दुर्मति संवत्सर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

दुर्मति हिन्दू धर्म में मान्य संवत्सरों में से एक है। यह 60 संवत्सरों में 55वाँ है। इस संवत्सर के आने पर विश्व में राजाओं की बुद्धि विकृत हो जाती है और वर्षा मध्यम होती है। इस संवत्सर का स्वामी पितरों को कहा गया है।

  • दुर्मति संवत्सर में जन्म लेने वाला शिशु अपने वचन को पूरा करने में अभिमान करने वाला, प्रसन्नता से रहित, कामी, कुकर्मी तथा दुर्बुद्धि होगा।
  • ब्रह्माजी ने सृष्टि का आरम्भ चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से किया था, अतः नव संवत का प्रारम्भ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है।
  • हिन्दू परंपरा में समस्त शुभ कार्यों के आरम्भ में संकल्प करते समय उस समय के संवत्सर का उच्चारण किया जाता है।
  • संवत्सर 60 हैं। जब 60 संवत पूरे हो जाते हैं तो फिर पहले से संवत्सर का प्रारंभ हो जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख