृ.सं. 173 | ||
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-डॉ. जौली | -डॉ. जौली | ||
-विण्टरनित्स | -विण्टरनित्स | ||
+आर्चार्य | +आर्चार्य शामशास्त्री | ||
-डी. आर. भंडारकर | -डी. आर. भंडारकर | ||
||[[चित्र:Chanakya.jpg|right|100px|कौटिल्य]]'कौटिल्य' को 'चाणक्य' एवं 'विष्णुगुप्त' नाम से भी जाना जाता है। इन्होंने '[[अर्थशास्त्र ग्रंथ|अर्थशास्त्र]]' नामक एक [[ग्रन्थ]] की रचना की थी, जो तत्कालीन राजनीति, अर्थनीति, [[इतिहास]], आचरण शास्त्र, [[धर्म]] आदि पर भली-भाँति प्रकाश डालता है। 'अर्थशास्त्र' [[मौर्य काल]] के समाज का दर्पण है, जिसमें समाज के स्वरूप का सर्वांग देखा जा सकता है। 20वीं शती में शामशास्त्री और गणपति शास्त्री ने अर्थशास्त्र की खोज की और उसे सम्पादित करके प्रकाशित किया। शामशास्त्री ने इसका [[अंग्रेज़ी]] अनुवाद [[1915]] में [[मैसूर]] से प्रकाशित किया था। गणपति शास्त्री ने इस पर एक [[टीका]] [[संस्कृत]] में लिखी थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कौटिल्य]] | |||
{[[वेदव्यास|कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास]] ने प्रसिद्ध '[[महाभारत]]' ग्रंथ का प्रणयन किया। वह स्थल कौन-सा माना जाता है, जहाँ बैठकर व्यास ने इस [[ग्रंथ]] का प्रणयन किया? (पृ.सं. 171 | {[[वेदव्यास|कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास]] ने प्रसिद्ध '[[महाभारत]]' ग्रंथ का प्रणयन किया। वह स्थल कौन-सा माना जाता है, जहाँ बैठकर व्यास ने इस [[ग्रंथ]] का प्रणयन किया? (पृ.सं. 171 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[हिमालय]] | -[[हिमालय]] | ||
+[[उत्तराखंड]] | +[[उत्तराखंड]] | ||
-[[कांची]] | -[[कांची]] | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||[[चित्र:Ram-Jhula-Bridge.jpg|right|100px|राम झूला, ऋषिकेश, उत्तराखंड]]'उत्तराखंड' [[भारत]] के उत्तर में स्थित एक राज्य है। वर्ष [[2000]] और [[2006]] के बीच यह [[उत्तरांचल]] के नाम से जाना जाता था। [[9 नवम्बर]], 2000 को [[उत्तराखंड]] भारत गणराज्य के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। प्राचीन धर्मग्रंथों में उत्तराखंड का उल्लेख 'केदारखंड', 'मानसखंड' और 'हिमवंत' के रूप में मिलता है। लोककथा के अनुसार [[पांडव]] यहाँ पर आए थे और विश्व के सबसे बड़े [[महाकाव्य|महाकाव्यों]] [[महाभारत]] व [[रामायण]] की रचना भी यहीं पर हुई थी। प्राचीन काल में यहाँ मानव निवास के प्रमाण मिलने के बावजूद इस इलाक़े के इतिहास के बारे में बहुत कम जानकारी मिलती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तराखंड]] | |||
{निम्नलिखित विद्रोहों में से किसको [[बंकिमचंद्र चटर्जी]] ने अपने उपन्यास '[[आनन्द मठ]]' में उल्लेख करके प्रसिद्ध किया? (पृ.सं. 30 | {निम्नलिखित विद्रोहों में से किसको [[बंकिमचंद्र चटर्जी]] ने अपने उपन्यास '[[आनन्द मठ]]' में उल्लेख करके प्रसिद्ध किया? (पृ.सं. 30 |
09:53, 13 मार्च 2013 का अवतरण
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