गोपिकाबाई
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गोपिकाबाई (अंग्रेज़ी: Gopikabai) मराठा इतिहास में प्रमुख स्थान रखने वाले बालाजी बाजीराव की पत्नी थीं। वह बहुत ही धार्मिक और रूढ़िवादी स्वभाव की थीं। जब पेशवा बालाजी विश्वनाथ की पत्नी राधाबाई ने उन्हें पहली बार देखा, तब वह उनकी धार्मिक गतिविधियों से काफी प्रभावित हुई थीं।
- जब बालाजी बाजीराव पेशवा बन गए, तब गोपिकाबाई का अन्य महिलाओं के साथ रिश्ता बिगड़ गया। जिसके बाद उनका आनंदीबाई के साथ काफी विवाद रहा। जिनकी शादी उनके पति के भाई रघुनाथराव से हुई थी।
- गोपीकाबाई ने पार्वतीबाई की भतीजी पर आरोप लगाया कि वह राधिकाबाई की बीमारी और पानीपत की तीसरी लड़ाई के दौरान अपने बेटे विश्वासराव की मौत का कारण थी। जब उनके पति की मृत्यु हो गई, तब उनका बेटा माधवराव प्रथम मराठा साम्राज्य के पेशवा बने।
- वर्ष 1773 में तपेदिक की गंभीर बीमारी से उनके बेटे माधवराव प्रथम की मृत्यु हो गई।
- जब उनके तीसरे बेटे नारायणराव की हत्या कर दी गई, तब उन्होंने अपनी जिन्दगी को गरीबी में बिताया। उस समय वह नासिक में सरदारों के समाज में भीख मांगती थी।
- एक बार राधिकाबाई ने गोपीकाबाई को भीख मांगते हुए देखा, जब गोपिकाबाई उनसे दान मांगती है। गोपीकाबाई ने इन सब के लिए पुनः राधिकाबाई पर आरोप लगाया।
- गोपिकाबाई का 11 अगस्त 1778 को जल की कमी होने के कारण निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार राधिकाबाई ने ही किया था और नासिक में गोदावरी नदी के तट पर एक रोशनी का टॉवर बनाया। हालांकि, वर्ष 1961 में बाढ़ के दौरान उन गहरे इलाकों में तबाही हुई थी।
- वर्ष 2018 में हिन्दी फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने पानीपत की तीसरी लड़ाई पर ‘पानीपत’ नाम की एक फिल्म बनाने के लिए एक परियोजना शुरू की, जिसमें पद्मिनी कोल्हापुरे ने गोपीकाबाई की भूमिका निभाई।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गोपिकाबाई (बालाजी बाजीराव की पत्नी) जीवन परिचय (हिंदी) hindi.starsunfolded.com। अभिगमन तिथि: 21 नवंबर, 2021।
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